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Asked: December 21, 2024In: चुनौतियाँ और समाधान

2025 Me Brahmacharya Ke Liye Kuchh Sujhav

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Brahmacharya
  1. Vishnu Gupta
    Best Answer
    Vishnu Gupta Yogi
    Added an answer on December 21, 2024 at 11:16 am

    2025 - एक नई शुरुआत क्या आपने सोचा है कि 2025 में ब्रह्मचर्य आपकी जिंदगी कैसे बदल सकता है?, क्या आप भी अपने जीवन में सफलता शांति और आत्म नियंत्रण लाना चाहते हैं?, लेकिन समझ नहीं पा रहे कि ब्रह्मचर्य पालन की शुरुआत कैसे करें?, क्या होगा अगर मैं कहूं कि यही एक आदत आपको दूसरों से अलग बना सकती है और वोRead more

    2025 – एक नई शुरुआत
    क्या आपने सोचा है कि 2025 में ब्रह्मचर्य आपकी जिंदगी कैसे बदल सकता है?, क्या आप भी अपने जीवन में सफलता शांति और आत्म नियंत्रण लाना चाहते हैं?, लेकिन समझ नहीं पा रहे कि ब्रह्मचर्य पालन की शुरुआत कैसे करें?, क्या होगा अगर मैं कहूं कि यही एक आदत आपको दूसरों से अलग बना सकती है और वो शक्ति दे सकती है जो आज के 95% लोग प्रायः खो चुके हैं?, क्या होगा जब आप अपनी स्किल्स को निखार रहे होंगे, अपने सपनों को साकार कर रहे होंगे, सोचिए 2025 का दिसंबर जब आएगा तो आप खुद को एक नई ऊंचाई पर देखेंगे, जबकि बाकी लोग वहीं होंगे जहां वे आज हैं, तो 2025 में ब्रह्मचर्य अपनाना सिर्फ एक आदत नहीं बल्कि आपकी जिंदगी को बदलने वाला कदम हो सकता है, लोग सोचते हैं कि ब्रह्मचर्य का मतलब त्याग है, जैसे दोस्तों से दूरी बनाना, मस्ती से दूर रहना लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है, असल में ब्रह्मचर्य आपको वो ताकत देता है, जिससे आप अपनी जिंदगी की हर ऊंचाई को छू सकते हैं, तो आज मैं आपको बताने वाला हूं कि वो सबसे बड़ी बड़ी गलती जो ज्यादातर लोग ब्रह्मचर्य की शुरुआत में करते हैं, और सबसे खास बात कैसे आप इस घोर कलयुग में ब्रह्मचर्य को अपनाकर सफलता की ओर बढ़ सकते हैं, अगर आप यह सोचते हैं कि ब्रह्मचर्य सिर्फ योगियों और सन्यासियों के लिए हैं तो इस जबाब को पूरा पढ़िए, आपको पता चलेगा कि यह साधारण इंसानों के लिए भी एक सुपर पावर की तरह काम करता है, तो क्या आप तैयार हैं अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी छलांग लगाने के लिए क्योंकि आखिर में जीत उन्हीं की होती है जो खुद को जीतना जानते हैं तो आइए 2025 को अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा मोड़ बनाते हैं।।
    आज मैं आपको तीन ऐसे गहरे और महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर ले चलूंगा, जो आपके ब्रह्मचर्य के सफर को आसान और प्रेरणादायक बना देंगे, पहले पॉइंट में हम जानेंगे कि ब्रह्मचर्य से मिलने वाली ऊर्जा को सही दिशा में कैसे लगाया जाए क्योंकि जब यह ऊर्जा सही जगह लगती है तो आपकी मेहनत और सफलता का परिणाम कई गुना बढ़ जाता है, और दूसरे पॉइंट में हम बात करेंगे ब्रह्मचर्य पालन की शुरुआत कैसे करें क्योंकि शुरुआत ही सबसे कठिन होती है, लेकिन एक बार सही तरीके से कदम उठाने पर यह सफर ना केवल आसान होता है बल्कि आनंद से भरा भी होता है, फिर तीसरे पॉइंट में सबसे जरूरी ब्रह्मचर्य पालन की शुरुआत में लोग जो गलतियां करते हैं वे कौन सी हैं, क्योंकि अक्सर लोग इन्हीं गलतियों की वजह से हार मान लेते हैं और उनका संकल्प टूट जाता है तो मैं आपको इनसे बचने के ऐसे तरीके बताऊंगा जो आपके ब्रह्मचर्य पालन को मजबूत बना देंगी, तो दोस्तों अगर आप अपनी जिंदगी को एक नई ऊंचाई पर ले जाना चाहते हैं, अपने भीतर की शक्ति को पहचानना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़िए क्योंकि जो बातें मैं आज आपसे सांझा करूंगा वे ना केवल आपके विचारों को बदलेगी बल्कि आपके जीवन को भी एक नई दिशा देंगी।।
    ब्रह्मचर्य की ऊर्जा का सही प्रयोग
    चलिए शुरुआत करते हैं पहले पॉइंट में हम बात करेंगे कि इस ऊर्जा को सही दिशा में कैसे लगाया जाए क्योंकि सही दिशा में यह ऊर्जा आपके सपनों को हकीकत में बदलने की ताकत रखती है, लेकिन अगर यह गलत दिशा में चली गई तो यह आपको आलस गुस्सा और मानसिक अशांति की तरफ धकेल सकती है, गलत दिशा का मतलब है इसे अनावश्यक चीजों में खर्च करना जैसे बेवजह का मनोरंजन फिजूल की आदतें या ऐसी गतिविधियां जो आपके लक्ष्य से भटका दें इसलिए इसे सही दिशा में लगाना बेहद जरूरी है, आपको इसे अपने लक्ष्य, अपने जुनून और अपने आत्म विकास के कामों में लगाना है, तो यह ना केवल आपको आपकी मंजिल तक पहुंचाएगी, बल्कि आपको मानसिक शांति और आत्मविश्वास भी देगी तो दोस्तों इस पॉइंट को ध्यान से समझिए, क्योंकि यह आपकी सफलता और असफलता के बीच का सबसे बड़ा फर्क पैदा कर सकता है।।
    चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं ब्रह्मचर्य की ऊर्जा को सही दिशा में कैसे लगाएं, सोचिए आप सुबह उठते ही सबसे पहला काम क्या करते हैं, मोबाइल उठाकर शायद कुछ रील्स देखते हैं, लोगों की लाइफ स्टाइल चेक करते हैं और फिर अपने दिमाग में यह सोचकर दिन शुरू करते हैं कि काश मेरी लाइफ भी ऐसी होती, अब इस पर थोड़ा रुक
    कर सोचें, क्या ये आपकी गलती है?, नहीं ये इंसान की आदत बन चुकी है और यह आदत हमें ना केवल मानसिक रूप से कमजोर कर रही है बल्कि हमारे समय और ऊर्जा को भी चुरा रही है, आजकल सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफार्म बन गया है जो आपकी खुशी फोकस और आत्मविश्वास को खत्म कर रहा है जिससे आपकी जीवन ऊर्जा भी धीरे-धीरे खत्म हो जाती है, आपकी आत्मा और शरीर की ऊर्जा सोशल मीडिया के इस जाल में फंसकर खत्म हो रही है, सोचिए अगर आप रोजाना इंस्टाग्राम पर दो घंटे बर्बाद करते हैं तो साल भर में आप लगभग सात सौ तीस घंटे बर्बाद कर रहे हैं, इतने समय में आप एक नई स्किल सीख सकते थे, खुद को बेहतर बना सकते थे या अपनी जिंदगी को एक नई दिशा दे सकते थे।।
    अब सवाल आता है कि क्या हम इस जाल से बाहर निकल सकते हैं?, तो इसका जवाब है हां लेकिन इसके लिए आपको अपनी पूरी मानसिक और शारीरिक ऊर्जा को सही दिशा में लगाना होगा, और यही है ब्रह्मचर्य की ताकत, ब्रह्मचर्य का मतलब केवल शारीरिक संयम नहीं है, यह मानसिक और भावनात्मक संयम का भी नाम है, इसका मतलब है अपनी ऊर्जा को बचाकर उसे सही दिशा में लगाना, जरा सोचिए अगर आप वो सारी ऊर्जा जो आप सोशल मीडिया और इंस्टाग्राम में लगाकर बर्बाद कर रहे हैं अगर उसे अपने लक्ष्य पर केंद्रित कर दें तो आप कहाँ पहुंच सकते हैं, ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए आपका फोकस तेज होगा, आपके सोचने की क्षमता बढ़ेगी, आप अपने जीवन के हर पहलू पर एक नई ऊंचाई पर पहुंचेंगे, इंस्टाग्राम पर समय बिताने की बजाय उसे लिमिट करें, अपने फोन में ऐसे एप्स रखें जो आपके आत्मविकास में मदद करें, हर दिन पंद्रह मिनट से ज्यादा इंस्टाग्राम ना चलाएं, सुबह उठते ही मोबाइल से दूरी बनाएं, मैडिटेशन और योगभ्यास करें, अपने दिन की प्लानिंग करें, अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाएं, पढ़ाई, नई स्किल्स और फिटनेस पर फोकस करें, अपने लक्ष्य को प्राथमिकता दें, अपनी सोच को सकारात्मक बनाएं रखें, अनावश्यक इच्छाओं और विकर्षणों से बचें, खुद को बेहतर बनाने में अपनी ऊर्जा लगाएं, ब्रह्मचर्य को अपनाने वाले महान व्यक्तियों की सफलता की कहानियां हमेशा प्रेरणा देती हैं।।
    स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी और कई अन्य ने इस पथ का अनुसरण किया और दुनिया में अपने नाम की छाप छोड़ी, सोचिए अगर वे कर सकते हैं तो आप क्यों नहीं कर सकते हो, तो 2025 आपके लिए एक नया अध्याय हो सकता है, लेकिन यह तभी संभव है जब आप सोशल मीडिया और फिजूल की चीजों से दूरी बनाकर अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाते हैं, ब्रह्मचर्य को अपनाकर आप ना केवल अपने जीवन को एक नई दिशा देंगे बल्कि दूसरों के लिए प्रेरणा भी बनेंगे, एक बात उन लड़कों को भी समझाना चाहता हूं जो लड़कियों के पीछे पागल हो रहे हैं और अपना कीमती समय बर्बाद कर रहे हैं, आज का युवा वर्ग अपनी सबसे कीमती चीज समय और ऊर्जा लड़कियों के पीछे भागने और क्षणिक आकर्षण में बर्बाद कर रहा है, सोशल मीडिया के इस युग में प्यार और रिश्ते का स्वरूप पूरी तरह बदल चुका है, यह घोर कलयुग का समय है जहां असली प्यार की संभावना लगभग खत्म हो गई है, लड़के जो अपनी ऊर्जा को महान कार्यों में लगा सकते हैं वह इसे बर्बाद कर रहे हैं, प्रोफाइल ग्लैमरस तस्वीरें और परफेक्ट रिलेशनशिप के दिखावे ने लड़कों को ऐसा महसूस कराया है कि प्यार ही सब कुछ है, हर पोस्ट पर लाइक और कमेंट करने का जुनून मैसेज का इंतजार करते हुए, कीमती समय की बर्बादी, अपने आप को साबित करने की बेकार कोशिशें तो यह समझना जरूरी है कि सोशल मीडिया पर दिखने वाले रिश्ते और प्यार अक्सर नकली होते हैं, असली जिंदगी में यह परफेक्ट रिलेशनशिप बहुत कम होते हैं।।
    लड़कों के लिए लड़कियों का शारीरिक आकर्षण सबसे बड़ा जाल बन गया है, लड़के अपनी ऊर्जा और ध्यान केवल बाहरी सुंदरता पर केंद्रित कर देते हैं, वे भूल जाते हैं कि बाहरी सुंदरता क्षणिक है और असली मूल्य चरित्र, आदतें और लक्ष्य में होता है, दूसरों से तुलना करने की बेवकूफी कि उसके पास गर्लफ्रेंड है तो मेरे पास क्यों नहीं, यह सोच लड़कों को मानसिक तनाव में डालती है इस तुलना के कारण वे खुद को कम आंकने लगते हैं, और ध्यान भटकने लगता है, लड़के लड़कियों के बारे में सोचते हुए उन्हें मैसेज करते हुए और उनके साथ समय बिताने की कोशिश करते हुए अपना दिन बर्बाद कर देते हैं।।
    पढ़ाई के समय का इस्तेमाल मैसेज लिखने में, करियर प्लानिंग के समय का इस्तेमाल डेटिंग प्लान बनाने में होता है और फिर नतीजा यह निकल कर आता है कि उनकी पढ़ाई करियर और व्यक्तिगत विकास ठहर जाता है, मनुष्य की ऊर्जा असीमित होती है लेकिन इसे सही दिशा में उपयोग करना जरूरी है, जब लड़के अपनी ऊर्जा को प्यार और रिश्तों में बर्बाद करते हैं तो उनके पास जीवन के असली उद्देश्यों के लिए कुछ नहीं बचता, लड़कियों के पीछे भागने और बार-बार अस्वीकृति पाने से लड़कों का आत्मसम्मान कम हो जाता है, यह उनके मानसिक स्वास्थ्य और आत्मविश्वास पर गहरा नकारात्मक प्रभाव डालता है, तो इस समय में प्यार ज्यादातर स्वार्थ इच्छाओं और दिखावे पर आधारित है, लोग रिश्तों में केवल अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए आते हैं, घोर कलयुग में सच्चा प्यार मिलना लगभग असंभव है, आज के रिश्ते अक्सर अस्थिर और क्षणिक होते हैं, सच्चे प्यार की तलाश में लोग अपने जीवन के कीमती साल बर्बाद कर देते हैं, प्यार का भ्रम आपके जीवन को गहरी निराशा और असफलता में डाल सकता है तो 2025 में इस भ्रम से बचकर आप अपने जीवन में असली खुशियों और सफलता को पा सकते हैं, अपनी ऊर्जा को बचाकर सही दिशा में लगाना यह केवल शारीरिक संयम नहीं है, बल्कि मन और आत्मा का नियंत्रण है।।
    ब्रह्मचर्य आपकी ऊर्जा को बचाकर उसे पढ़ाई करियर और व्यक्तिगत विकास में लगाने का मार्ग प्रदान करता है, जब आप अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण पाते हैं तो आप अपने जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं, ब्रह्मचर्य आपको आत्मविश्वास और मानसिक शक्ति प्रदान करता है, यह आपको हर परिस्थिति में शांत और स्थिर रहने में मदद करता है, तो आप अपना समय और ऊर्जा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में लगाएं, हर दिन कुछ नया सीखें और अपने कौशल को निखारें, ब्रह्मचर्य अपनाएं, भ्रम से बचें, लड़कियों के पीछे भागने और प्यार के झूठे भ्रम में फंसने से बचें, अपनी ऊर्जा और समय को पहचाने और इसे अपने जीवन के असली उद्देश्य को प्राप्त करने में लगाएं।।
    ब्रह्मचर्य की शुरुआत
    अब जानते हैं कि, ब्रह्मचर्य पालन की शुरुआत कैसे करें?, ब्रह्मचर्य एक प्राचीन और शक्तिशाली जीवन शैली है जो आत्मज्ञान, शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्पष्टता और आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करती है, इस पथ पर चलने का निर्णय ना केवल आपके जीवन को समृद्ध बनाएगा बल्कि आपको अपने वास्तविक उद्देश्य को जानने और समझने में भी मदद करेगा, इस मार्गदर्शिका में हम ब्रह्मचर्य के पालन की शुरुआत से लेकर इसके लाभों तक कदम दर कदम प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा करेंगे, ताकि आप इसे अपनी जीवन शैली में प्रभावी ढंग से शामिल कर सकें।।
    ब्रह्मचर्य का शाब्दिक अर्थ होता है ब्रह्म के साथ चलना या ब्रह्म के साथ रहना तो यह एक ऐसी जीवन शैली है, जो संयम, आत्म नियंत्रण और आपकी आंतरिक शक्तियों के साथ सामंजस्य स्थापित करने पर आधारित है, यह केवल यौन संयम तक ही सीमित नहीं है बल्कि शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वच्छता और संतुलन का भी प्रतीक है, ब्रह्मचर्य का पालन करने से व्यक्ति में ऊर्जा का संचार होता है, मानसिक स्पष्टता में वृद्धि होती है और आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में कदम बढ़ता है। यह एक आत्मनिर्भर और जागरूक जीवन जीने की क्षमता प्रदान करता है।।
    अब इसकी शुरुआत कैसे करनी है, जब आप ब्रह्मचर्य का पालन शुरू करने का निर्णय लेते हैं तो सबसे पहले आपको मानसिक रूप से तैयार होना होगा, यह एक साधना है और जैसे किसी भी बड़े कार्य के लिए मानसिक रूप से तैयार होना जरूरी है वैसे ही ब्रह्मचर्य के पालन के लिए भी मानसिक तैयारी अनिवार्य है, तो इसके लिए आप अपना एक उद्देश्य स्पष्ट करें, पहले आपको यह समझना होगा कि आपको ब्रह्मचर्य का पालन क्यों करना है?, क्या आप अपनी शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को बेहतर तरीके से उपयोग करना चाहते हैं?, क्या आप आध्यात्मिक उन्नति की ओर कदम बढ़ाना चाहते हैं?, अपने उद्देश्य को समझना आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा, फिर अपना एक लक्ष्य तय करें कि ब्रह्मचर्य का पालन करने के दौरान आपके लक्ष्य क्या होंगे?, क्या आप खुद को अधिक शारीरिक रूप से स्वस्थ देखना चाहते हैं या आपको मानसिक स्पष्टता प्राप्त करनी है, इस तरह के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए आपको अपने प्रयासों को सही दिशा में लगाना होगा। ब्रह्मचर्य का पालन करने में जीवन शैली में बड़े बदलाव की आवश्यकता होती है, ये एक साधना है जो केवल मानसिक नहीं बल्कि शारीरिक और सामाजिक स्तर पर भी प्रभाव डालती है इसीलिए आपको अपनी दिनचर्या में कुछ प्रमुख बदलाव करने होंगे।।
    जिसमें से पहला है व्यायाम और योग, शारीरिक व्यायाम आपके शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करता है, जब आप ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं तो यह आवश्यक है कि आप अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाएं तो नियमित व्यायाम और योग से आपकी शारीरिक स्थिति बेहतर होती है और मानसिक संतुलन भी बना रहता है, दूसरा है संतुलित आहार, एक अच्छा आहार आपके शरीर की ऊर्जा को नियंत्रित करता है, ब्रह्मचर्य के दौरान आपको हल्का और पौष्टिक भोजन करना चाहिए जो आपके शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान करता हो और आपकी ऊर्जा को सही दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करता हो, तीसरा है ध्यान और साधना, ध्यान और साधना ब्रह्मचर्य का अभिन्न हिस्सा है यह मानसिक शांति और स्पष्टता लाने के साथ-साथ मानसिक नियंत्रण भी विकसित करता है आपको प्रतिदिन ध्यान करने का अभ्यास करना चाहिए, यह आपकी मानसिक स्थिति को मजबूत बनाए रखेगा, चौथा है नकारात्मक विचारों से बचें, ब्रह्मचर्य का पालन करते समय आपको अपनी मानसिक स्थिति को सकारात्मक बनाए रखना होगा, नकारात्मक विचारों और भावनाओं को नियंत्रण में रखना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है इसके लिए आपको अपनी मानसिकता पर लगातार काम करना होगा और सकारात्मक सोच को अपनाना होगा, पांचवा है सकारात्मक वातावरण, ब्रह्मचर्य का पालन करने के लिए आपको ऐसे वातावरण में रहना चाहिए जो सकारात्मक हो, ऐसे लोगों के साथ समय बिताएं जो आपकी ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं और आपको अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होने में मदद करते हैं, छठा है विचारों पर नियंत्रण, सामाजिक जीवन में हमें कई प्रकार के विचारों और व्यवहारों का सामना करना पड़ता है तो इन विचारों और प्रभावों को समझदारी से नियंत्रित करना चाहिए ताकि वे आपके उद्देश्य के खिलाफ ना जाएं।।
    ब्रह्मचर्य का पालन करने में आत्म नियंत्रण और संयम की आवश्यकता होती है, यहाँ ना केवल यौन इच्छाओं पर नियंत्रण का सवाल है बल्कि आपके जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी आत्म नियंत्रण की आवश्यकता होती है, शारीरिक इच्छाओं पर नियंत्रण पाना आसान नहीं होता लेकिन इसके लिए ध्यान और साधना की मदद से संयम बनाए रखना संभव है बस आपको यह समझना होगा कि यह इच्छाएं सिर्फ क्षणिक होती हैं और इनसे निकलने की शक्ति आपके भीतर है।
    केवल शारीरिक इच्छाएं ही नहीं बल्कि मानसिक इच्छाओं पर भी नियंत्रण रखना आवश्यक है, यदि आप किसी चीज के लिए बहुत ज्यादा इच्छाएं रखते हैं तो यह आपके मानसिक संतुलन को प्रभावित कर सकता है, आपको अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है, ब्रह्मचर्य का पालन करने के लिए अनुशासन और नियमितता की अत्यधिक आवश्यकता है क्योंकि बिना अनुशासन के आप इस पथ पर सही तरीके से नहीं चल सकते, जिसमें से पहला है नित्य की एक दिनचर्या बनाएं, एक निश्चित दिनचर्या अपनाएं जिसमें आपकी शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक आवश्यकताएं पूरी
    होती हो। नियमित समय पर सोना, उठना, व्यायाम करना, ध्यान लगाना और अच्छे आहार का सेवन करना जरूरी है, दूसरा है विराम और विश्राम क्योंकि ब्रह्मचर्य का पालन करते समय आपको अपनी ऊर्जा को सही तरीके से प्रबंधित करना होगा तो यह आवश्यक है कि आप अपनी ऊर्जा का उचित उपयोग करें और सही समय पर विश्राम भी करें। किसी भी नई जीवन शैली को अपनाते समय चुनौतियां आना स्वाभाविक है तो ब्रह्मचर्य के पालन के दौरान भी कई प्रकार की मानसिक और शारीरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें से पहला है सोच का परिवर्तन, शुरुआत में आपको अपनी पुराने आदतों और सोच को
    छोड़ने में कठिनाई हो सकती है, लेकिन इस यात्रा का उद्देश्य ही खुद को बेहतर बनाना है, ना कि पुराने आदतों को बनाए रखना, दूसरा है मनुष्य के स्वाभाविक उतार चढ़ाव कभी-कभी आपके मन में संकोच या निराशा भी आ सकती है लेकिन यह पूरी प्रक्रिया का हिस्सा है इसलिए महत्त्वपूर्ण यह है कि आप अपने लक्ष्य की ओर लगातार बढ़ते रहें।।
    ब्रह्मचर्य का पालन करना, एक उच्चतम जीवन शैली है जो आत्म नियंत्रण संयम और आंतरिक शांति की ओर ले जाता है, यह ना केवल आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाता है बल्कि आपके जीवन के उद्देश्य को भी स्पष्ट करता है, शुरुआत में कठिनाइयां आ सकती हैं लेकिन आपकी प्रतिबद्धता और निरंतरता से आप सफलता की ओर बढ़ सकते हैं, आपके इस मार्गदर्शन में जो भी प्रेरणा और दिशा मिली है वह आपके जीवन को नई दिशा देने के लिए काफी है। याद रखें ब्रह्मचर्य कोई अंत नहीं है, ये एक निरंतर यात्रा है जो आपको अपने भीतर की शक्तियों और ऊर्जा को पहचानने का अवसर देती है।।
    ब्रह्मचर्य में होने वाली गलतियाँ
    अब जानते हैं कि ब्रह्मचर्य पालन में लोग अक्सर कौन सी गलती करते हैं जिससे कि उनका ब्रह्मचर्य ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाता है, ब्रह्मचर्य पालन एक साधना है जो अनुशासन और आत्म संयम की मजबूत नींव पर टिकती है, इसे केवल काम वासना से बचने तक सीमित समझना गलत है, यह विचार भावना और कर्म में पवित्रता को बनाए रखने का एक जीवन दर्शन है, हालांकि इसे शुरू करना जितना कठिन लगता है, उतना ही कठिन इसे लंबे समय तक टिकाए रखना होता है, इसमें ज्यादातर लोग ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जो उनके ब्रह्मचर्य पालन को कमजोर कर देती हैं तो इन गलतियों को समझना और उनसे बचने के उपायों को अपनाना ही सफलता की कुंजी है तो आइये विस्तार से समझते हैं कि इंसान किन गलतियों के कारण असफल होते हैं और उनसे कैसे बचा जा सकता सकता है।।
    जब कोई व्यक्ति ब्रह्मचर्य पालन शुरू करता है तो अक्सर उसके पास इसका ठोस उद्देश्य नहीं होता, वे या तो समाज के प्रभाव में आकर इसे अपनाते हैं या किसी अस्थाई प्रेरणा से उत्साहित होकर आ जाते हैं, तो जब तक आपके पास एक स्पष्ट और ठोस उद्देश्य नहीं होगा तब तक आप इस साधना में सफल नहीं हो सकते, ब्रह्मचर्य पालन का अर्थ केवल इच्छाओं को दबाना नहीं है बल्कि उन्हें नियंत्रित करके अपने ऊर्जा स्तर को ऊंचा उठाना है, ब्रह्मचर्य का उद्देश्य तय करना इसलिए जरूरी है क्योंकि जब आप कठिन परिस्थितियों का सामना करते हैं तो वही उद्देश्य आपको टिकाए रखता है अब यदि आप का उद्देश्य अस्पष्ट है तो आप हर बार खुद को कमजोर पाते हैं तो इसका उपाय यह है कि शुरुआत में ही लिख लें कि आप ब्रह्मचर्य का पालन क्यों करना चाहते हैं?,अब हर दिन सुबह या रात इसे पढ़ें और अपने मन में गहराई से बैठा लें, जब भी संदेह उत्पन्न हो तो इसे अपने मन में दोहराएं। ब्रह्मचर्य पालन के दौरान आत्मनिरीक्षण का बहुत महत्व है यदि आप अपनी कमजोरियों और आदतों को नहीं समझते हैं तो आप बार-बार उन्हीं समस्याओं का सामना करेंगे, अक्सर लोग अपनी इच्छाओं और भावनाओं को दबाने का प्रयास करते हैं बजाय इसके कि वे उन्हें समझने और नियंत्रित करने का प्रयास करें तो समझना जरूरी है कि इच्छाएं मानव स्वभाव का हिस्सा है और इन्हें दबाने की बजाय इनकी जड़ों को समझना चाहिए।।
    हर दिन आत्म निरीक्षण करें, डायरी लिखें और अपने विचारों भावनाओं और क्रियाओं का विश्लेषण करें, जब आप यह जान जाते हैं कि कौन सी परिस्थिति आपको कमजोर बनाती है तो आप उनसे बचने का प्रयास कर सकते हैं, संगति का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर सीधा पड़ता है यदि आपके आसपास के लोग आपको प्रेरित करने की बजाय प्रलोभन में डालते हैं तो आपका ब्रह्मचर्य पालन कमजोर पड़ जाएगा तो गलत संगति में रहने वाले लोग अक्सर आपको यह विश्वास दिलाते हैं कि ब्रह्मचर्य पालन तो व्यर्थ है, वे आपको नकारात्मकता से भर देते हैं और आपके मन में शंका उत्पन्न करते हैं, इससे बचने के लिए अपने आसपास ऐसे लोगों को रखें जो आपके विचारों और सिद्धांतों का सम्मान करते हो, यदि ऐसा संभव ना हो तो सत्संग का सहारा लें, प्रेरणादायक किताबें पढ़ें, सकारात्मक वीडियो देखें और उन लोगों से जुड़ें जो इस मार्ग पर चल रहे हैं। ब्रह्मचर्य पालन में अनुशासन सबसे महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है यदि आपकी दिनचर्या अव्यवस्थित है तो आपका मन आसानी से भटक जाएगा क्योंकि अनुशासन हीनता आलस्य को जन्म देती है और आलस्य ही आपके मन को नकारात्मक विचारों और प्रलोभन की ओर ले जाता है तो सुबह जल्दी उठने और रात को समय पर सोने की आदत डालें, अपने दिन का एक निश्चित कार्यक्रम बनाएं और उस पर अडिग रहे, सुबह का समय ध्यान योग और प्रार्थना के लिए सबसे उपयुक्त होता है तो यह गतिविधियां आपके मन को स्थिर और सकारात्मक बनाए रखती हैं। अधिकतर लोग ब्रह्मचर्य पालन के दौरान अपनी इच्छाओं को दबाने की कोशिश करते हैं लेकिन यह केवल अस्थाई समाधान है, दबाई गई इच्छाएं समय के साथ और अधिक ताकतवर होकर लौटती हैं, इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि जब आप किसी इच्छा को लंबे समय तक दबाते हैं तो एक समय ऐसा आता है जब आप उस पर से पूरी तरह नियंत्रण खो देते हैं, इच्छाओं को नियंत्रित करने का तरीका यह है कि सबसे पहले उन्हें स्वीकार करें और यह समझे कि ये क्षणिक हैं और इनके पीछे भागना आपको दीर्घकालिक दुख ही देगा, इसके बाद अपने विचारों को सकारात्मक दिशा में मोड़ें जैसे ही कोई नकारात्मक विचार आए तुरंत किसी रचनात्मक कार्य में लग जाएं जैसे ध्यान और प्राणायाम जैसी तकनीकों का उपयोग करें जो आपके मन को स्थिर और शांत रखते हैं, भोजन और जीवन शैली का सीधा असर मन और शरीर पर पड़ता है तो यदि आप तामसिक या गरिष्ठ भोजन करते हैं तो आपका शरीर भारी और आलसी महसूस करेगा, यह स्थिति आपको नकारात्मक विचारों की ओर ले जाती है, अपने भोजन को सात्विक और सरल बनाएं, शाकाहारी और पौष्टिक भोजन आपके शरीर और मन को शुद्ध करता है। इसके साथ ही नियमित व्यायाम और योग करें, शारीरिक सक्रियता से मानसिक ऊर्जा भी बढ़ती है, आज के युग में सोशल मीडिया और इंटरनेट सबसे बड़े प्रलोभन बन चुके हैं, अश्लील वीडियो और नकारात्मक विचार आसानी से उपलब्ध हैं जो आपके ब्रह्मचर्य पालन को कमजोर कर सकते हैं तो तकनीक का उपयोग केवल आवश्यक कार्यों के लिए ही करें और अपने मोबाइल और कंप्यूटर में ऐसे फिल्टर लगाएं जो नकारात्मक चीजों को ब्लॉक कर सके, इसके अलावा हर सप्ताह एक दिन डिजिटल डिटॉक्स करें यानी पूरे दिन इंटरनेट और मोबाइल से दूर रहें, जब तक आप प्रेरित नहीं रहेंगे तब तक आपका ब्रह्मचर्य पालन टिक नहीं पाएगा, प्रेरणा की कमी से साधक बीच में ही हार मान लेते हैं तो इससे बचने के लिए नियमित रूप से प्रेरणादायक किताबें पढ़ें और वीडियो देखें, उन लोगों की कहानियां सुने जिन्होंने ब्रह्मचर्य पालन के माध्यम से अपने जीवन को बेहतर बनाया है। इसके अलावा अपने उन उद्देश्यों को बार-बार याद करें और हर दिन खुद को प्रेरित करें, ब्रह्मचर्य पालन कोई आसान कार्य नहीं है लेकिन यदि आप दृढ़ संकल्प, अनुशासन और आत्म नियंत्रण के साथ इस मार्ग पर चलते हैं तो यह आपके जीवन को शुद्धता शांति और सफलता से भर देगा।।
    याद रखें, यह यात्रा लंबी है और इसमें धैर्य सबसे बड़ा हथियार है तो अपनी गलतियों को पहचाने, उनसे सीखें और हर दिन बेहतर बनने का प्रयास करें, ब्रह्मचर्य केवल एक साधना नहीं बल्कि आपके जीवन को उच्चतम शिखर तक पहुंचाने का मार्ग है, ब्रह्मचर्य का पालन करने का मतलब खुद को खोना नहीं बल्कि खुद को पाना है, आपके विचार आपकी सबसे बड़ी ताकत है इन्हें अपनी दिशा में मोड़ें और फिर देखिए कि कैसे चमत्कार होते हैं।।
    हर दिन एक नई शुरुआत हैं, यदि कल फिसल गए तो आज फिर से खड़े हो जाइए, आपके छोटे-छोटे प्रयास ही आपके बड़े सपनों को हकीकत में बदलते हैं, हर संघर्ष आपको मजबूत बनाता है और हर त्याग आपको महानता की ओर ले जाता है, संसार में सच्चा आनंद पाने के लिए पहले अपनी आत्मा को शुद्ध करना सीखें, सफलता केवल मेहनत से नहीं मिलती बल्कि इच्छाओं पर नियंत्रण और फोकस से मिलती है, जब आपका मन स्थिर और शांत होता है तो आप किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं, सच्ची सफलता वह है जो आपकी आत्मा को संतोष दे तो ब्रह्मचर्य से आप अपनी ऊर्जा को अपने सपनों को पूरा करने में लगा सकते हैं, सफलता कोई चमत्कार नहीं है बस यह अनुशासन और त्याग का ही परिणाम है, जो अपनी इच्छाओं पर विजय पाता है वही अपने जीवन को सच्चे अर्थों में जीता है।।
    ब्रह्मचर्य वह शक्ति है जो आपके हर सपने को साकार कर सकती है, ब्रह्मचर्य वह सीढ़ी है जो आपको संसार की अशांति से निकालकर आत्मिक शांति तक ले जाती है, आपका असली उद्देश्य अपनी आत्मा को पहचानना है और ब्रह्मचर्य इसका सबसे सशक्त माध्यम है, आध्यात्मिकता का मार्ग कठिन हो सकता है लेकिन यह अनमोल है तो 2025 आपका एक ऐसा साल बन सकता है जो आपकी जिंदगी बदल सकता है, ब्रह्मचर्य का पालन आपके अंदर ऐसी ऊर्जा और आत्मविश्वास लाएगा जो आपको हर लक्ष्य तक पहुंचाएगा, अगर आपने ठान लिया तो यह साल आपके लिए एक नई शुरुआत होगी, जहां आपका मन और शरीर एक नए आयाम में प्रवेश करेगा।।
    तो आइये एक नई शुरुआत करते हैं, हम साथ मिलकर 2025 को अपने जीवन का सबसे सफल और पवित्र साल बनाएंगे।।
    ।।राधे राधे।।

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Karan_160
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Karan_160
Asked: December 21, 2024In: ब्रह्मचर्य का पालन कैसे करें?

Netra ka brahmcharya kaise palan karen?

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netra ka brahmcharya kaise palan karen ??
  1. Ranjan
    Ranjan Acharya ISKCON devotee
    Added an answer on December 21, 2024 at 11:02 am

    Bg. 2.70 आपूर्यमाणमचलप्रतिष्ठं समुद्रमापः प्रविशन्ति यद्वत् । तद्वत्कामा यं प्रविशन्ति सर्वे स शान्तिमाप्‍नोति न कामकामी ॥ ७० ॥ Translation A person who is not disturbed by the incessant flow of desires – that enter like rivers into the ocean, which is ever being filled but is always still – can aloRead more

    Bg. 2.70

    आपूर्यमाणमचलप्रतिष्ठं
    समुद्रमापः प्रविशन्ति यद्वत् ।
    तद्वत्कामा यं प्रविशन्ति सर्वे
    स शान्तिमाप्‍नोति न कामकामी ॥ ७० ॥
    Translation

    A person who is not disturbed by the incessant flow of desires – that enter like rivers into the ocean, which is ever being filled but is always still – can alone achieve peace, and not the man who strives to satisfy such desires.

    You have to forget that the world will help you. Bahar ki cheezon ko dekh kar bhi andekha karna parega. Koi bahut exciting thing dekh kar.bhi stir Reyna hoga… Duniya to apne hisab se hi chalegi….and overall surrender to Krishna.

    Hare Krishna

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Asked: December 20, 2024In: चुनौतियाँ और समाधान

Raat me dirty thoughts se kaise bache?

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Brahmacharyahastmaithun
  1. Ranjan
    Ranjan Acharya ISKCON devotee
    Added an answer on December 21, 2024 at 8:21 am
    This answer was edited.

    Sone  se pehle koi acchi kitab parle. For example, shlok from Gita or Krishna book of Srila Prabhupad. Stop mobile use 1 hour before sleep. Allow brain to relax. Do not watch TV or videos which are exciting..   The formula is simple-   GIGO- GARBAGE IN, GARBAGE OUT   JO ANDAR JAEGA WOHI NIKLEGA   HARead more

    Sone  se pehle koi acchi kitab parle. For example, shlok from Gita or Krishna book of Srila Prabhupad. Stop mobile use 1 hour before sleep. Allow brain to relax. Do not watch TV or videos which are exciting..   The formula is simple-   GIGO- GARBAGE IN, GARBAGE OUT   JO ANDAR JAEGA WOHI NIKLEGA   HARE KRISHNA

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Asked: December 20, 2024In: चुनौतियाँ और समाधान

2025 Me Gandi Video Dekhna Kaise Chhode?

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bad habitsBrahmacharyabrahmacharya challenge
  1. Ranjan
    Best Answer
    Ranjan Acharya ISKCON devotee
    Added an answer on December 21, 2024 at 4:21 am
    This answer was edited.

    गंदी वीडियो देखने की आदत को छोड़ने के लिए आपको अपनी दिनचर्या और आदतों में बदलाव लाना होगा। नीचे दिए गए उपाय आपकी मदद कर सकते हैं: मोबाइल पर नियंत्रण करें मोबाइल पर ज्यादा समय बिताने से अश्लील सामग्री की ओर झुकाव बढ़ता है। अनावश्यक ऐप्स और वेबसाइट्स को ब्लॉक करें। स्क्रीन टाइम सीमित करें और अपने फोनRead more

    गंदी वीडियो देखने की आदत को छोड़ने के लिए आपको अपनी दिनचर्या और आदतों में बदलाव लाना होगा। नीचे दिए गए उपाय आपकी मदद कर सकते हैं:

    मोबाइल पर नियंत्रण करें

    मोबाइल पर ज्यादा समय बिताने से अश्लील सामग्री की ओर झुकाव बढ़ता है।

    • अनावश्यक ऐप्स और वेबसाइट्स को ब्लॉक करें।
    • स्क्रीन टाइम सीमित करें और अपने फोन का उपयोग केवल जरूरी कामों के लिए करें।
    • रात में सोने से पहले मोबाइल का इस्तेमाल पूरी तरह बंद कर दें।

    नाम जप की आदत डालें

    मन को शुद्ध और स्थिर बनाने के लिए भगवान का नाम जप करना बहुत प्रभावी हो सकता है।

    • रोजाना कम से कम 15-20 मिनट हरि नाम या अपने ईष्टदेव का नाम जप करें।
    • इससे आपका मन सकारात्मक और शांत रहेगा, और अनैतिक विचारों से बचा जा सकेगा।

    OTT प्लेटफॉर्म्स डिलीट करें

    अगर आपका मनोरंजन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले प्लेटफॉर्म्स, जैसे Netflix या अन्य OTT ऐप्स, आपको अश्लील सामग्री दिखाने की ओर आकर्षित करते हैं, तो इन्हें तुरंत हटा दें।

    सोशल मीडिया का सीमित उपयोग करें

    • फेसबुक, इंस्टाग्राम, और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का कम से कम इस्तेमाल करें।
    • केवल उन लोगों और पेजों को फॉलो करें जो सकारात्मक और प्रेरणादायक सामग्री साझा करते हैं।
    • अपने सोशल मीडिया फीड को साफ रखें और खुद पर नियंत्रण रखें।

    सही संगति में रहें

    आपकी संगति का सीधा असर आपके विचारों और आदतों पर पड़ता है।

    • उन लोगों का साथ छोड़ें जो हमेशा अश्लील और अनैतिक बातों पर चर्चा करते हैं।
    • सकारात्मक और प्रेरणादायक लोगों के साथ समय बिताएं।

    आत्म-नियंत्रण विकसित करें

    ब्रह्मचर्य का पालन करना तभी संभव है जब आप अपने मन और इच्छाओं पर नियंत्रण रख सकें।

    • छोटे-छोटे कदमों से शुरुआत करें, जैसे दिनभर की आदतों पर ध्यान देना।
    • नियमित अनुशासन अपनाएं और अपनी सोच को सही दिशा में मोड़ें।

    इन सुझावों को अमल में लाने से आप इस आदत को छोड़ सकते हैं। यह प्रक्रिया धैर्य और नियमित प्रयास मांगती है, लेकिन अगर आप ईमानदारी से प्रयास करेंगे, तो सफलता निश्चित है।

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Asked: December 20, 2024In: ब्रह्मचर्य और आधुनिक जीवन (Brahmacharya in Modern Life)

Porn aur social media ke addiction se kaise bachein?

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Brahmacharyasocial media
  1. Deepak123
    Deepak123 Vidyarthi (Scholar)
    Added an answer on December 21, 2024 at 3:58 am

    bahut se app h jiske use karke social media se bacha ja sakta h jaise digital detox,regain and aur bhi bahut sare hai aur porn se bachne k liye meditation, phone par restriction laga k , phone se duri bana k kar sakte h ........................................................................... ....Read more

    bahut se app h jiske use karke social media se bacha ja sakta h jaise digital detox,regain and aur bhi bahut sare hai aur porn se bachne k liye meditation, phone par restriction laga k , phone se duri bana k kar sakte h ………………………………………………………………… ………………………………………………………………………………………

     

     

     

     

     

     

     

     

    Try kar sakte h isko

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Asked: December 20, 2024In: गृहस्थ जीवन और ब्रह्मचर्य (Brahmacharya in Family Life)

Shaadi se pehle Brahmacharya important kyun hai?

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Brahmacharyamarriage life
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Asked: December 20, 2024In: ब्रह्मचर्य के लाभ

ब्रह्मचर्य के प्रभाव कितने दिन में दिखेंगे?

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  1. Vishnu Gupta
    Best Answer
    Vishnu Gupta Yogi
    Added an answer on December 20, 2024 at 10:26 am

    नमस्कार मित्रों, आज एक महत्वपूर्ण विषय पर हम चर्चा कर रहे हैं और आज का हमारा विषय है कि ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए कितने समय के बाद हमें उससे समुचित फायदे दिखने शुरू हो जाते हैं, तो पहले हमें समझना होगा कि ब्रह्मचर्य है क्या, क्योंकि पहले हमें यही पता होना चाहिए।। क्या है ब्रह्मचर्य? किसी एक इंद्रीRead more

    नमस्कार मित्रों, आज एक महत्वपूर्ण विषय पर हम चर्चा कर रहे हैं और आज का हमारा विषय है कि ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए कितने समय के बाद हमें उससे समुचित फायदे दिखने शुरू हो जाते हैं, तो पहले हमें समझना होगा कि ब्रह्मचर्य है क्या, क्योंकि पहले हमें यही पता होना चाहिए।।

    क्या है ब्रह्मचर्य?

    किसी एक इंद्री पर ही निग्रह करके या फिर उसको रोक लेना मात्र ही ब्रह्मचर्य नहीं है, इसकी जो अवधारणा है वह बहुत व्यापक है, जब हम अपनी सभी इंद्रियों को नियंत्रित करते हैं, तभी जा करके हम अपनी जननेंद्रियों को नियंत्रित कर सकते हैं, लेकिन इससे पूर्व ही अगर बात हो हमारी दृष्टि की, अगर उसमें पवित्रता नहीं है, हमारे कानों से जो हम सुनते हैं, उसमें शुद्धि नहीं है, उन पर नियंत्रण नहीं है तो फिर किस तरह से हम इस मुश्किल काम को एकदम से कर सकते हैं।।

    उदाहरण से समझिये-

    इसे ऐसे समझिये कि एक व्यक्ति जो कि पचास किलो वजन भी नहीं उठा सकता है, अब अगर उसके कंधों पर एकदम से सौ किलो वजन डाल दिया जाए तो उसे या तो कुछ ना कुछ शारीरिक नुकसान हो जाएगा या फिर हतोत्साहित हो जाएगा, लेकिन अगर उस वजन को धीरे-धीरे से बढ़ाने की कोशिश करें, जैसे कल पचास तो आज पचपन करें, इक्यावन करें तो वह सहज ही उस स्थिति में जा सकता है, तो इसी तरह से अगर हम अपनी जननेंद्रियों पर नियंत्रण स्थापित करना चाहते हैं, और ब्रह्मचर्य में प्रतिष्ठित होना चाहते हैं तो उसके लिए सीधी सी बात समझनी है कि हमें अपनी सभी

    इंद्रियों के ऊपर नियंत्रण करना होगा।।

    इन्द्रियों पर नियंत्रण कैसे हो-

    सभी इंद्रियों पर नियंत्रण करने के लिए अष्टांग योग का मार्ग हमारे लिए हो सकता है या दूसरे बहुत सारे तरीके या हमारी संकल्प शक्ति हो सकती है, जो सबसे उचित और सही कार्य करने वाली होती है, अब जैसे एक संकल्प हमने किया और उस संकल्प को हमने लापरवाही से किया, बस लापरवाही से हमने इसे शुरू कर दिया तो समझ लीजिए कि आपकी संकल्प शक्ति उतनी ही कमज़ोर हो जाती है, लेकिन अगर आपने एक छोटा सा ही संकल्प किया, बहुत बड़ा संकल्प करने की शुरू में जरूरत नहीं होती है तो छोटा सा कोई संकल्प किया और उसको पूरे मन से पूरा करने की कोशिश की, फिर वह पूरा हुआ तो दूसरा संकल्प किया तो ऐसे ही हम अपने आप को परिपक्व कर सकते हैं।।

    ब्रह्मचर्य में गलती- 

    अगर एक व्यक्ति कुछ समय तक ब्रह्मचारी रहता है लेकिन उसका ब्रह्मचर्य कैसा है, कि उसने अपने शरीर से किसी भी तरह के को कोई क्रिया नहीं की, अपने स्वभाव से अपने वीर्य को संरक्षित रखा, लेकिन मन में उसके विचार चलते रहे, मन में उस की तीव्र इच्छा चलती रही, तो अगर मानसिक रूप से वह उन कार्यों में संलग्न है तो उसको वहां पर ब्रह्मचारी नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि उसके मन में चिंतन तो वही चल रहा है, इसी कारण से उसका जो वीर्य है, वह उसके रक्त का हिस्सा नहीं बन पाएगा, वह उसके ब्लड में नहीं जा पाएगा, उसका वीर्य जो है, विरुद्ध हो जाएगा और फिर उसके बहुत सारे तरीके से बनेंगे जिससे कि वह बाहर निकलेगा, स्खलित हो जाएगा।।

    स्वप्नदोष क्यों हो जाता है-

    बहुत सारे भाई प्रश्न करते हैं कि हम चालीस दिन से ब्रह्मचर्य कर रहे हैं, या फिर हम पचास दिन से ब्रह्मचारी हैं लेकिन फिर भी स्वप्न दोष हो जाता है, शीघ्रपतन हो जाता है, और भी बहुत सारी समस्याएं हैं तो इसका कारण पीछे क्या है?

    इसका कारण जो है वो भगवान ने गीता में बताया है, भगवान श्रीकृष्ण गीता में कहते हैं कि आपके इंद्रियों के जो विषय हैं, आपने इंद्रियों को तो रोक लिया लेकिन विषयों को नहीं रोक पाए जैसे कि आप कहीं बाहर गए हुए हैं और आपका किसी स्टॉल को देख करके बर्गर खाने का मन करता है, पिज़्ज़ा खाने का मन करता है, लेकिन आप अपने मन को रोक लेते हैं, आप उस स्टॉल पर नहीं जाते हैं, वहां से पिज्जा नहीं खरीदते हैं और ना ही खाते हैं लेकिन मन में आपके वह जो भाव बना हुआ है वह इतना तीव्र हो जाता है कि आप घर भी आ जाते हैं फिर भी उस पिज्जे के बारे में, बर्गर के बारे में सोच रहे हैं आपको से जा रहे हैं तो जो निग्रह है यह उस स्तर का काम नहीं कर सकता है।।

    जबरदस्ती नहीं करनी है-

    इसी तरीके से जब आप ब्रह्मचारी होने का दावा तो करते हैं लेकिन मन से ब्रह्मचारी आप नहीं हो पाते, निरंतर मन में विचार चलते रहते हैं तो फिर आपको और ज्यादा समस्या बढ़ जाएगी, कारण क्या है कि आपने जबरदस्ती रोक तो दिया लेकिन वह कब तक रुका रहेगा, जैसे हम अपनी मुट्ठी को बंद करते हैं, और इस मुट्ठी को बंद करके ही रखता हूं, अब अगर बहुत कस के बंद करूंगा तो कितनी देर बंद रखूंगा एक मिनट, दो मिनट, दस मिनट, पंद्रह-बीस मिनट लेकिन थोड़ी ही देर बाद हमें इसको ढीला छोड़ना पड़ेगा, इसी तरह से आप अपने मन को बहुत ज्यादा प्रयास पूर्वक बाँध कर नहीं रख सकते, तो करना क्या होगा, साधना, इसी को साधना कहते हैं।।

    साधना क्या है?

    जब हम साध रहे हैं अपनी किसी वृत्ति को, बार बार, हमारा मन तो उधर जाता है लेकिन हम खींचकर लाते हैं, अपने मन को और प्रतिष्ठित करते हैं, वही साधना है, और यही साधना हमें निरंतर करनी होती है, उसके बाद ही आपका मन अब स्वभाव से ही उधर नहीं जाएगा, कारण क्या है कि आपने अपनी सात्विक वृत्ति को बढ़ा दिया है।।

    अब आपको आपके शरीर को वह समय मिलेगा फिर वह कैसे काम करेगा, पहले रस बनाएगा फिर रक्त बनाएगा, फिर मांस, फिर मेद, फिर अस्थि, फिर मज्जा और फिर क्या बनता है शुक्र बनता है, तो जो यह विधान शास्त्रों में बताया गया है यह

    पूर्ण सत्य है, इसको अगर मेडिकल साइंस कुछ भी कहती है या फिर लोग ही भ्रमित करने की कोशिश करते हैं तो वह आप उसे पूर्णता अस्वीकार करें, क्योंकि हमारे ऋषि मुनी, एक वैज्ञानिक से भी बड़ी भूमिका निभाकर के गए हैं क्योंकि उन्होंने केवल शारीरिक स्तर पर ही काम नहीं किया बल्कि मानसिक स्तर पर भी किया, मनुष्य को पूर्ण स्वस्थ बनाने के लिए, क्योंकि मन के भाव उनके यही थे कि सबका कल्याण हो तो वह सब चीजों से ऊपर उठकर के केवल कल्याण के लिए ही कार्य करते थे

    तो जब अब आपने इन सब चीजों को धारण करते

    हुए अपने मन को साध लिया, फिर जो रस बना और उस रस से जो रक्त बना, तो उस रक्त की गुणवत्ता अब ऊंची हो गई क्योंकि उसमें वह जो स्पर्म है वह पहले से ही मिला हुआ है, अब क्योंकि आपने लंबे समय से ब्रह्मचर्य को प्रतिष्ठित किया है तो फिर रक्त की गुणवत्ता बनी, और वही रक्त एक एक सैल तक गया और एक एक सैल तक जाकर उसने सही न्यूट्रीशन पहुँचाया और वही फिर जब दिमाग में गया तो दिमाग के लिए वह एक ऐसी मेधा शक्ति और एक ओजस देने वाला बनता है जिससे कि आप अपने जीवन में कुछ अभूतपूर्व कार्य कर सकते हैं।।

    ब्रह्मचर्य के प्रभाव-

    आप उदाहरण देखें, महर्षि विवेकानंद का अगर आप उदाहरण देखते हैं तो उनकी किस तरह की स्मृति उनके विकसित हो गई थी, अगर दयानंद सरस्वती का उदाहरण लेते हैं तो देखो कैसा बल उनके शरीर में आ गया था, तो कारण क्या था उसके पीछे कि उन्होंने लंबे समय तक ब्रह्मचर्य का अनुष्ठान किया था जिससे कि शरीर को वह समय मिला कि वह वीर्य को रक्त के साथ मिला सके।।

    ये एकदम से नहीं मिलता है, कुछ समय तक तो वह एक जगह पर स्टोर रहता है, उसके बाद उसमें एक ऊर्जा विकसित होती है, उसके बाद जा करके वह हमारे शरीर का हिस्सा बनता है, इसलिए पहले ब्रह्मचर्य का अनुष्ठान कराया जाता था, वैसी शिक्षा दी जाती थी, हमारी वैदिक परंपरा में गुरुकुल होते थे, उनका यही विधान था, गुरुकुल में विद्यार्थी जो होता था, उसमें उस तरह के संस्कार ही विकसित नहीं होते थे जिससे कि वह कुमार्गगामी हो वह पूरी तरह से एकाग्र रहता था और पच्चीस वर्ष, बीस वर्ष तक उसे ऐसे ही रखा जाता था।।

    अब पच्चीस वर्ष तक क्या होता है, कि हमारे दिमाग की जो फ्रंटल कोर्टेक्स होती हैं, उनका पूरा विकास हो जाता है और जो फ्रंटल कोर्टेक्स होती है, यही हमारे दिमाग को विकसित करने में, हमारी पर्सनैलिटी को डेवलप करने के लिए, हमारे अंदर कॉन्फिडेंस को बूस्ट करने के लिए, हमारी स्मृति को विकसित करने के लिए, हमें एक सफल व्यक्ति बनाने के लिए उत्तरदाई होती है, तो हमने वहीं पर काम किया और वहीं से हमने अपने आपको पूरी तरह से साध लिया।।

    तो यही कारण था कि गुरुकुल परंपरा जब तक थी, तब तक इस प्रकार के ऋषियों ने, ऐसे विद्वानों ने, ऐसे प्रचंड योग्यताओं के धनी व्यक्तियों ने जन्म लिया और इस मानव जाति का कल्याण किया और उन्हीं के किए गए कार्यों के कारण ही हम अपने आपको सुरक्षित अनुभव करते हैं, उन्हीं की वजह से ही हमारी संस्कृति आज भी जीवित है ऐसा हम समझ सकते हैं।।

    आज हम बहुत सारी ऐसी आदत में पड़े हुए हैं कि हम अपने आप को थोड़ा सा साधते है, लेकिन कुछ समय बाद फिर से बहुत सारे कारण उनके पास आ जाते हैं और वह फिर से उसी मार्ग पर आगे बढ़ने लगते हैं, कारण क्या है कि बहुत सुलभ हो गई हैं चीजें, अब अगर आप टीवी खोलते हैं तो आपको वैसे ही दृश्य मिलते हैं, जो आपको इस तरफ प्रेरित करेंगे, आप फोन चलाते हैं, भले ही आप अच्छा भी कुछ देख रहे हैं लेकिन फिर भी बीच-बीच में आकर के बहुत सारी चीजें आपको भटकाने की कोशिश करती हैं तो इसलिए हमें अब बहुत सजगता की जरूरत पड़ गई है, वह सजगता कैसे आएगी जब इंटरनेट से बचेंगे।।

    डोपामाइन क्या होता है?

    एक बहुत साइंटिफिक रिसर्च भी आज के समय में हो रही है और आज उसे सब लोग स्वीकार कर रहे हैं, वो क्या है कि अगर आप एक पोर्न देखते हैं, जो अश्लील फिल्में आप देखते हैं तो आपके दिमाग से जो सीक्रेशन होता है जो एक हैप्पीनेस वाला हार्मोन होता है डोपामाइन वो बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, वह दो गुनी, तीन गुनी मात्रा में निकलने लगता है, अब जब आपके दिमाग में जैसे ही डोपामाइन का सर्कुलेशन बढ़ता है, तीन गुना चार गुना होता है तो आप बड़ा अच्छा अनुभव करते हैं, उन पोर्न फिल्मों को या अश्लील चित्रों को देखते हुए, लेकिन अब आपके दिमाग में डोपामाइन का लेवल है वह एक बार बढ गया तो वह दिमाग के लिए उतना ही मांग करने लगता है कि वह तीन गुना ही मुझे मिले, फिर क्या स्थिति हो जाती है कि जो आपका स्वभाविक जीवन है, उसमें भी आप खुश नहीं रह पाते हैं क्योंकि जब आप एक अश्लील फिल्म देख रहे थे तब तो डोपामाइन बहुत ज्यादा निकला और अब वह कम निकल रहा है तो आपको कोई खुशी अनुभव नहीं हो रही क्योंकि आदत बन चुकी है कि डोपामाइन ज्यादा निकले यानी कि अगर आप इन फिल्मों को देखते हैं तो यह समझ लें कि सीधा-सीधा आप अपनी डोपामाइन के लेवल को डिसबैलेंस कर रहे हैं क्योंकि आप इस तरह की आदत डाल रहे हैं कि वह बहुत ज्यादा मात्रा में क्रिएट हो तभी आपको खुशी का अनुभव कराए, इससे आपका स्वभाविक जीवन प्रभावित हो जाएगा, आप खुश नहीं रह पायेंगे।।

    ब्रह्मचर्य के प्रभाव कब दिखेंगे-

    अगर आपने लगभग दस दिन, पंद्रह दिन ब्रह्मचर्य का अनुष्ठान किया, फिर आप वहां से हट गए, फिर आपने पाँच दिन किया, फिर आप हट गए, फिर आपने पंद्रह दिन किया तो इससे आपको लाभ नहीं होगा, लाभ कब होगा, जब आप दीर्घ काल तक करेंगे क्योंकि इसको समय लगता है, जब हम भोजन ग्रहण करते हैं तो उसको वहां से उस प्रोसेस तक पहुंचने में और एक प्योर फॉर्म में स्पर्म का निर्माण होने में समय लगता है, अब वह बन गया और बनते ही रक्त का हिस्सा नहीं बनेगा, आपके दिमाग तक नहीं चलेगा वह ऊर्ध्व में गमन नहीं करेगा, उसका अधो गमन ही होता रहेगा क्योंकि पूर्ववत आदतें भी बहुत ज्यादा मैटर करती हैं, लेकिन जब लंबे समय तक आप बनाए रखेंगे इस आदत को तो, आप की मेध शक्ति विकसित होंगी और कुछ ही दिनों के बाद लगभग लगभग चालीस दिनों का तो बेसिक टाइम रहता है जो वहां तक बनने का प्रोसेस है, वह होगा और उसके बाद जब वह आपके शरीर का हिस्सा बनेगा, तो साठ, पैंसठ दिन के अंतर्गत ही आप ऐसे अभूतपूर्व अपने जीवन में बदलाव देखेंगे कि आपकी भाषा शैली अच्छी हो जाएगी, आपके शब्दों का उच्चारण अच्छे से होगा जबान लड़खड़ाएगी नहीं, आपकी त्वचा पर चमक दिखाई देगी, आपके बालों पर एक विशेष प्रकार के प्रभाव दिखेंगे और आपके पूरे शरीर में एक ऊर्जा आ जाएगी, किसी भी कार्य को करने में आप अधिक क्षमता के साथ और योग्यता के साथ कर सकेंगे, आपकी स्मृति अच्छी हो जाएगी और आप अपने जीवन में अधिक सकारात्मक अनुभव करेंगे, और अपने आप को अब वैचारिक स्तर पर भी एक सही दिशा दे सकेंगे, आपका मन अब भटकेगा नहीं क्योंकि आपने अपनी उन इंद्रियों को अब साध लिया है।।

    तो आप ऐसा समझे कि अगर आपने ब्रह्मचर्य को

    प्रतिष्ठित किया तो केवल आपने शारीरिक लाभ नहीं पहुंचाया है अपने आप को बल्कि आप ने अपने जीवन को दिशा दे दी है, आपने अपनी सभी योग्यताओं का विकास कर लिया है, अब हर एक लक्ष्य आपके लिए सहज और सुलभ हो गया है ऐसा आप मान लें, ऐसा आप अनुभव करेंगे।।

    इसी का नाम ब्रह्मचर्य है-

    इसीलिए इतना जोर देते हुए ब्रह्मचर्य के ऊपर महर्षि पतंजलि ने भी उसको अष्टांग योग के अंतर्गत रखा है क्योंकि उन्हें पता है कि समाधि की भी जो उच्च

    अवस्था है वहां तक पहुंचने के लिए, वहाँ भी इस ब्रह्मचर्य की और इस वीर्य की आवश्यकता होगी।।

    ऐसा आप समझ लें कि हमारी सामान्य इडा और पिंगला नाडियां ही चलती हैं लेकिन सुषुम्ना में अगर आपको ऊर्जा को प्रवाहित करना है तो वह एक लंबी साधना तो है ही, लेकिन उसके लिए जो सबसे ज्यादा जरूरी है वो है ब्रह्मचर्य, और वीर्य ही ऐसा है, उसी से वह एक ऊर्जा जागृत होती है, जिससे की हठ योग में भी सिद्धि प्राप्त होती है तो ऐसे बहुत सारे फैक्ट हैं, ऐसे बहुत सारी साइंटिफिक रिसर्च हैं, ऐसे बहुत सारे हमारे आयुर्वेद, शास्त्रों में बताया गया है, अध्यात्म में बताया गया है जिससे कि स्पष्ट रूप से इस ब्रह्मचर्य की उपयोगिता अनुभव कर सकते हैं।।

    आप अपने जीवन में आप स्वयं देखें, इसे अपने जीवन में प्रयोग करके देखें, अगर आपने उचित प्रकार से एक बार प्रयोग कर लिया तो आपको इतना अच्छा सकारात्मक इसका परिणाम मिलेगा कि आप पुनः पुनः फिर इसी को ही अपने जीवन में बनाए रखने की कोशिश करेंगे, और आप बनाएं ही रखेंगे ऐसे मेरी अपेक्षा भी है और ऐसी मैं ईश्वर से कामना करता हूं।।

    ।। राधे राधे।।

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Asked: December 19, 2024In: चुनौतियाँ और समाधान

कभी-कभी ब्रह्मचर्य के रास्ते पर चलने में असमर्थता महसूस होती है, तो ऐसे समय में क्या करना चाहिए?

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brahmcharya
  1. Rohit_kumar
    Rohit_kumar Pundit
    Added an answer on December 20, 2024 at 3:30 am

    Kuch bhi ho lekin , apni dincharya mat chorna. Sabhi kaam apne nirdharit samay se karna kyu ki aaj tumhe asamrth mahsoos ho raha to kal ho sakta hai tumhara brahmacharya toot hee jaye.. Lekin agar tum apne dincharya pe date rahe to ho sakta hai tum paar nikal jao. Shree krishna ne kaha hai- -> MaRead more

    Kuch bhi ho lekin , apni dincharya mat chorna. Sabhi kaam apne nirdharit samay se karna kyu ki aaj tumhe asamrth mahsoos ho raha to kal ho sakta hai tumhara brahmacharya toot hee jaye..

    Lekin agar tum apne dincharya pe date rahe to ho sakta hai tum paar nikal jao.

    Shree krishna ne kaha hai-

    -> Man ke behkawe mai na , ish man ko apna daas bana le.

    Man ko apna daas keval nirantarta(consistency) se hee banaya ja sakta hai..

    *Jo niyamit vyayam(samay ka paband banayega) aur pranayam(Man pe kabu pana sikhayega) karenge, unhe ish tarah ke sawal nahi puchne padte.

    Dhanyabaad🙏

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Saksham Singh
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Saksham SinghVidyarthi (Scholar)
Asked: December 20, 2024In: ब्रह्मचर्य और धर्मग्रंथ (Brahmacharya in Scriptures)

Shusma Nadi kb khulti h aur kese ?

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Saksham Singh
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Saksham SinghVidyarthi (Scholar)
Asked: December 20, 2024In: ब्रह्मचर्य और धर्मग्रंथ (Brahmacharya in Scriptures)

हम लोग ब्रह्मचर्य को पूर्ण रूप से ऊर्ध्वगामी कैसे बना सकते हैं ?

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  1. shailendrapedia
    Best Answer
    shailendrapedia Contributor
    Added an answer on December 20, 2024 at 2:34 am

    हम ब्रह्मचर्य को पूर्ण रूप से ऊर्ध्वगामी कैसे बना सकते हैं? ब्रह्मचर्य को पूर्ण रूप से ऊर्ध्वगामी बनाना मतलब अपनी ऊर्जा को ऐसे उच्च स्तर पर ले जाना, जहां वह केवल मानसिक और शारीरिक बल ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक बल का भी स्रोत बन जाए। इसके लिए प्रैक्टिकल उपाय और उदाहरण मददगार साबित हो सकते हैं। श्रद्धाRead more

    हम ब्रह्मचर्य को पूर्ण रूप से ऊर्ध्वगामी कैसे बना सकते हैं?

    ब्रह्मचर्य को पूर्ण रूप से ऊर्ध्वगामी बनाना मतलब अपनी ऊर्जा को ऐसे उच्च स्तर पर ले जाना, जहां वह केवल मानसिक और शारीरिक बल ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक बल का भी स्रोत बन जाए। इसके लिए प्रैक्टिकल उपाय और उदाहरण मददगार साबित हो सकते हैं।

    श्रद्धा और भक्ति का सहारा लें (उदाहरण: प्रेमानंद जी महाराज)

    प्रेमानंद जी महाराज, जिनकी दोनों किडनी फेल हो चुकी थीं, फिर भी उन्होंने राधा रानी की भक्ति और ब्रह्मचर्य की शक्ति से अपने जीवन को संभाला। उन्होंने जप-तप और भक्ति से अपने भीतर इतनी ऊर्जा उत्पन्न की कि आज भी वे स्वस्थ और ऊर्जावान दिखते हैं। इससे हम यह सीख सकते हैं कि अपनी ऊर्जा को ईश्वर की भक्ति में लगाकर उसे ऊर्ध्वगामी बनाया जा सकता है।

    माता-पिता की सेवा करें

    माता-पिता की सेवा करने से हमारे कर्मों में पवित्रता आती है। जब आप अपने माता-पिता की सेवा करते हैं, तो आपके अंदर कृतज्ञता और सकारात्मकता बढ़ती है। यह मन को स्थिर और शुद्ध बनाती है, जिससे ब्रह्मचर्य की ऊर्जा अपने आप उच्च स्तर पर जाती है।

    योग और प्राणायाम को अपनाएं

    योग और प्राणायाम ऊर्जा को नियंत्रित और ऊर्ध्वगामी बनाने का सबसे प्रभावी साधन है। नियमित योगासन जैसे शीर्षासन, सर्वांगासन, और प्राणायाम (जैसे अनुलोम-विलोम, कपालभाति) करने से शरीर और मन दोनों मजबूत होते हैं।
    उदाहरण: कई संत और योगी, जैसे बाबा रामदेव, अपनी ऊर्जा को योग के माध्यम से ऊर्ध्वगामी बनाकर जीवन में असाधारण सफलता हासिल कर चुके हैं।

    मानसिक और शारीरिक मजबूती (उदाहरण: देसी टार्जन)

    देसी टार्जन (राजेंद्र सिंह) अपने अनुशासन, साधना और प्राकृतिक जीवनशैली के कारण आज भी एक मिसाल हैं। उन्होंने ब्रह्मचर्य और कठिन अभ्यास से अपनी शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को इस तरह ऊर्ध्वगामी बनाया कि वे असंभव कार्य कर सकते हैं। उनकी सादगी और कठिन जीवनशैली यह बताती है कि संयम और साधना से आप अपने अंदर अद्भुत शक्ति उत्पन्न कर सकते हैं।

    सकारात्मक आदतें अपनाएं

    जप-तप करें: नियमित रूप से भगवान के नाम का जाप या मंत्र साधना करें। यह आपकी मानसिक शक्ति को ऊर्ध्वगामी बनाता है।

    डिसिप्लिन रखें: दिनचर्या को अनुशासन में रखें। सुबह जल्दी उठें, गुनगुना पानी पिएं और दिन की शुरुआत एक सकारात्मक सोच के साथ करें।

    विचारों पर नियंत्रण रखें: अनावश्यक विचारों और विकर्षणों से बचें।

    Most Important 👇👇
    अपने जीवन का उद्देश्य तय करें

    आपकी ब्रह्मचर्य ऊर्जा तभी ऊर्ध्वगामी हो सकती है, जब आप उसे किसी उच्च लक्ष्य की ओर ले जाएं।

    सबसे पहले आप अपने जीवन में एक लक्ष्य बनावे और उसको पाने में अपनी पूर्ण शक्ति लगा दे । इस भाव से आप ब्रह्मचर्य को भी बनाए रखेंगे और अपने लक्ष्य को भी प्राप्त करेंगे।

    जैसे स्वामी विवेकानंद ने अपनी ऊर्जा को मानवता की सेवा और वेदांत के प्रचार में लगाया।

    इन प्रैक्टिकल तरीकों और उदाहरणों को अपने जीवन में अपनाकर आप ब्रह्मचर्य को न केवल बचा सकते हैं, बल्कि उसे ऊर्ध्वगामी बनाकर अपने जीवन को सार्थक और सफल बना सकते हैं।

    ये सब आपको करना पड़ेगा, सिर्फ पढ़कर यह सब खत्म नहीं हो जाएगा। अगर आप 2025 में ब्रह्मचर्य को ऊर्ध्वगामी बनाना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट करके प्रण लें और इसे अपने जीवन में अमल करें।

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