ब्रह्मचर्य में आपको कितना सावधान रहना होगा?
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ब्रह्मचर्य के पालन के लिए विभिन्न पहलुओं पर ध्यान देना जरूरी है। इच्छाओं और भावनाओं पर नियंत्रण रखना आवश्यक है,नहीं तो ब्रह्मचर्य रह ही नहीं सकते।जो ध्यान और साधना से संभव होता है जैसे नाम जाप , त्राटक क्रिया , सेवा etc । दिनचर्या mein जैसे नियमित व्यायाम, व्यायाम नहीं होगा तो नाइटफॉल और urges बढ़ होंगे ।सात्विक आहार जैसा अन्न वैसा मन सात्विक अन्न होगा तो मन भी सात्विक होगा, और पर्याप्त नींद , अगर जड़ा नींद तो गंदे स्वप्न आयेंगे और अगर कम तो मन साथ नहीं देगा इसीलिए पर्याप्त नींद starting mein। सकारात्मक सोच मानसिक शांति के लिए महत्वपूर्ण है।और एक नियमावली हो तो बहुत अच्छा होता है । नियमित ध्यान आत्मिक शुद्धता और मानसिक स्थिरता बढ़ाता है। सकारात्मक लोगों के साथ रहना और उच्च नैतिक मूल्यों का पालन करना ब्रह्मचर्य के प्रति आपकी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। और मोस्ट इंपॉर्टेंट आपका चिंता अब कुछ हैं । चिंतन सही होना चाहिए।
राधे राधे 🙏🏻 ब्रह्मचर्य में हमें बहुत सावधान रहने की आवश्यकता होती है । जैसे इंस्टाग्राम से कुछ अदृश्य देख लेना या कही वेबसाइट से फिर ब्रह्मचर्य खंडित कर देना अपने आप को इतना व्यस्त रखो कि कामवासना की तरफ ध्यान ही न जाए हमें समझना होगा कि कामवासना एक हवा की तरह होती हैं जैसे तूफान 2 या 3 मिनट के लिए आता है फिर चला जाता है उसकी प्रकार कामवासना होती है कुछ क्षण के लिए आती है फिर चली जाती है ब्रह्मचर्य में हमें एक एक सीढ़ी बहुत सावधानी से चढ़नी होती है जैसे हमें एक मकान बनाने के लिए रेत बजरी सीमेंट आदि की आवश्यकता होती है उसी प्रकार खुद को ब्रह्मचारी बनाने के लिए हमें सिमरन और योगा की आवश्यकता होती होती है बोलो राधे राधे 🙏🏻
ब्रम्हचर्य पालन मे हमे एक एक चीज का ध्यान रखना होगा ,कैसे रहना है ,वाणी कैसे होनी चाहिए , खाना कैसे होना चाहिए, संगत कौ
इसा हो , मन हमेशा साफ हो ।
जय श्री राम
ब्रह्मचर्य मैं हमे हर पल सावधानियाँ रखनी चाहिए । हम एक मिनट भी कोई गलत चिंतन करे तो माया हमे तुरंत परासत कर दे ती है । सर्वप्रथम हमे ब्रह्म मुहुरत मैं उठकर योग करणा चाहिए । खानपान का ध्यान रखना चाहिए । हमे बह्मचर्य मैं सिर्फ सात्विक भोचन खाना चाहिए । और हर पल भगवान मैं चिंतन करना चाहिए ।
ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए हमे बहुत सी सावधानियो रखनी होती है। ब्रह्मचर्य में हमको अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखना होता है अगर गलती से भी किसी स्त्री को कामुक दृष्टि से देखा जाए तो भी ब्रह्मचर्य टूट जाता है। ब्रह्मचर्य में प्रतिदिन ब्रह्मा मूहर्त में उठना अनिवार्य है अन्यथा आप एक ब्रह्मचारी नहीं रह पाएंगे। प्रतिदिन व्यायाम करना होगा और “कभी काम आए तो उस से भागो क्योंकि काम से बचने का और कोई रास्ता नही है” ऐसा हमारे प्रेमानंद महाराज जी कहते है वह कहते है की एक बार कोई ऋषि थे उन्होंने स्वप्न देखा की वह कहीं जा रहे थे और रास्ते में उन्हे एक सुंदर स्त्री दिखी तब स्त्री का सौंदर्य देख वह भागे और इतना भागे की वह स्वप्न से उठ गए। इसलिए कभी काम भावना आई तो उस से भागो उस से बचो।आपको सदेव चेतन व अवचेतन मन में काम से बचना है क्योंकि मन एक ऐसी चीज है जो इंसान से कुछ भी करवा सकती है।
जय श्री राम🚩
Bramhachya mhe bohut sabdan rehena hota hy.
Apna disti sehi karna reheta hy parahy ma behen khe prati.
Social media mhe bhi sabdan rehena parta hy ki galat chiz e na search kar re.
ब्रह्मचर्य का पर्याय अगर सावधानियां को कहा जाए तो गलत नहीं होगा।।
कब सोना है , कैसे सोना है , कब नहीं सोना , क्या खाना है , क्या नहीं खाना , कितना खाना है , क्या देखना है , क्या नहीं देखना, क्या सुनना है क्या नहीं सुनना , क्या पढ़ें क्या न पढ़ें।
अनेक प्रकार की सावधानियां रखनी पड़ेंगी , वो भी केवल एक दिन या 1 सप्ताह के लिए नहीं , तब तक जब तक आप ब्रह्मचर्य में बने रहना चाहते है।।
।।सावधानी हटी दुर्घटना घटी।।
सावधानी को हम 2 प्रकार मै बांट सकते है।
1) मानसिक(80%)
कोई ऐसा विचार का मनन नहीं करना जो बाद में पछतावा का कारण बन जाए। शरीर तो कठपुतली है वही करेगा जो मस्तिष्क उसे संदेश देगा।
नाम जपो मन पे काबू पाओ।
2) शारीरिक(20%)
सीधी बात कहूं तो , शरीर मै एक अंग है जिसे केवल मूत्र त्याग के लिए उपयोग करना है , इसके अलावा कभी गलती से भी इसे स्पर्श नहीं करना , घोर पाप लग जाएगा , 100 दिन की तपस्या भी राख के बराबर हो जाएगी।
व्यायाम करो शरीर पे काबू पाओ।
जय श्री राम 🙏
धन्यवाद 🙏