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Brahmacharya App: Self-Control, Peace, and Success

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Brahmacharya App: Self-Control, Peace, and Success Latest Questions

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Asked: December 26, 2024

Kya Brahmacharya 30 Days me Effect Dikhata Hai?

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  1. Vishnu Gupta
    Best Answer
    Vishnu Gupta Yogi
    Added an answer on December 26, 2024 at 10:39 am

    नमस्कार, हमारे बहुत से भाई ये कहते हैं कि तीस दिन हमने ब्रह्मचर्य पालन किया, हमें तो कोई खास फर्क दिखा नहीं,तो आज हम जानेंगे कि ऐसा क्यों होता है।   तीस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करके कोई फायदा न मिलने पर आपकी स्थिति कुछ ऐसी हो सकती है जैसे कोई इंसान तीस दिन बिना नमक के खाना खा ले और फिर सोच रहा हRead more

    नमस्कार, हमारे बहुत से भाई ये कहते हैं कि तीस दिन हमने ब्रह्मचर्य पालन किया, हमें तो कोई खास फर्क दिखा नहीं,तो आज हम जानेंगे कि ऐसा क्यों होता है।

     

    तीस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करके कोई फायदा न मिलने पर आपकी स्थिति कुछ ऐसी हो सकती है जैसे कोई इंसान तीस दिन बिना नमक के खाना खा ले और फिर सोच रहा हो, अब यह जादू कब होगा। असल में ब्रह्मचर्य पालन का प्रचार ऐसा होता है जैसे इससे जिंदगी में सब कुछ बदल जाएगा—मसल्स आ जाएंगी, बाल झड़ने बंद हो जाएंगे, सिक्स पैक एब्स अपने आप प्रकट हो जाएंगे और आप दुनिया के अगले सुपर हीरो बन जाएंगे। लेकिन जब ऐसा नहीं होता तो स्वाभाविक रूप से इंसान सोचता है, “भाई, ये कौन सा खेल चल रहा है?”

     

    पहले तो हम यह बात कर लेते हैं कि तीस दिन ब्रह्मचर्य पालन की हरकत कैसी रहती है आपकी। पहले हफ्ते में आपको लगेगा कि, “वाह, मैं दुनिया के सारे पापों से मुक्त हो गया हूं। अब तो मैं सीधे हिमालय पर जाकर सिद्धि प्राप्त करूंगा।” आप घर में इधर-उधर घूमते हैं जैसे आप कोई महान तपस्वी हैं। “नहीं भैया, अब मैं कोई भी काम करते वक्त विचलित नहीं होने वाला।” पहला हफ्ता तो जबरदस्त निकलता है। कोई अतरंगी ख्याल भी आता है तो आप उसे ऐसे टाल देते हैं जैसे उसने आपका बैंक बैलेंस चेक करने की कोशिश की हो। रोज सुबह उठकर आप सोचते हैं, “आज तो मेरा तेज बढ़ गया है, मेरे अंदर एक ऊर्जा का ज्वार उठ रहा है।” लेकिन असल में वो ऊर्जा कम और नींद ज्यादा होती है।

     

    अब बात आती है दूसरे हफ्ते की। अब तक आपके मन में सवाल उठने शुरू हो जाते हैं, “भैया, यह हो क्या रहा है? मैं इतना कुछ छोड़ रहा हूं, लेकिन कुछ हासिल तो हो।” फिर आपको धीरे-धीरे एहसास होने लगता है कि ब्रह्मचर्य पालन सिर्फ मानसिक व्यायाम नहीं, बल्कि धैर्य का इम्तिहान भी है। और धैर्य? वो तो, भाई साहब, आपके पास उतना ही है जितना एक बिल्ली के पास दूध का कटोरा देखते वक्त होता है। फिर आप खुद को समझाते हैं, “अरे नहीं, यह सिर्फ एक शुरुआत है। महान तपस्वी ने भी पहले हफ्ते में आलस महसूस किया होगा।” और यहीं पर आपकी कॉमिक यात्रा शुरू होती है।

     

    अब आता है तीसरा हफ्ता। अब तक आपका दिमाग भी मानो हनीमून पीरियड से बाहर आ चुका होता है। अब आप घर में जहां भी देखते हैं, वहां आपको विकर्ष नजर आता है। टीवी चालू करते ही अचानक से विज्ञापन में चॉकलेट खाने वाली मॉडल दिख जाती है। आप सोचते हैं, “अरे यार, ये चॉकलेट खाने वाली मॉडल का विज्ञापन ही क्यों बना? चॉकलेट तो वैसे भी नुकसान करती है।” रात में जब सोने जाते हैं तो दिमाग आपको याद दिलाता है, “तू कितने दिनों से ब्रह्मचारी बना हुआ है। कुछ मजा आ रहा है क्या? नहीं? तो चलो सोचते हैं।” बस यहीं से शुरू होती है मन के अंदर की महाभारत। अर्जुन आप हैं और आपका मन दुर्योधन जैसा है। वो आपको हर हालत में विचलित करने की कोशिश करता है।

     

    फिर आता है चौथा हफ्ता। अब तो आप ऐसा महसूस करने लगते हैं जैसे आप खुद से लड़ाई लड़ रहे हैं। शरीर कहता है, “छोड़ो यार, अब ये ब्रह्मचर्य व्रत खत्म करो।” दिमाग कहता है, “नहीं, बस कुछ दिन और। तुम्हें फायदा मिलेगा।” और दिल? दिल तो हमेशा बगल में बैठकर हंस रहा होता है। आप सोचते हैं, “इतने दिनों तक मस्तिष्क पर ब्रेक लगाई। अब तो किसी दैवीय शक्ति का वरदान मिलेगा। कोई तीसरी आंख खुलेगी।” लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता। आपके हाथ में होता है सिर्फ मोबाइल और उस पर नोटिफिकेशन आ रहा होता है, “पाँच प्रतिशत बैटरी बची है।”

     

    फिर आप इंटरनेट पर ब्रह्मचर्य का सही फायदा सर्च करते हैं। लेकिन जो मिलता है वो सिर्फ कुछ फिलॉसॉफिकल बातें होती हैं। और आप देखते हैं कि असल में तो कुछ हुआ ही नहीं। फिर आप इस मुकाम पर पहुंचते हैं कि, “छोड़ो यार, चलो चलते हैं क्रोम ब्राउजर पर।” और ढूंढते हैं मियां खलीफा को। और फिर किसी खोपचे में जाकर कहानी शुरू हो जाती है।

     

    लेकिन रुकिए। आपको ऐसी हरकत करने की कोई जरूरत नहीं है। आपको ब्रह्मचर्य का फायदा शायद नहीं दिखेगा, लेकिन मजा इस बात में है कि आप खुद को तीस दिन तक किसी चैलेंज में रख पाए। वैसे भी सुपर हीरो बनने का कोई कोर्स तो होता नहीं। और जो भी हो, चाहे फायदा मिले या न मिले, यह अनुभव हमेशा याद रहेगा।

     

    तीस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करने के फायदे मिलते हैं या नहीं, यह समझना ज़रूरी है। ब्रह्मचर्य के तीस दिनों के फायदे वैसे तो होते हैं, लेकिन ये फायदे सीधे तौर पर दिखाई नहीं देते। इसका कारण यह है कि ये फायदे कुछ ऐसे होते हैं जैसे कोई इंसान ग्रीन टी पीने के बाद सोच रहा हो कि अब एक महीने में उसे मार्वल का सुपर हीरो बना दिया जाएगा। असल में फायदे होते हैं, परंतु वे बहुत ही छोटे होते हैं। जैसे आपके दिमाग में थोड़ी शांति आना या फिर थोड़ा कम विचलित महसूस करना।

     

    मगर, हम इंसान तो तुरंत सुपर पावर की उम्मीद करने लगते हैं कि, “भाई, तीस दिन हो गए, अब तो कोई चमत्कार हो जाए।” लेकिन ब्रह्मचर्य का असर कुछ ऐसा नहीं होता कि आप सुबह उठें और अचानक बौद्ध भिक्षु जैसा महसूस करें।

     

    अब सवाल यह है कि फायदे कहां हैं? सोचिए, आप ब्रह्मचर्य का पालन कर रहे हैं और आपको लगता है कि, “अरे, मैंने तो अब तक दुनिया जीत ली है।” असल में आपका दिमाग आपको हल्का-फुल्का शांत करने के चक्कर में होता है। यह कुछ ऐसा है जैसे कोई इंसान बहुत दिनों तक मिठाई नहीं खाता और फिर उसे हल्की मिठास भी बहुत तीखी लगने लगती है। यही आपके साथ हो रहा है।

     

    लेकिन फायदा है, यकीन मानिए। अब मान लीजिए कि आप तीस दिन तक सफल रहे और आपको कोई बड़ा सुपर पावर नहीं मिला, फिर भी फायदा हुआ। कैसे? आपके अंदर धैर्य आया है। अरे, वह भी तो एक फायदा है। अब सोचिए, अगर आप इस दौरान नेटफ्लिक्स की कोई वेब सीरीज़ देख रहे होते तो धैर्य कहां से आता?

     

    एक और फायदा यह है कि आपको सेल्फ कंट्रोल मिला है। जैसे, आप अकेले घर में बैठे हैं और सोच रहे हैं कि पिज़्ज़ा ऑर्डर किया जाए। तभी आवाज आती है, “नहीं, मैं ब्रह्मचर्य पर हूं।” यही होता है सच्चा फायदा। हां, आपको मसल्स या सुपरपावर तो नहीं मिलीं, लेकिन आप पिज़्ज़ा से बच गए। इससे बड़ा फायदा और क्या होगा?

     

    तो फायदा मिलता है, बस उसे ढूंढना पड़ता है। ये फायदे बाहरी नहीं होते, कोई चमत्कारी परिवर्तन की उम्मीद मत रखिए। असल में ब्रह्मचर्य आपको अपने आप पर काबू करना सिखाता है। यह कुछ ऐसा है जैसे ट्रेनिंग में बॉक्सर पहले महीनों तक पंचिंग बैग को मारते हैं और सोचते हैं, “यार, मैं किसी को क्यों नहीं गिरा पा रहा।” लेकिन वो ट्रेनिंग होती है।

     

    ब्रह्मचर्य भी आपके मानसिक पंचिंग बैग को मारने जैसा है। फायदा दिखेगा नहीं, लेकिन असर होगा। और अगर आपको लगता है कि कोई फायदा नहीं हुआ, तो भाई साहब, हो सकता है आपको थोड़ा और समय देना पड़े। रोम भी एक दिन में नहीं बना था और ब्रह्मचर्य से मांसपेशियां भी एक दिन में नहीं बनेंगी। थोड़ा समय तो लगेगा।

     

    आखिरकार, ब्रह्मचर्य के फायदे होते हैं, परंतु वे बहुत धीरे-धीरे आपकी जिंदगी में उतरते हैं। यह कुछ ऐसा है जैसे किसी ने चुपके से आपके नल में एक ऐसा फिल्टर लगा दिया हो, जो पानी की बूंद-बूंद को साफ कर रहा हो।

     

    तीस दिनों के बाद आप कह सकते हैं, “यार, फायदा तो हुआ, बस वो टेलीविजन एड जैसा नहीं है जहां चमक-दमक हो।” तो हिम्मत रखिए। और अगर आप तीस दिनों में कोई सुपर पावर नहीं पा सके, तो सोचिए, कम से कम आपके पास मजेदार कहानियां और अनुभव तो हैं। जैसे, “यार, मैंने तीस दिन ब्रह्मचर्य का पालन किया और कोई सुपर हीरो तो नहीं बना, पर हां, अब पिज़्ज़ा से जरूर बच जाता हूं।”

     

    तो भाइयों यही कहना चाहता हूँ,कि थोड़ा धैर्य रखना पड़ता है,तपना पड़ता है तब निखार आता है।

    आज के लिए इतना ही शेष चर्चा फिर कभी करेंगे।।

     

    ।।राधे राधे।।

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Asked: December 20, 2024In: गृहस्थ जीवन और ब्रह्मचर्य (Brahmacharya in Family Life)

Shaadi se pehle Brahmacharya important kyun hai?

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Brahmacharyamarriage life
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Asked: December 26, 2024In: चुनौतियाँ और समाधान

नींद पे काबू कैसे पीए?

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Garmiyo mai me 3:45Am pe uth jata tha , abhi subah ka taapman 7-8° chala jata hai , kuch dino se subah nahi uth pa raha , kya krna chahiye?

  1. Aditya
    Aditya Vidyarthi (Scholar)
    Added an answer on December 26, 2024 at 1:43 pm

    Sir , sbse pahle to aap ye sunishchit kijiye ki aap jaldi soo rhe h yaa nhi . Aur sbse important aap iss chiz ka dhyaan rkhe ki aap raat me soone se 3 hrs pahle apna bhojan kr le rhe h aur saath hi saath bhojan aapka bahot halka hona chahiye raat ka plus aap apne dinn ka overall diet pr dhyaan se aaRead more

    Sir , sbse pahle to aap ye sunishchit kijiye ki aap jaldi soo rhe h yaa nhi . Aur sbse important aap iss chiz ka dhyaan rkhe ki aap raat me soone se 3 hrs pahle apna bhojan kr le rhe h aur saath hi saath bhojan aapka bahot halka hona chahiye raat ka plus aap apne dinn ka overall diet pr dhyaan se aapko dinn me bhi santulit bhojan Krna h , n hi jyada n hi km …

    Ab aaiye jaante h ki kya krne se aapko madad mil skti h subh me jaldi uthne me …..ye totally proved aur experienced method h

    Try kren ki aap soone se 3 hrs pahle apna screenoff kr den, soone se 30min pahle aap music/by own meditate kre aur ek gehre dhyaan me jaaye ….

    Aapko lage ki 30 min se jyada ho chuka h aur ab soona chahiye to soo jaiye bs soone se pahle ek affirmation kijiyega ki : mujhe subh me jaldi uthna h , mai kal pura dinn full energetic rhunga aur mai kal jaldi uthunga bhi …

    Dhanyawad 🙏🙏🙏

    ~ aapka hi chhota bhai ( Aditya )

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Vishnu Gupta
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Vishnu GuptaYogi
Asked: December 19, 2024In: ब्रह्मचर्य का परिचय

ब्रह्मचर्य और अध्यात्म का क्या सम्बन्ध है?

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ब्रह्मचर्य और अध्यात्म का क्या सम्बन्ध है?

  1. Vishnu Gupta
    Best Answer
    Vishnu Gupta Yogi
    Added an answer on December 19, 2024 at 10:08 am

    नमस्कार मित्रों, आज हम बात करने वाले हैं कि ब्रह्मचर्य और आध्यात्मिकता यानी स्प्रिचुएलिटी इन दोनों पक्ष में क्या सम्बन्ध है और दोनों एक दूसरे के ऊपर निर्भर कैसे हैं, इस विषय पर आज हम चर्चा करने वाले हैं।। कई मित्रों के ऐसे प्रश्न आते रहते हैं, कि हम ब्रह्मचर्य पालन करने का सोच तो लेते हैं, संकल्प तोRead more

    नमस्कार मित्रों, आज हम बात करने वाले हैं कि ब्रह्मचर्य और आध्यात्मिकता यानी स्प्रिचुएलिटी इन दोनों पक्ष में क्या सम्बन्ध है और दोनों एक दूसरे के ऊपर निर्भर कैसे हैं, इस विषय पर आज हम चर्चा करने वाले हैं।।

    कई मित्रों के ऐसे प्रश्न आते रहते हैं, कि हम ब्रह्मचर्य पालन करने का सोच तो लेते हैं, संकल्प तो कर लेते हैं, मगर बाद में हो नहीं पाता, और कुछ भी मन में गलत आने से वो संकल्प टूट जाता है, कोई हस्त क्रिया कर देता है, कोई गंदी वीडियो देख लेता है जिससे फिर उसे नाईट फॉल हो जाता है, मतलब किसी ना किसी तरीके से ब्रह्मचर्य का नाश हो जाता है।।

    तो मित्रों, ये मै अपने खुद के अनुभव से कह रहा हूँ कि केवल और केवल आध्यात्मिकता ही एकमात्र ऐसी स्थिति है जिससे ब्रह्मचर्य पालन आसान हो जाता है, कैसे आसान हो जाता है?, अगर मै ये कहूँ कि मन को वश में रखिए, मन को काबू में रखिये, मन में गलत विचार नहीं आने चाहिए, तो कैसे नहीं आएंगे, वो तो आएंगे।।

    अब जैसे आप किसी बच्चे से कहो कि बेटा, ये तलवार है, ये चाकू है, ये छुरी है, इसे हाथ मत लगाना तो क्या वो राजी से मानेगा?, अगर बच्चा सड़क पर जा रहा है, तो आप उसे प्यार से नहीं समझाओगे कि इधर आ जाओ, बल्कि खींच कर ले आओगे, क्योंकि आप भी जानते हो कि बच्चा है, अगर वो तेज गति से रोड की तरफ जा रहा है, तो आपके केवल कहने से वापस नहीं आ जाएगा, उसे आपको खींच कर लाना पड़ेगा।।

    इसी तरह आपका मन है, सालों तक आपने हस्तमैथुन किया, गंदी वीडियोज देखीं, गंदा संग किया, तो उसका परिणाम तो एक ना एक दिन आएगा, अच्छी आदत का भी आता है और बुरी आदत का भी आता है, परिणाम सबका सामने आता है, तो जिन्होंने सालों तक हस्तमैथुन किया है वो ये सोचते हैं कि वीर्यनाश तो बहुत हो ही गया है, सब कुछ खत्म हो ही गया है, अब अगर ब्रह्मचर्य से कुछ फायदा मिलता है तो पालन कर लेंगे, उनको गारंटी देने वाला चाहिए होता है।।

    तो मन में सालों तक अगर गंदा चिंतन चला है, तो गंदे विचार मन में कभी ना कभी आएंगे ही, आप कितना भी प्रयास कर लो, विचारों को आने से थोड़े ही रोक पाओगे क्योंकि सालों साल आपका चिंतन खराब रहा है, अब मन में कुछ विचार आ गया तो उसको रोक तो नहीं सकते ना,कैसे रोकोगे?

    अब इसका क्या समाधान हो, तो जैसा मैने ऊपर बताया कि केवल अध्यात्म ही इससे निकलने का मार्ग है, अगर मन कोई गलत विचार चल रहा है तो उसके बिल्कुल अपोजिट, उसके बिल्कुल विपरीत विचार अपने मन में लाएंगे।

    यदि आप शास्त्र स्वाध्याय करते हो, अच्छी अच्छी पुस्तकें पढ़ते हो, चाहे जिस ईश्वर में आपकी श्रद्धा है अगर उसका नित्य सुमिरन करते हो, तो आपमें आस्तिकता जागने लगेगी, एक अलग ही शक्ति आपके अंदर आने लगेगी।।

    जैसे आप जब महापुरुषों के चरित्र पढ़ेंगे तो सोचेंगे कि कैसे उन्होंने राष्ट्र सेवा में अपना जीवन खपा दिया, कितने कष्ट खुद झेले, और पूरे जीवन परमार्थ किया लेकिन दूसरी तरफ आप हो कि खुद से लड़ नहीं पा रहे हो, गंदी आदत नहीं छोड़ पा रहे हो, हस्तमैथुन आदि क्रियाओं में ही फंसे हुए हो, कहाँ उन महापुरुषों का जीवन, और कहाँ आपका जीवन है।।

    अरे भाई आपको सुधारने के लिए कोई दूसरा थोड़ी आएगा, कोई दूसरा थोड़े ही आपका हस्तमैथुन छुड़वाने आएगा, कोई दूसरा आके आपका स्वप्नदोष ठीक नहीं करेगा, आपको खुद को ही सुधारना है, आपको खुद को अगर बचना है तो थोड़ा संभल जाना पड़ेगा।।

    अब जब आप अध्यात्म की तरफ बढोगे तो धीरे धीरे अच्छी बातें आपके मन में आना शुरु हो जाएंगी, अच्छे विचार आना शुरु हो जाएंगे, क्योंकि आपका मन एक मोबाइल जैसा नहीं है कि गलत विचार भरे हैं तो डिलीट बटन प्रेस करो सब ख़त्म, ऐसा नहीं है, गलत विचार अगर खत्म करने हैं तो उसके ठीक विपरीत यानी अध्यात्म की तरफ आगे बढ़ना होगा, जैसे जैसे आप अध्यात्म की तरफ आगे बढोगे, वैसे वैसे अच्छे विचार आपके मन में आते जाएंगे और गलत विचार स्वतः ही ख़त्म होते चले जाएंगे।।

    और लास्ट में आपको अनुभूति होगी, ये मै नहीं कह रहा हूँ, आपको स्वयं ही ये अनुभूति होगी कि वास्तव में असली जीवन तो ये है, मुझे ऐसे जीना चाहिए था, मै कितनी खराब जिंदगी जी रहा था उस वक्त, और शायद मै ऐसे जी लिया होता, अगर कुछ साल पहले ही मुझे ब्रह्मचर्य की महत्ता समझ आ गई होती तो मेरा जीवन कितना धन्य हो गया होता
    मगर फिर भी अभी समय नहीं निकला है, आपको समझ आ गया है तो इस मार्ग पर चलना शुरु कर दीजिए, आपके लिए गोल्डन चान्स है, अपना जीवन बदलिए।।

    और यदि अभी आपने ये समय गँवा दिया तो आने वाला समय, बहुत ही बदतर, बहुत ही खतरनाक होगा आपके लिए, ये आप सोच लीजिए।।

    तो अच्छी पुस्तकों का आपको स्वाध्याय करना है, शास्त्रों का अध्ययन करना है, महापुरुषों की जीवनी पढ़नी है, क्योंकि हर शास्त्र में चाहें आप किसी भी भगवान में मानते हो, संयमित जीवन और ब्रह्मचर्य का उल्लेख मिलता है, ये तो केवल राक्षसों में नहींं मिलता क्योंकि उनका भोजन भी तामसिक होता है, महापुरुषों और देवताओं में ये दुर्गुण नहीं पाए जाते।।

    अब बहुत से बंधु कहते हैं कि हम खुद को रोक नहीं पाते हैं,कैसे रोकें?, अरे ये कैसे रोकें का क्या मतलब है भाई, तुम खुद को बचाना चाह रहे हो पर बचा नहीं पा रहे हो, जब तुम खुद को ही नहीं बचा पा रहे तो अपने परिवार की रक्षा कैसे करोगे?, अपने परिवार का भरण पोषण कैसे कर सकोगे?, यदि आपने खुद को ही नहीं बचाया फिर दुसरों के लिए कुछ करने की क्या उम्मीद कर सकते हो खुद से?, कुछ नहीं कर सकते।।

    तो अपने आप को बदलिए, अपना जीवन स्तर सुधारिए, जब आपका जीवन बदलने लगेगा तो दूसरों का जीवन तो ऑटोमेटिक ही बदल सकते हो।।

    कोई भी पुस्तक आपको व्याभिचारी, दुष्ट प्रवृत्ति का नहीं बनाएगी, हर पुस्तक में ब्रह्मचर्य का, संयमित जीवन का वर्णन है, हर शास्त्र में मित्र कैसा हो, पत्नी कैसी हो, पति कैसा हो, पुत्र कैसा हो सबकी मर्यादाओं का वर्णन है और शास्त्रों में वर्णित धर्म की मर्यादाओं को जो लांघते हैं वही लास्ट में दर दर की ठोकरें खाते हैं, वही भटकते फिरते हैं, और जो अपने धर्म के अनुसार, अपने शास्त्रों की मर्यादाओं के अनुसार चलते हैं वही उन्नति करते चले जाते हैं, इसलिए आधुनिकता के साथ साथ अध्यात्म पर भी पकड़ बनानी जरूरी है।।

    क्योंकि साइंस भी आप तभी समझ पाएंगे जब आपके माइंड में वो पावर हो, आपकी मेमोरी तीक्ष्ण हो पर अगर आपका दिमाग ही ठीक से नहीं चल रहा है तो आधुनिकता किस काम की रह जाएगी।।

    तो हमारे कहने का मतलब बस इतना ही है कि शास्त्र पढ़िए, महापुरुषों की जीवनी पढ़िए, क्योंकि जब आप शास्त्रों को पढ़ेंगे तो आप जानेंगे कि महापुरुषों ने कैसे आचरण किए, आप किस लिए इस दुनिया में आए हो, आपका लक्ष्य क्या है, आपको क्या करना है और आप किस तरह अपना जीवन बर्बाद कर रहे हो।।

    तो यदि आप धर्म से थोड़े से भी जुड़ेंगे, अध्यात्मिकता से थोड़े से भी जुड़ेंगे तो सब जान जाएंगे, फिर आनंद अंदर से ही आपके फूटने लगेगा, अंदर से प्रसन्नता आएगी, फिर किसी काम में आप पीछे नहीं रहोगे, कोई भी कार्य सामने आ जाए आपके अंदर भय नहीं रहेगा, डर नहीं रह जाएगा।।

    जब आपने अपनी प्राण ऊर्जा को संभाल लिया है, उसका संचय कर लिया है फिर आपको कोई नीचे नहीं गिरा सकता,कोई आपका बाल भी बांका नहीं कर सकता।।

    तो आप से एक बार फिर यही कहना है कि शास्त्र स्वाध्याय कीजिए, अध्यात्म से जुड़िये, धर्म से जुड़िये क्योंकि बिना अध्यात्म ब्रह्मचर्य सम्भव नहीं है।।

    ।।राधे राधे।।

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Asked: January 10, 2025In: स्वास्थ्य और ब्रह्मचर्य (Health and Brahmacharya)

Masterbation 7 saal se kiya h , kya brahmacharya se recovery ho jaaegi total Umar 19

  • 0

Maine 7 saal tak masterbation kiya h pr ab chhodna chahta hu , kya brahmacharya se shi ho jaaunga umr 19

  1. Rohit_kumar
    Rohit_kumar Pundit
    Added an answer on January 10, 2025 at 3:45 pm

    बात कुछ ऐसी है कि , जब तक आप केवल recovery को ध्यान में रखकर ब्रह्मचर्य का पालन करेंगे तब तक आप पूर्ण रूप से इसका लाभ नहीं उठा पाएंगे। कुछ दिन बिताने के बाद आप व्याकुल हो जाएंगे कि , अरे आज इतने दिन हो गए फिर भी मुझे कोई फर्क नहीं दिख रहा।। ज्यादा तर लोग यही मात खा जाते है , आप अपने बाहरी शरीर को देRead more

    बात कुछ ऐसी है कि , जब तक आप केवल recovery को ध्यान में रखकर ब्रह्मचर्य का पालन करेंगे तब तक आप पूर्ण रूप से इसका लाभ नहीं उठा पाएंगे। कुछ दिन बिताने के बाद आप व्याकुल हो जाएंगे कि , अरे आज इतने दिन हो गए फिर भी मुझे कोई फर्क नहीं दिख रहा।।

    ज्यादा तर लोग यही मात खा जाते है , आप अपने बाहरी शरीर को देख के अंदाजा लगाएंगे जो कि सबसे बड़ी भूल है। आपने आज से बहुत समय पहले गलत क्रिया करनी शुरू की थी , आपका शरीर पहले भीतर भीतर से खोखला होने लगा था और अब जाकर आपकी बाहरी अवस्था ऐसी हो गए है जिसने आपको ब्रह्मचर्य के द्वार पर सिर झुकाने को मजबूर कर दिया है।।

    इसीलिए शरीर की मरमत का का कार्य भी पहले अंदरूनी भाग से शुरू होगा ।।

    इसे 3 चरणों में समझ सकते है_

    1) मरम्मत – सबसे ज्यादा समय इसी प्रक्रिया मै लगेगा , नब्ज नारियां ,मांसपेशियां पोषण ग्रहण करेंगी,   ।(120–240 दिन) सबसे मुश्किल समय।

    2) नॉर्मलाइजेशन – आपका स्वास्थ्य एक साधारण व्यक्ति की तरह हो जाएगा।(240_300दिन)

    3) ब्रह्मचारी – आप एक साधारण पुरुष से ज्यादा ताकतवर हो जाएंगे , आप अपने बल को महसूस कर पाएंगे।(365–400 दिन)

    *आपकी शारीरिक स्थिति के अनुसार ये समय अलग अलग हो सकता है।

    सबसे महत्वपूर्ण बात।

    • 1–30 दिन सा समय सबसे कठिन होगा , इसलिए नहीं क्योंकि आपको परिश्रम करना होगा , बल्कि इसलिए क्योंकि – आपको ऐसा लगने लगेगा कि अब तो शरीर की शक्ति वापस आ ही गई है , चलो फिर वही काम दोहराते है जिसने ईश अवस्था में पहुंचाया था।।।

    brahmacharya एक दिनचर्या है , लेकिन कुछ मूर्ख लोग इसे कोई दवाई मानते है , जब स्वास्थ्य बिगड़ेगा तब दवा लेने से आराम मिलेगा😁 ऐसा समझते है , 90 दिन पूरा करने के बाद ये आपकी पहचान बन जाएगा।। लोग आपको इसी से पहचाने लगेंगे ,, कहेंगे कि वो फलाने का लड़का सर्दी गर्मी बरसात हर मौसम में दौड़ और व्यायाम करते देख जाता है। 

    लोग आपकी मिसाल अपने बच्चों को देंगे , अगर आपने ठीक से पालन कर लिए तो।

    जय श्री राम 🙏

    धन्यवाद 🙏

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Asked: December 20, 2024In: ब्रह्मचर्य और आधुनिक जीवन (Brahmacharya in Modern Life)

Porn aur social media ke addiction se kaise bachein?

  • 0

Brahmacharyasocial media
  1. Deepak123
    Deepak123 Vidyarthi (Scholar)
    Added an answer on December 21, 2024 at 3:58 am

    bahut se app h jiske use karke social media se bacha ja sakta h jaise digital detox,regain and aur bhi bahut sare hai aur porn se bachne k liye meditation, phone par restriction laga k , phone se duri bana k kar sakte h ........................................................................... ....Read more

    bahut se app h jiske use karke social media se bacha ja sakta h jaise digital detox,regain and aur bhi bahut sare hai aur porn se bachne k liye meditation, phone par restriction laga k , phone se duri bana k kar sakte h ………………………………………………………………… ………………………………………………………………………………………

     

     

     

     

     

     

     

     

    Try kar sakte h isko

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Asked: December 20, 2024In: चुनौतियाँ और समाधान

Masturbation aur porn addiction ke permanent solution kya hain?

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Brahmacharyasolution
  1. Rohit_kumar
    Best Answer
    Rohit_kumar Pundit
    Added an answer on December 21, 2024 at 11:59 am

    Iska koi permanent solution nahi hai .Kuch solutions hai jo depend krte hai tumhare uper(Agar tumne nistha se palan kiya to jyada effective honge) 1. Tumhe koi aisa kaam(hobby,skill) dhundhna hoga jo tumhe itna priya ho ki, jab tum wo kaam kar rahe ho to tumhe puri duniya mai kya chal raha hai usseRead more

    Iska koi permanent solution nahi hai .Kuch solutions hai jo depend krte hai tumhare uper(Agar tumne nistha se palan kiya to jyada effective honge)

    1. Tumhe koi aisa kaam(hobby,skill) dhundhna hoga jo tumhe itna priya ho ki, jab tum wo kaam kar rahe ho to tumhe puri duniya mai kya chal raha hai usse koi matlab na rahe,
    Bas tum aur tumhara wo kaam.

    2. Galat kriya karna band kar do galat drisya dekhne ki lat khud hee khatam ho jayegi.

    3. Brahmacharya naas karne ke kya nuksaan hai inke baare mai kisi pustak mai padho.(waha likhe hue adhiktar baate tumse milti jilti likhi hongi) Jab tumhe apni durdasa ke baare mai pata lagega to tum khudko galat kriya se rok hee loge.

    4.Apna samay App blocker , ya kewyord blocker mai nast na kare, we tab tak hee kaam karenge jab tak aap sayyam se rahenge..(Jab apne brahmacharya naas karne ka soch liye hoga to ye bhi apko nahi rok payenge) Dincharya mai Pranayam ko samil kare aur Man pe kabu paye

    5.Khud ko challenge de aur challenge complete karne pe khud ko inaam dena na bhoole.

    6.Aisa dekha gaya hai ki jo log Kathor vyayam krte hai unhe ish tarah ki samsya ka samna nahi krna padta(Buri aadato).. Aur agar kisi ko in chijo kI Addiction hai , to wo pakka(100%) Physically inactive honge. Uski dincharya mai Aalas ka bahhot bara sthan hoga.

    7. Vyayam+pranayam=Nirogi jiwan.
    Sabhi buri aadato se mukti.

    8. Ram prasad bismil ki Atmakatha(Autobiography) jaroor padhe 100-200rs. Ki online kharid sakte hai.

    🙏Dhanyabaad.

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Asked: December 29, 2024In: चुनौतियाँ और समाधान

Ye kabhi kabhi toilet bhot tej aati h aur lgta h ki rule gi nhi aur kabhi kabhi pahuch te pahuch te choot jati h , iska kya ilaj hoga ?

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  1. Rohit_kumar
    Rohit_kumar Pundit
    Added an answer on December 30, 2024 at 3:46 am

    Bahoot hee dayaneey stithi mai pahuch chuke hai aap.. Kya aisi sthithi mai aap khudko "yuva" kah payenge.? Uttar hai "Nahi" Mai aisa kyu bol raha hu? Ans- Aap jo bata rahe hai, uska saamna sabhi ko krna padega ish jivan mai, lekin uski bhi ek umra(age) hai(60-65 saal se jyada umra ke logo ko ye dikkRead more

    Bahoot hee dayaneey stithi mai pahuch chuke hai aap..
    Kya aisi sthithi mai aap khudko “yuva” kah payenge.? Uttar hai “Nahi”

    Mai aisa kyu bol raha hu?
    Ans- Aap jo bata rahe hai, uska saamna sabhi ko krna padega ish jivan mai, lekin uski bhi ek umra(age) hai(60-65 saal se jyada umra ke logo ko ye dikkat aati hai)
    Kyuki Unka “Manspesiya samay ke sath kamjor jo jaati hai”

    Ye dikkat aapko kyu ho rahi hai?
    Iske kayi kaaran ho sakte hai-

    1) Aapne had se jyada galat kriyaye
    ki hai.
    2) Aap physical activity(exercise)
    nahi karte.
    3) Aap Pranayam bhi nahi krte.
    4) Aap adiktar samay baithe hee
    rahte hai , ya lete rahte hai.
    5) Aapke purane karmo ka fal mil
    raha hai aapko.

    Iska kya ilaj hai?

    1) Pahli baat to ye hai ki , kabhi bhi mutra ya sauch ko rokne ki kosis nahi krni hai , veeg agar dhere bhi ho to bhi jaroor halka ho le.

    2) Subah ke samay vyayam jaroor kare , khas kar ke Dand-baithak , aur pranayam. Isse aapki Manspesiyo ko bal milega.

    3) Din mai khub pani piye, raat jo kam piye taki raat ko jyada dikkat na ho.

    Dhyan rakhe !!!

    – Mai koi Doctor nahi hu, Mai Biology ka student hu, apne gyan ke aadhar pe mai aapko ye bate bata raha hoon.

    – Vyayam aur pranayam se 99.9% laabh milega.

    – Agar ke samasya Aapko 2-3 Mahine se jyada se hai to aapko, turant doctor ko dikhana chahiye !!!

    – Purusho mai ye samasya “prostrate gland” se juri hoti hai. (Prostrate gland cancer , prostrate gland ka aakar badhna) .Risk na le! Doctor se jaroor dikha le!!!

    🙏 Dhanyabaad.

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Asked: December 19, 2024In: चुनौतियाँ और समाधान

कभी-कभी ब्रह्मचर्य के रास्ते पर चलने में असमर्थता महसूस होती है, तो ऐसे समय में क्या करना चाहिए?

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brahmcharya
  1. Rohit_kumar
    Rohit_kumar Pundit
    Added an answer on December 20, 2024 at 3:30 am

    Kuch bhi ho lekin , apni dincharya mat chorna. Sabhi kaam apne nirdharit samay se karna kyu ki aaj tumhe asamrth mahsoos ho raha to kal ho sakta hai tumhara brahmacharya toot hee jaye.. Lekin agar tum apne dincharya pe date rahe to ho sakta hai tum paar nikal jao. Shree krishna ne kaha hai- -> MaRead more

    Kuch bhi ho lekin , apni dincharya mat chorna. Sabhi kaam apne nirdharit samay se karna kyu ki aaj tumhe asamrth mahsoos ho raha to kal ho sakta hai tumhara brahmacharya toot hee jaye..

    Lekin agar tum apne dincharya pe date rahe to ho sakta hai tum paar nikal jao.

    Shree krishna ne kaha hai-

    -> Man ke behkawe mai na , ish man ko apna daas bana le.

    Man ko apna daas keval nirantarta(consistency) se hee banaya ja sakta hai..

    *Jo niyamit vyayam(samay ka paband banayega) aur pranayam(Man pe kabu pana sikhayega) karenge, unhe ish tarah ke sawal nahi puchne padte.

    Dhanyabaad🙏

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Asked: December 21, 2024In: चुनौतियाँ और समाधान

2025 Me Brahmacharya Ke Liye Kuchh Sujhav

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Brahmacharya
  1. Vishnu Gupta
    Best Answer
    Vishnu Gupta Yogi
    Added an answer on December 21, 2024 at 11:16 am

    2025 - एक नई शुरुआत क्या आपने सोचा है कि 2025 में ब्रह्मचर्य आपकी जिंदगी कैसे बदल सकता है?, क्या आप भी अपने जीवन में सफलता शांति और आत्म नियंत्रण लाना चाहते हैं?, लेकिन समझ नहीं पा रहे कि ब्रह्मचर्य पालन की शुरुआत कैसे करें?, क्या होगा अगर मैं कहूं कि यही एक आदत आपको दूसरों से अलग बना सकती है और वोRead more

    2025 – एक नई शुरुआत
    क्या आपने सोचा है कि 2025 में ब्रह्मचर्य आपकी जिंदगी कैसे बदल सकता है?, क्या आप भी अपने जीवन में सफलता शांति और आत्म नियंत्रण लाना चाहते हैं?, लेकिन समझ नहीं पा रहे कि ब्रह्मचर्य पालन की शुरुआत कैसे करें?, क्या होगा अगर मैं कहूं कि यही एक आदत आपको दूसरों से अलग बना सकती है और वो शक्ति दे सकती है जो आज के 95% लोग प्रायः खो चुके हैं?, क्या होगा जब आप अपनी स्किल्स को निखार रहे होंगे, अपने सपनों को साकार कर रहे होंगे, सोचिए 2025 का दिसंबर जब आएगा तो आप खुद को एक नई ऊंचाई पर देखेंगे, जबकि बाकी लोग वहीं होंगे जहां वे आज हैं, तो 2025 में ब्रह्मचर्य अपनाना सिर्फ एक आदत नहीं बल्कि आपकी जिंदगी को बदलने वाला कदम हो सकता है, लोग सोचते हैं कि ब्रह्मचर्य का मतलब त्याग है, जैसे दोस्तों से दूरी बनाना, मस्ती से दूर रहना लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है, असल में ब्रह्मचर्य आपको वो ताकत देता है, जिससे आप अपनी जिंदगी की हर ऊंचाई को छू सकते हैं, तो आज मैं आपको बताने वाला हूं कि वो सबसे बड़ी बड़ी गलती जो ज्यादातर लोग ब्रह्मचर्य की शुरुआत में करते हैं, और सबसे खास बात कैसे आप इस घोर कलयुग में ब्रह्मचर्य को अपनाकर सफलता की ओर बढ़ सकते हैं, अगर आप यह सोचते हैं कि ब्रह्मचर्य सिर्फ योगियों और सन्यासियों के लिए हैं तो इस जबाब को पूरा पढ़िए, आपको पता चलेगा कि यह साधारण इंसानों के लिए भी एक सुपर पावर की तरह काम करता है, तो क्या आप तैयार हैं अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी छलांग लगाने के लिए क्योंकि आखिर में जीत उन्हीं की होती है जो खुद को जीतना जानते हैं तो आइए 2025 को अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा मोड़ बनाते हैं।।
    आज मैं आपको तीन ऐसे गहरे और महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर ले चलूंगा, जो आपके ब्रह्मचर्य के सफर को आसान और प्रेरणादायक बना देंगे, पहले पॉइंट में हम जानेंगे कि ब्रह्मचर्य से मिलने वाली ऊर्जा को सही दिशा में कैसे लगाया जाए क्योंकि जब यह ऊर्जा सही जगह लगती है तो आपकी मेहनत और सफलता का परिणाम कई गुना बढ़ जाता है, और दूसरे पॉइंट में हम बात करेंगे ब्रह्मचर्य पालन की शुरुआत कैसे करें क्योंकि शुरुआत ही सबसे कठिन होती है, लेकिन एक बार सही तरीके से कदम उठाने पर यह सफर ना केवल आसान होता है बल्कि आनंद से भरा भी होता है, फिर तीसरे पॉइंट में सबसे जरूरी ब्रह्मचर्य पालन की शुरुआत में लोग जो गलतियां करते हैं वे कौन सी हैं, क्योंकि अक्सर लोग इन्हीं गलतियों की वजह से हार मान लेते हैं और उनका संकल्प टूट जाता है तो मैं आपको इनसे बचने के ऐसे तरीके बताऊंगा जो आपके ब्रह्मचर्य पालन को मजबूत बना देंगी, तो दोस्तों अगर आप अपनी जिंदगी को एक नई ऊंचाई पर ले जाना चाहते हैं, अपने भीतर की शक्ति को पहचानना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़िए क्योंकि जो बातें मैं आज आपसे सांझा करूंगा वे ना केवल आपके विचारों को बदलेगी बल्कि आपके जीवन को भी एक नई दिशा देंगी।।
    ब्रह्मचर्य की ऊर्जा का सही प्रयोग
    चलिए शुरुआत करते हैं पहले पॉइंट में हम बात करेंगे कि इस ऊर्जा को सही दिशा में कैसे लगाया जाए क्योंकि सही दिशा में यह ऊर्जा आपके सपनों को हकीकत में बदलने की ताकत रखती है, लेकिन अगर यह गलत दिशा में चली गई तो यह आपको आलस गुस्सा और मानसिक अशांति की तरफ धकेल सकती है, गलत दिशा का मतलब है इसे अनावश्यक चीजों में खर्च करना जैसे बेवजह का मनोरंजन फिजूल की आदतें या ऐसी गतिविधियां जो आपके लक्ष्य से भटका दें इसलिए इसे सही दिशा में लगाना बेहद जरूरी है, आपको इसे अपने लक्ष्य, अपने जुनून और अपने आत्म विकास के कामों में लगाना है, तो यह ना केवल आपको आपकी मंजिल तक पहुंचाएगी, बल्कि आपको मानसिक शांति और आत्मविश्वास भी देगी तो दोस्तों इस पॉइंट को ध्यान से समझिए, क्योंकि यह आपकी सफलता और असफलता के बीच का सबसे बड़ा फर्क पैदा कर सकता है।।
    चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं ब्रह्मचर्य की ऊर्जा को सही दिशा में कैसे लगाएं, सोचिए आप सुबह उठते ही सबसे पहला काम क्या करते हैं, मोबाइल उठाकर शायद कुछ रील्स देखते हैं, लोगों की लाइफ स्टाइल चेक करते हैं और फिर अपने दिमाग में यह सोचकर दिन शुरू करते हैं कि काश मेरी लाइफ भी ऐसी होती, अब इस पर थोड़ा रुक
    कर सोचें, क्या ये आपकी गलती है?, नहीं ये इंसान की आदत बन चुकी है और यह आदत हमें ना केवल मानसिक रूप से कमजोर कर रही है बल्कि हमारे समय और ऊर्जा को भी चुरा रही है, आजकल सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफार्म बन गया है जो आपकी खुशी फोकस और आत्मविश्वास को खत्म कर रहा है जिससे आपकी जीवन ऊर्जा भी धीरे-धीरे खत्म हो जाती है, आपकी आत्मा और शरीर की ऊर्जा सोशल मीडिया के इस जाल में फंसकर खत्म हो रही है, सोचिए अगर आप रोजाना इंस्टाग्राम पर दो घंटे बर्बाद करते हैं तो साल भर में आप लगभग सात सौ तीस घंटे बर्बाद कर रहे हैं, इतने समय में आप एक नई स्किल सीख सकते थे, खुद को बेहतर बना सकते थे या अपनी जिंदगी को एक नई दिशा दे सकते थे।।
    अब सवाल आता है कि क्या हम इस जाल से बाहर निकल सकते हैं?, तो इसका जवाब है हां लेकिन इसके लिए आपको अपनी पूरी मानसिक और शारीरिक ऊर्जा को सही दिशा में लगाना होगा, और यही है ब्रह्मचर्य की ताकत, ब्रह्मचर्य का मतलब केवल शारीरिक संयम नहीं है, यह मानसिक और भावनात्मक संयम का भी नाम है, इसका मतलब है अपनी ऊर्जा को बचाकर उसे सही दिशा में लगाना, जरा सोचिए अगर आप वो सारी ऊर्जा जो आप सोशल मीडिया और इंस्टाग्राम में लगाकर बर्बाद कर रहे हैं अगर उसे अपने लक्ष्य पर केंद्रित कर दें तो आप कहाँ पहुंच सकते हैं, ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए आपका फोकस तेज होगा, आपके सोचने की क्षमता बढ़ेगी, आप अपने जीवन के हर पहलू पर एक नई ऊंचाई पर पहुंचेंगे, इंस्टाग्राम पर समय बिताने की बजाय उसे लिमिट करें, अपने फोन में ऐसे एप्स रखें जो आपके आत्मविकास में मदद करें, हर दिन पंद्रह मिनट से ज्यादा इंस्टाग्राम ना चलाएं, सुबह उठते ही मोबाइल से दूरी बनाएं, मैडिटेशन और योगभ्यास करें, अपने दिन की प्लानिंग करें, अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाएं, पढ़ाई, नई स्किल्स और फिटनेस पर फोकस करें, अपने लक्ष्य को प्राथमिकता दें, अपनी सोच को सकारात्मक बनाएं रखें, अनावश्यक इच्छाओं और विकर्षणों से बचें, खुद को बेहतर बनाने में अपनी ऊर्जा लगाएं, ब्रह्मचर्य को अपनाने वाले महान व्यक्तियों की सफलता की कहानियां हमेशा प्रेरणा देती हैं।।
    स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी और कई अन्य ने इस पथ का अनुसरण किया और दुनिया में अपने नाम की छाप छोड़ी, सोचिए अगर वे कर सकते हैं तो आप क्यों नहीं कर सकते हो, तो 2025 आपके लिए एक नया अध्याय हो सकता है, लेकिन यह तभी संभव है जब आप सोशल मीडिया और फिजूल की चीजों से दूरी बनाकर अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाते हैं, ब्रह्मचर्य को अपनाकर आप ना केवल अपने जीवन को एक नई दिशा देंगे बल्कि दूसरों के लिए प्रेरणा भी बनेंगे, एक बात उन लड़कों को भी समझाना चाहता हूं जो लड़कियों के पीछे पागल हो रहे हैं और अपना कीमती समय बर्बाद कर रहे हैं, आज का युवा वर्ग अपनी सबसे कीमती चीज समय और ऊर्जा लड़कियों के पीछे भागने और क्षणिक आकर्षण में बर्बाद कर रहा है, सोशल मीडिया के इस युग में प्यार और रिश्ते का स्वरूप पूरी तरह बदल चुका है, यह घोर कलयुग का समय है जहां असली प्यार की संभावना लगभग खत्म हो गई है, लड़के जो अपनी ऊर्जा को महान कार्यों में लगा सकते हैं वह इसे बर्बाद कर रहे हैं, प्रोफाइल ग्लैमरस तस्वीरें और परफेक्ट रिलेशनशिप के दिखावे ने लड़कों को ऐसा महसूस कराया है कि प्यार ही सब कुछ है, हर पोस्ट पर लाइक और कमेंट करने का जुनून मैसेज का इंतजार करते हुए, कीमती समय की बर्बादी, अपने आप को साबित करने की बेकार कोशिशें तो यह समझना जरूरी है कि सोशल मीडिया पर दिखने वाले रिश्ते और प्यार अक्सर नकली होते हैं, असली जिंदगी में यह परफेक्ट रिलेशनशिप बहुत कम होते हैं।।
    लड़कों के लिए लड़कियों का शारीरिक आकर्षण सबसे बड़ा जाल बन गया है, लड़के अपनी ऊर्जा और ध्यान केवल बाहरी सुंदरता पर केंद्रित कर देते हैं, वे भूल जाते हैं कि बाहरी सुंदरता क्षणिक है और असली मूल्य चरित्र, आदतें और लक्ष्य में होता है, दूसरों से तुलना करने की बेवकूफी कि उसके पास गर्लफ्रेंड है तो मेरे पास क्यों नहीं, यह सोच लड़कों को मानसिक तनाव में डालती है इस तुलना के कारण वे खुद को कम आंकने लगते हैं, और ध्यान भटकने लगता है, लड़के लड़कियों के बारे में सोचते हुए उन्हें मैसेज करते हुए और उनके साथ समय बिताने की कोशिश करते हुए अपना दिन बर्बाद कर देते हैं।।
    पढ़ाई के समय का इस्तेमाल मैसेज लिखने में, करियर प्लानिंग के समय का इस्तेमाल डेटिंग प्लान बनाने में होता है और फिर नतीजा यह निकल कर आता है कि उनकी पढ़ाई करियर और व्यक्तिगत विकास ठहर जाता है, मनुष्य की ऊर्जा असीमित होती है लेकिन इसे सही दिशा में उपयोग करना जरूरी है, जब लड़के अपनी ऊर्जा को प्यार और रिश्तों में बर्बाद करते हैं तो उनके पास जीवन के असली उद्देश्यों के लिए कुछ नहीं बचता, लड़कियों के पीछे भागने और बार-बार अस्वीकृति पाने से लड़कों का आत्मसम्मान कम हो जाता है, यह उनके मानसिक स्वास्थ्य और आत्मविश्वास पर गहरा नकारात्मक प्रभाव डालता है, तो इस समय में प्यार ज्यादातर स्वार्थ इच्छाओं और दिखावे पर आधारित है, लोग रिश्तों में केवल अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए आते हैं, घोर कलयुग में सच्चा प्यार मिलना लगभग असंभव है, आज के रिश्ते अक्सर अस्थिर और क्षणिक होते हैं, सच्चे प्यार की तलाश में लोग अपने जीवन के कीमती साल बर्बाद कर देते हैं, प्यार का भ्रम आपके जीवन को गहरी निराशा और असफलता में डाल सकता है तो 2025 में इस भ्रम से बचकर आप अपने जीवन में असली खुशियों और सफलता को पा सकते हैं, अपनी ऊर्जा को बचाकर सही दिशा में लगाना यह केवल शारीरिक संयम नहीं है, बल्कि मन और आत्मा का नियंत्रण है।।
    ब्रह्मचर्य आपकी ऊर्जा को बचाकर उसे पढ़ाई करियर और व्यक्तिगत विकास में लगाने का मार्ग प्रदान करता है, जब आप अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण पाते हैं तो आप अपने जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं, ब्रह्मचर्य आपको आत्मविश्वास और मानसिक शक्ति प्रदान करता है, यह आपको हर परिस्थिति में शांत और स्थिर रहने में मदद करता है, तो आप अपना समय और ऊर्जा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में लगाएं, हर दिन कुछ नया सीखें और अपने कौशल को निखारें, ब्रह्मचर्य अपनाएं, भ्रम से बचें, लड़कियों के पीछे भागने और प्यार के झूठे भ्रम में फंसने से बचें, अपनी ऊर्जा और समय को पहचाने और इसे अपने जीवन के असली उद्देश्य को प्राप्त करने में लगाएं।।
    ब्रह्मचर्य की शुरुआत
    अब जानते हैं कि, ब्रह्मचर्य पालन की शुरुआत कैसे करें?, ब्रह्मचर्य एक प्राचीन और शक्तिशाली जीवन शैली है जो आत्मज्ञान, शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्पष्टता और आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करती है, इस पथ पर चलने का निर्णय ना केवल आपके जीवन को समृद्ध बनाएगा बल्कि आपको अपने वास्तविक उद्देश्य को जानने और समझने में भी मदद करेगा, इस मार्गदर्शिका में हम ब्रह्मचर्य के पालन की शुरुआत से लेकर इसके लाभों तक कदम दर कदम प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा करेंगे, ताकि आप इसे अपनी जीवन शैली में प्रभावी ढंग से शामिल कर सकें।।
    ब्रह्मचर्य का शाब्दिक अर्थ होता है ब्रह्म के साथ चलना या ब्रह्म के साथ रहना तो यह एक ऐसी जीवन शैली है, जो संयम, आत्म नियंत्रण और आपकी आंतरिक शक्तियों के साथ सामंजस्य स्थापित करने पर आधारित है, यह केवल यौन संयम तक ही सीमित नहीं है बल्कि शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वच्छता और संतुलन का भी प्रतीक है, ब्रह्मचर्य का पालन करने से व्यक्ति में ऊर्जा का संचार होता है, मानसिक स्पष्टता में वृद्धि होती है और आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में कदम बढ़ता है। यह एक आत्मनिर्भर और जागरूक जीवन जीने की क्षमता प्रदान करता है।।
    अब इसकी शुरुआत कैसे करनी है, जब आप ब्रह्मचर्य का पालन शुरू करने का निर्णय लेते हैं तो सबसे पहले आपको मानसिक रूप से तैयार होना होगा, यह एक साधना है और जैसे किसी भी बड़े कार्य के लिए मानसिक रूप से तैयार होना जरूरी है वैसे ही ब्रह्मचर्य के पालन के लिए भी मानसिक तैयारी अनिवार्य है, तो इसके लिए आप अपना एक उद्देश्य स्पष्ट करें, पहले आपको यह समझना होगा कि आपको ब्रह्मचर्य का पालन क्यों करना है?, क्या आप अपनी शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को बेहतर तरीके से उपयोग करना चाहते हैं?, क्या आप आध्यात्मिक उन्नति की ओर कदम बढ़ाना चाहते हैं?, अपने उद्देश्य को समझना आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा, फिर अपना एक लक्ष्य तय करें कि ब्रह्मचर्य का पालन करने के दौरान आपके लक्ष्य क्या होंगे?, क्या आप खुद को अधिक शारीरिक रूप से स्वस्थ देखना चाहते हैं या आपको मानसिक स्पष्टता प्राप्त करनी है, इस तरह के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए आपको अपने प्रयासों को सही दिशा में लगाना होगा। ब्रह्मचर्य का पालन करने में जीवन शैली में बड़े बदलाव की आवश्यकता होती है, ये एक साधना है जो केवल मानसिक नहीं बल्कि शारीरिक और सामाजिक स्तर पर भी प्रभाव डालती है इसीलिए आपको अपनी दिनचर्या में कुछ प्रमुख बदलाव करने होंगे।।
    जिसमें से पहला है व्यायाम और योग, शारीरिक व्यायाम आपके शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करता है, जब आप ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं तो यह आवश्यक है कि आप अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाएं तो नियमित व्यायाम और योग से आपकी शारीरिक स्थिति बेहतर होती है और मानसिक संतुलन भी बना रहता है, दूसरा है संतुलित आहार, एक अच्छा आहार आपके शरीर की ऊर्जा को नियंत्रित करता है, ब्रह्मचर्य के दौरान आपको हल्का और पौष्टिक भोजन करना चाहिए जो आपके शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान करता हो और आपकी ऊर्जा को सही दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करता हो, तीसरा है ध्यान और साधना, ध्यान और साधना ब्रह्मचर्य का अभिन्न हिस्सा है यह मानसिक शांति और स्पष्टता लाने के साथ-साथ मानसिक नियंत्रण भी विकसित करता है आपको प्रतिदिन ध्यान करने का अभ्यास करना चाहिए, यह आपकी मानसिक स्थिति को मजबूत बनाए रखेगा, चौथा है नकारात्मक विचारों से बचें, ब्रह्मचर्य का पालन करते समय आपको अपनी मानसिक स्थिति को सकारात्मक बनाए रखना होगा, नकारात्मक विचारों और भावनाओं को नियंत्रण में रखना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है इसके लिए आपको अपनी मानसिकता पर लगातार काम करना होगा और सकारात्मक सोच को अपनाना होगा, पांचवा है सकारात्मक वातावरण, ब्रह्मचर्य का पालन करने के लिए आपको ऐसे वातावरण में रहना चाहिए जो सकारात्मक हो, ऐसे लोगों के साथ समय बिताएं जो आपकी ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं और आपको अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होने में मदद करते हैं, छठा है विचारों पर नियंत्रण, सामाजिक जीवन में हमें कई प्रकार के विचारों और व्यवहारों का सामना करना पड़ता है तो इन विचारों और प्रभावों को समझदारी से नियंत्रित करना चाहिए ताकि वे आपके उद्देश्य के खिलाफ ना जाएं।।
    ब्रह्मचर्य का पालन करने में आत्म नियंत्रण और संयम की आवश्यकता होती है, यहाँ ना केवल यौन इच्छाओं पर नियंत्रण का सवाल है बल्कि आपके जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी आत्म नियंत्रण की आवश्यकता होती है, शारीरिक इच्छाओं पर नियंत्रण पाना आसान नहीं होता लेकिन इसके लिए ध्यान और साधना की मदद से संयम बनाए रखना संभव है बस आपको यह समझना होगा कि यह इच्छाएं सिर्फ क्षणिक होती हैं और इनसे निकलने की शक्ति आपके भीतर है।
    केवल शारीरिक इच्छाएं ही नहीं बल्कि मानसिक इच्छाओं पर भी नियंत्रण रखना आवश्यक है, यदि आप किसी चीज के लिए बहुत ज्यादा इच्छाएं रखते हैं तो यह आपके मानसिक संतुलन को प्रभावित कर सकता है, आपको अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है, ब्रह्मचर्य का पालन करने के लिए अनुशासन और नियमितता की अत्यधिक आवश्यकता है क्योंकि बिना अनुशासन के आप इस पथ पर सही तरीके से नहीं चल सकते, जिसमें से पहला है नित्य की एक दिनचर्या बनाएं, एक निश्चित दिनचर्या अपनाएं जिसमें आपकी शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक आवश्यकताएं पूरी
    होती हो। नियमित समय पर सोना, उठना, व्यायाम करना, ध्यान लगाना और अच्छे आहार का सेवन करना जरूरी है, दूसरा है विराम और विश्राम क्योंकि ब्रह्मचर्य का पालन करते समय आपको अपनी ऊर्जा को सही तरीके से प्रबंधित करना होगा तो यह आवश्यक है कि आप अपनी ऊर्जा का उचित उपयोग करें और सही समय पर विश्राम भी करें। किसी भी नई जीवन शैली को अपनाते समय चुनौतियां आना स्वाभाविक है तो ब्रह्मचर्य के पालन के दौरान भी कई प्रकार की मानसिक और शारीरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें से पहला है सोच का परिवर्तन, शुरुआत में आपको अपनी पुराने आदतों और सोच को
    छोड़ने में कठिनाई हो सकती है, लेकिन इस यात्रा का उद्देश्य ही खुद को बेहतर बनाना है, ना कि पुराने आदतों को बनाए रखना, दूसरा है मनुष्य के स्वाभाविक उतार चढ़ाव कभी-कभी आपके मन में संकोच या निराशा भी आ सकती है लेकिन यह पूरी प्रक्रिया का हिस्सा है इसलिए महत्त्वपूर्ण यह है कि आप अपने लक्ष्य की ओर लगातार बढ़ते रहें।।
    ब्रह्मचर्य का पालन करना, एक उच्चतम जीवन शैली है जो आत्म नियंत्रण संयम और आंतरिक शांति की ओर ले जाता है, यह ना केवल आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाता है बल्कि आपके जीवन के उद्देश्य को भी स्पष्ट करता है, शुरुआत में कठिनाइयां आ सकती हैं लेकिन आपकी प्रतिबद्धता और निरंतरता से आप सफलता की ओर बढ़ सकते हैं, आपके इस मार्गदर्शन में जो भी प्रेरणा और दिशा मिली है वह आपके जीवन को नई दिशा देने के लिए काफी है। याद रखें ब्रह्मचर्य कोई अंत नहीं है, ये एक निरंतर यात्रा है जो आपको अपने भीतर की शक्तियों और ऊर्जा को पहचानने का अवसर देती है।।
    ब्रह्मचर्य में होने वाली गलतियाँ
    अब जानते हैं कि ब्रह्मचर्य पालन में लोग अक्सर कौन सी गलती करते हैं जिससे कि उनका ब्रह्मचर्य ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाता है, ब्रह्मचर्य पालन एक साधना है जो अनुशासन और आत्म संयम की मजबूत नींव पर टिकती है, इसे केवल काम वासना से बचने तक सीमित समझना गलत है, यह विचार भावना और कर्म में पवित्रता को बनाए रखने का एक जीवन दर्शन है, हालांकि इसे शुरू करना जितना कठिन लगता है, उतना ही कठिन इसे लंबे समय तक टिकाए रखना होता है, इसमें ज्यादातर लोग ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जो उनके ब्रह्मचर्य पालन को कमजोर कर देती हैं तो इन गलतियों को समझना और उनसे बचने के उपायों को अपनाना ही सफलता की कुंजी है तो आइये विस्तार से समझते हैं कि इंसान किन गलतियों के कारण असफल होते हैं और उनसे कैसे बचा जा सकता सकता है।।
    जब कोई व्यक्ति ब्रह्मचर्य पालन शुरू करता है तो अक्सर उसके पास इसका ठोस उद्देश्य नहीं होता, वे या तो समाज के प्रभाव में आकर इसे अपनाते हैं या किसी अस्थाई प्रेरणा से उत्साहित होकर आ जाते हैं, तो जब तक आपके पास एक स्पष्ट और ठोस उद्देश्य नहीं होगा तब तक आप इस साधना में सफल नहीं हो सकते, ब्रह्मचर्य पालन का अर्थ केवल इच्छाओं को दबाना नहीं है बल्कि उन्हें नियंत्रित करके अपने ऊर्जा स्तर को ऊंचा उठाना है, ब्रह्मचर्य का उद्देश्य तय करना इसलिए जरूरी है क्योंकि जब आप कठिन परिस्थितियों का सामना करते हैं तो वही उद्देश्य आपको टिकाए रखता है अब यदि आप का उद्देश्य अस्पष्ट है तो आप हर बार खुद को कमजोर पाते हैं तो इसका उपाय यह है कि शुरुआत में ही लिख लें कि आप ब्रह्मचर्य का पालन क्यों करना चाहते हैं?,अब हर दिन सुबह या रात इसे पढ़ें और अपने मन में गहराई से बैठा लें, जब भी संदेह उत्पन्न हो तो इसे अपने मन में दोहराएं। ब्रह्मचर्य पालन के दौरान आत्मनिरीक्षण का बहुत महत्व है यदि आप अपनी कमजोरियों और आदतों को नहीं समझते हैं तो आप बार-बार उन्हीं समस्याओं का सामना करेंगे, अक्सर लोग अपनी इच्छाओं और भावनाओं को दबाने का प्रयास करते हैं बजाय इसके कि वे उन्हें समझने और नियंत्रित करने का प्रयास करें तो समझना जरूरी है कि इच्छाएं मानव स्वभाव का हिस्सा है और इन्हें दबाने की बजाय इनकी जड़ों को समझना चाहिए।।
    हर दिन आत्म निरीक्षण करें, डायरी लिखें और अपने विचारों भावनाओं और क्रियाओं का विश्लेषण करें, जब आप यह जान जाते हैं कि कौन सी परिस्थिति आपको कमजोर बनाती है तो आप उनसे बचने का प्रयास कर सकते हैं, संगति का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर सीधा पड़ता है यदि आपके आसपास के लोग आपको प्रेरित करने की बजाय प्रलोभन में डालते हैं तो आपका ब्रह्मचर्य पालन कमजोर पड़ जाएगा तो गलत संगति में रहने वाले लोग अक्सर आपको यह विश्वास दिलाते हैं कि ब्रह्मचर्य पालन तो व्यर्थ है, वे आपको नकारात्मकता से भर देते हैं और आपके मन में शंका उत्पन्न करते हैं, इससे बचने के लिए अपने आसपास ऐसे लोगों को रखें जो आपके विचारों और सिद्धांतों का सम्मान करते हो, यदि ऐसा संभव ना हो तो सत्संग का सहारा लें, प्रेरणादायक किताबें पढ़ें, सकारात्मक वीडियो देखें और उन लोगों से जुड़ें जो इस मार्ग पर चल रहे हैं। ब्रह्मचर्य पालन में अनुशासन सबसे महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है यदि आपकी दिनचर्या अव्यवस्थित है तो आपका मन आसानी से भटक जाएगा क्योंकि अनुशासन हीनता आलस्य को जन्म देती है और आलस्य ही आपके मन को नकारात्मक विचारों और प्रलोभन की ओर ले जाता है तो सुबह जल्दी उठने और रात को समय पर सोने की आदत डालें, अपने दिन का एक निश्चित कार्यक्रम बनाएं और उस पर अडिग रहे, सुबह का समय ध्यान योग और प्रार्थना के लिए सबसे उपयुक्त होता है तो यह गतिविधियां आपके मन को स्थिर और सकारात्मक बनाए रखती हैं। अधिकतर लोग ब्रह्मचर्य पालन के दौरान अपनी इच्छाओं को दबाने की कोशिश करते हैं लेकिन यह केवल अस्थाई समाधान है, दबाई गई इच्छाएं समय के साथ और अधिक ताकतवर होकर लौटती हैं, इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि जब आप किसी इच्छा को लंबे समय तक दबाते हैं तो एक समय ऐसा आता है जब आप उस पर से पूरी तरह नियंत्रण खो देते हैं, इच्छाओं को नियंत्रित करने का तरीका यह है कि सबसे पहले उन्हें स्वीकार करें और यह समझे कि ये क्षणिक हैं और इनके पीछे भागना आपको दीर्घकालिक दुख ही देगा, इसके बाद अपने विचारों को सकारात्मक दिशा में मोड़ें जैसे ही कोई नकारात्मक विचार आए तुरंत किसी रचनात्मक कार्य में लग जाएं जैसे ध्यान और प्राणायाम जैसी तकनीकों का उपयोग करें जो आपके मन को स्थिर और शांत रखते हैं, भोजन और जीवन शैली का सीधा असर मन और शरीर पर पड़ता है तो यदि आप तामसिक या गरिष्ठ भोजन करते हैं तो आपका शरीर भारी और आलसी महसूस करेगा, यह स्थिति आपको नकारात्मक विचारों की ओर ले जाती है, अपने भोजन को सात्विक और सरल बनाएं, शाकाहारी और पौष्टिक भोजन आपके शरीर और मन को शुद्ध करता है। इसके साथ ही नियमित व्यायाम और योग करें, शारीरिक सक्रियता से मानसिक ऊर्जा भी बढ़ती है, आज के युग में सोशल मीडिया और इंटरनेट सबसे बड़े प्रलोभन बन चुके हैं, अश्लील वीडियो और नकारात्मक विचार आसानी से उपलब्ध हैं जो आपके ब्रह्मचर्य पालन को कमजोर कर सकते हैं तो तकनीक का उपयोग केवल आवश्यक कार्यों के लिए ही करें और अपने मोबाइल और कंप्यूटर में ऐसे फिल्टर लगाएं जो नकारात्मक चीजों को ब्लॉक कर सके, इसके अलावा हर सप्ताह एक दिन डिजिटल डिटॉक्स करें यानी पूरे दिन इंटरनेट और मोबाइल से दूर रहें, जब तक आप प्रेरित नहीं रहेंगे तब तक आपका ब्रह्मचर्य पालन टिक नहीं पाएगा, प्रेरणा की कमी से साधक बीच में ही हार मान लेते हैं तो इससे बचने के लिए नियमित रूप से प्रेरणादायक किताबें पढ़ें और वीडियो देखें, उन लोगों की कहानियां सुने जिन्होंने ब्रह्मचर्य पालन के माध्यम से अपने जीवन को बेहतर बनाया है। इसके अलावा अपने उन उद्देश्यों को बार-बार याद करें और हर दिन खुद को प्रेरित करें, ब्रह्मचर्य पालन कोई आसान कार्य नहीं है लेकिन यदि आप दृढ़ संकल्प, अनुशासन और आत्म नियंत्रण के साथ इस मार्ग पर चलते हैं तो यह आपके जीवन को शुद्धता शांति और सफलता से भर देगा।।
    याद रखें, यह यात्रा लंबी है और इसमें धैर्य सबसे बड़ा हथियार है तो अपनी गलतियों को पहचाने, उनसे सीखें और हर दिन बेहतर बनने का प्रयास करें, ब्रह्मचर्य केवल एक साधना नहीं बल्कि आपके जीवन को उच्चतम शिखर तक पहुंचाने का मार्ग है, ब्रह्मचर्य का पालन करने का मतलब खुद को खोना नहीं बल्कि खुद को पाना है, आपके विचार आपकी सबसे बड़ी ताकत है इन्हें अपनी दिशा में मोड़ें और फिर देखिए कि कैसे चमत्कार होते हैं।।
    हर दिन एक नई शुरुआत हैं, यदि कल फिसल गए तो आज फिर से खड़े हो जाइए, आपके छोटे-छोटे प्रयास ही आपके बड़े सपनों को हकीकत में बदलते हैं, हर संघर्ष आपको मजबूत बनाता है और हर त्याग आपको महानता की ओर ले जाता है, संसार में सच्चा आनंद पाने के लिए पहले अपनी आत्मा को शुद्ध करना सीखें, सफलता केवल मेहनत से नहीं मिलती बल्कि इच्छाओं पर नियंत्रण और फोकस से मिलती है, जब आपका मन स्थिर और शांत होता है तो आप किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं, सच्ची सफलता वह है जो आपकी आत्मा को संतोष दे तो ब्रह्मचर्य से आप अपनी ऊर्जा को अपने सपनों को पूरा करने में लगा सकते हैं, सफलता कोई चमत्कार नहीं है बस यह अनुशासन और त्याग का ही परिणाम है, जो अपनी इच्छाओं पर विजय पाता है वही अपने जीवन को सच्चे अर्थों में जीता है।।
    ब्रह्मचर्य वह शक्ति है जो आपके हर सपने को साकार कर सकती है, ब्रह्मचर्य वह सीढ़ी है जो आपको संसार की अशांति से निकालकर आत्मिक शांति तक ले जाती है, आपका असली उद्देश्य अपनी आत्मा को पहचानना है और ब्रह्मचर्य इसका सबसे सशक्त माध्यम है, आध्यात्मिकता का मार्ग कठिन हो सकता है लेकिन यह अनमोल है तो 2025 आपका एक ऐसा साल बन सकता है जो आपकी जिंदगी बदल सकता है, ब्रह्मचर्य का पालन आपके अंदर ऐसी ऊर्जा और आत्मविश्वास लाएगा जो आपको हर लक्ष्य तक पहुंचाएगा, अगर आपने ठान लिया तो यह साल आपके लिए एक नई शुरुआत होगी, जहां आपका मन और शरीर एक नए आयाम में प्रवेश करेगा।।
    तो आइये एक नई शुरुआत करते हैं, हम साथ मिलकर 2025 को अपने जीवन का सबसे सफल और पवित्र साल बनाएंगे।।
    ।।राधे राधे।।

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  • Vishnu Gupta

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  • Vishnu Gupta

    ब्रह्मचर्य नो फैप से किस प्रकार अलग है?, क्या नो ...

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