बिना भगवत कृपा के ब्रह्मचर्य में स्थित रह पाना संभव नहीं है, तो आप किस तरह भगवान से प्रार्थना करते हों?, कितनी देर नाम जप करते हों?
बिना भगवत कृपा के ब्रह्मचर्य में स्थित रह पाना संभव नहीं है, तो आप किस तरह भगवान से प्रार्थना करते हों?, कितनी देर नाम जप करते हों?
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भागवत कृपा के बिना ब्रह्मचर्य रह पाना बिल्कुल भी संभव नहीं है। इसके लिए में 108 बार मंत्र जप, और कम से कम 1008 टाइम राम नाम जप करता हूं किसी कारण वश में तीन दिन मंत्र जप नहीं कर पाया हूं।
Bhagan kriya khy bina bramhachya reh pana namumkin hy.
Bhagan kripa khy liye mhe har din 2 mala jap karta hu mantra kha
Morng ek mala aur rat ko ek mala
Aur week mhe ek din koi mandir mhe ja ke baithr raita hu or vipasana khy 1 day course pe chala jata hu
🙏 राधे राधे 🙏
बिना भगवत कृपा से ब्रह्मचर्य मे स्थित रहना असंभव है । मै जब भि खालि बैठता हु तब मैं नाम जप करता हूँ ।
भगवत कृपा के बिना ब्रह्मचर्य में स्थित रह पाना सच में असंभव है। प्रार्थना mein हम कहते है कि प्रभु अब आपको संभालना है हमारे बस का नहीं है । हम ने कुछ फिक्स नहीं किया है जितना हो सकता है उतना करते है मतलब जितना हो सकते उतना जब याद आगया । महत्वपूर्ण यह है कि जप करते समय मन एकाग्र हो और भावनाएँ सच्ची हों। भगवान् की कृपा और मार्गदर्शन पाने के लिए नियमितता और समर्पण आवश्यक है।
राधे राधे 🙏🏻 ब्रह्मचर्य में बिना भगवत के रहना असंभव है । मै भगवान् से प्राथना करता हु कि जब भी मेरा मन कामवासना की तरफ जाए तो मुझे संभाल लेना मै आपका ही अंश हु जब कोई गलती करु तो मुझे रोक देना किसी मनुष्य के रूप में है जीव के रूप में , मै आधे घंटे से 1 घंटे तक जप करता हु जैसे राधे राधे, कृष्णा कृष्णा, जय श्री राम आदि । बोलो राधे राधे 🙏🏻
सबसे पहले सुबह उठते ही एक बार “जय श्री राम” , नाम लेना भूल न जाऊ इसके लिए मैने लॉक स्क्रीन पे “राम दरबार” का wallpaper लगा रखा है, अलार्म बंद करने के बाद सीधे श्री राम , बजरंगबली के दर्शन हो जाते है।
स्नान करने के बाद जब पूजा की तैयारी कर रहा होता हु, तो मन मै राम राम जपता हु , जल अर्पण करके अगरबत्ती दिखाने तक।
भोजन का पहला निवाला , प्रभु का नाम लेकर ग्रहण करता हु।(सुबह/दोपहर/शाम)
संध्या समय(5–5:30) ध्यान करने के बाद , Task 2 ko पूरा करता हु , जिसमें 108 बार नाम जप करना होता है।
बिस्तर पर जाने के बाद मन मै निरंतर नाम जप , जबतक नींद न आ जाए।