Sign In


Forgot Password?

Don't have account, Sign Up Here

Forgot Password

Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.


Have an account? Sign In Now

You must login to ask a question.


Forgot Password?

Need An Account, Sign Up Here

Please briefly explain why you feel this question should be reported.

Please briefly explain why you feel this answer should be reported.

Please briefly explain why you feel this user should be reported.

Sign InSign Up

Brahmacharya App: Self-Control, Peace, and Success

Brahmacharya App: Self-Control, Peace, and Success Logo Brahmacharya App: Self-Control, Peace, and Success Logo

Brahmacharya App: Self-Control, Peace, and Success Navigation

  • Home
  • About Us
  • Blog
  • Contact Us

Mobile menu

Close
Ask a Question
  • Home
  • Add group
  • Groups page
  • Communities
  • Questions
    • New Questions
    • Trending Questions
    • Must read Questions
    • Hot Questions
  • Polls
  • Tags
  • Badges
  • Users
  • Help
What's your question?
  • Recent Questions
  • Most Answered
  • Answers
  • Most Visited
  • Most Voted
  • No Answers
  • Polls

Brahmacharya App: Self-Control, Peace, and Success Latest Questions

Rohit_kumar
  • 0
Rohit_kumarPundit
Asked: December 22, 2024In: ब्रह्मचर्य और आधुनिक जीवन (Brahmacharya in Modern Life)

अपने ब्रह्मचर्य के शुरूवाती समय मे आपने किन पुस्तको का अध्यन किया था जिसने आपको अभी तक ब्रह्मचर्य मे बनाए रखा है।

  • 0

Apna anubhaw bataye🧘‍♂ Copy paste na kare🙏

question
  1. Vishnu Gupta
    Vishnu Gupta Yogi
    Added an answer on December 24, 2024 at 9:58 am

    श्री राधे, अगर हम अपना अनुभव बताएं, जो हमने जाना है, तो सबसे पहले जब हम ब्रह्मचर्य के लिए थोड़ा सा सजग हुए थे, जब हमको ये एप और कम्युनिटी मिली थी जुलाई में, तब हमने कुछ ब्रह्मचर्य से रिलेटेड पुस्तकों का अध्ययन शुरु किया था, जिसमें एक प्रतीक प्रजापति की बुक थी, और एक थी ब्रह्मचर्य ही जीवन है, लेकिन अगRead more

    श्री राधे,

    अगर हम अपना अनुभव बताएं, जो हमने जाना है, तो सबसे पहले जब हम ब्रह्मचर्य के लिए थोड़ा सा सजग हुए थे, जब हमको ये एप और कम्युनिटी मिली थी जुलाई में, तब हमने कुछ ब्रह्मचर्य से रिलेटेड पुस्तकों का अध्ययन शुरु किया था, जिसमें एक प्रतीक प्रजापति की बुक थी, और एक थी ब्रह्मचर्य ही जीवन है, लेकिन अगर आपको सही बताएं तो शुरु शुरु में इनमें लिखी बातें आपको हवा हवाई लग सकती हैं।।

    इसलिए हमारा तो यही कहना है कि अगर आप शुरुआती फेज में हो, तो ब्रह्मचर्य की पुस्तकें ना पढ़कर आध्यात्मिक पुस्तक पढ़ें। जैसे हमने भी शुरुआत में ये दो ही पढ़ीं थी, लेकिन हमें जमा नहीं, तो हमने श्री ब्रह्म वैवर्त पुराण का अध्ययन शुरु किया, फिर श्री वाल्मीकि रामायण पढ़ी, और फिर श्रीमद भागवत लिखनी शुरु करी, जी हाँ हमने उसे पढ़ा नहीं बल्कि लिखना स्टार्ट किया, क्योंकि पूज्य महाराज जी रोज सुनाते थे और हम उसे रोज टाइप करते थे क्योंकि हम स्वयं को ज्यादा से ज्यादा व्यस्त रखना चाहते थे उस समय।

    फिर भागवत जी का प्रभाव हुआ, हमारी अध्यात्म में और रुचि बढ़ने लगी, ब्रह्मचर्य में स्थित रहने लगे, और जब यह स्थिरता आई तब जाकर फिर से ब्रह्मचर्य को समझना शुरु किया, और कार्य निरंतर प्रगति पर है।

    अब तो जगह जगह से ब्रह्मचर्य के बारे में और जानने की लालसा बनी रहती है, और जो नई चीज जहाँ से सीखता हूँ वो या तो इस पोर्टल पर जबाव में लिख देता हूँ या फिर pdf बना कर ग्रुप में डाल देता हूँ।

    मै जो भी कुछ लिखता हूँ, अपने मन से एक शब्द भी नहीं लिखता हूँ, बस जो कुछ गुरुजनो से, प्रबुद्ध जनों से जाना है, समझा है, लिख देता हूँ।

    आशा है आपको इस जबाब से मदद मिली होगी।।

    ।।राधे राधे।।

     

    See less
    • 2
    • Share
      Share
      • Share on Facebook
      • Share on Twitter
      • Share on LinkedIn
      • Share on WhatsApp
  • 1 Answer
  • 50 Views
Answer
Vishnu Gupta
  • 1
Vishnu GuptaYogi
Asked: January 11, 2025In: ब्रह्मचर्य का परिचय

ब्रह्मचर्य किनके लिए बहुत कठिन है,और किनके लिए बहुत ही सरल है?

  • 1

  1. Rohit_kumar
    Rohit_kumar Pundit
    Added an answer on January 13, 2025 at 9:57 am

    आज के समय मै ब्रह्मचर्य सबके लिए ही कठिन है , किसी के लिए ज्यादा कठिन तो किसी के लिए कम कठिन।। ऐसे अगर नहीं होता तो आज हमारे चारों तरफ केवल ब्रह्मचारी ही दिखाई देते।। क्या ऐसा है? नहीं , तुम्हारे आस पास 100 लोग में से 10 ने इसका नाम सुना है , केवल नाम हे सुना है। बाकी 5 लोग लोग ये समझते है कि ब्रह्मRead more

    आज के समय मै ब्रह्मचर्य सबके लिए ही कठिन है , किसी के लिए ज्यादा कठिन तो किसी के लिए कम कठिन।। ऐसे अगर नहीं होता तो आज हमारे चारों तरफ केवल ब्रह्मचारी ही दिखाई देते।।

    क्या ऐसा है?

    नहीं , तुम्हारे आस पास 100 लोग में से 10 ने इसका नाम सुना है , केवल नाम हे सुना है। बाकी 5 लोग लोग ये समझते है कि ब्रह्मचर्य का मत केवल शादी न करना है(मै ऐसे लोगों से खूब मिल हूं।) ऐसे लोगों का साथ तुरन्त छोड़ देना , क्योंकि तुम उन्हें कभी भी ब्रह्मचर्य पालन नहीं करवा सकते , उल्टा वो तुम्हे भी पालन नहीं करने देंगे।

    –—•»

    1) मित्र 

    जिनके मित्र का समूह ब्रह्मचर्य पालन नहीं करता , वो खुद भी पालन नहीं कर पाएंगे।

    ऐसे मित्र ढूंढो जो ब्रह्मचर्य पालन करते हो , या फिर अकेले हो जाओ , अपने लक्ष्य को अपना दोस्त बनाओ।

    2) परिवार

    परिवार की बातों मै आओगे तो पालन नहीं कर पाओगे ,

    बेटा और दो रोटी खालों , पेट नहीं भरा होगा अभी (रात को भूख का 25% ही खान। है)

    • सुबह 4 बजे उठने की क्या जरूरत है, सो जाओ ठंड लग जाएगी।

    ये बात मान लोगे तो पालन नहीं कर पाओगे।

    कुछ बातों का विरोध करना पड़ेगा , तभी पालन हो पाएगा।

    3) खाद्य

    “HUNGER IS THE FIRST ELEMENT OF SELF DECIPLINE”

    अगर तुम ये कंट्रोल कर सकते हो कि क्या खाना है, कितना खाना है , तो तुम बाकी चीजें भी कंट्रोल कर लोगे।

    जो लोग अभी भी यही फंसे हुए है कि मांस खाना चाहिए कि नहीं , वो पालन नहीं कर पाएंगे।

    जिसने साग , सब्जियों को अपना मित्र बना लिया वो पालन कर ले जाएगा।

    4) डिसिप्लिन/कंसिस्टेंसी 

    सुबह उठने के बाद और रात सोने से पहले के 2–3 टास्क FIX होने चाहिए , ये नहीं की रोज उठने के बाद आधा घंटा यही सोचने मै लगा दिया कि आज योग पहले करे या व्यायाम।

    जैसे– उठना>शौच>व्यायाम>प्राणायाम , ईश तरह से रोज कुछ चीज है जो वही रहेंगी।

    जो लोग रोज व्यायाम, प्राणायाम करते है वो , लंबे समय तक ब्रह्मचर्य पालन कर सकते है।

    व्यायाम न करना= आलस।

    आलस = व्यायाम न करना।

    आलसी लोग ब्रह्मचर्य पालन नहीं कर पाएंगे ।

     

    See less
    • 0
    • Share
      Share
      • Share on Facebook
      • Share on Twitter
      • Share on LinkedIn
      • Share on WhatsApp
  • 7 Answers
  • 48 Views
Answer
Rohit_kumar
  • 1
Rohit_kumarPundit
Asked: December 19, 2024In: ब्रह्मचर्य और आधुनिक जीवन (Brahmacharya in Modern Life)

सर्दी के मौसम मे दिनचर्या कैसी होनी चाहीए ? किताबी बाते ना बताए (Modern lifestyle को ध्यान मे रखे।)

  • 1

Sardi ke mausam ko dhyan nai rakhkar ke practical dincharya bataye jise aasani se follow kiya ja sake.

question
  1. shailendrapedia
    Best Answer
    shailendrapedia Contributor
    Added an answer on December 19, 2024 at 1:25 pm

    सर्दी के मौसम में दिनचर्या कुछ इस तरह से रखनी चाहिए, ताकि सेहत भी ठीक रहे और काम भी बेहतर हो। मैं आपको बताता हूं, अपनी दिनचर्या के हिसाब से अगर आप इसे आजमाए तो बढ़िया होगा। मैं सुबह सबसे पहले गुनगुना पानी पीता हूं, जिससे शरीर डिटॉक्स होता है और दिन की शुरुआत अच्छी होती है। फिर ब्रह्मचर्य ऐप का पहलाRead more

    सर्दी के मौसम में दिनचर्या कुछ इस तरह से रखनी चाहिए, ताकि सेहत भी ठीक रहे और काम भी बेहतर हो। मैं आपको बताता हूं, अपनी दिनचर्या के हिसाब से अगर आप इसे आजमाए तो बढ़िया होगा।

    मैं सुबह सबसे पहले गुनगुना पानी पीता हूं, जिससे शरीर डिटॉक्स होता है और दिन की शुरुआत अच्छी होती है। फिर ब्रह्मचर्य ऐप का पहला टास्क पूरा करता हूं, क्योंकि सुबह का समय मुझे सबसे ज्यादा प्रोडक्टिव लगता है। इसके बाद हल्की स्ट्रेचिंग या योग करता हूं, ताकि शरीर भी चुस्त रहे।

    ऑफिस जाने के लिए सुबह 9 बजे तक तैयार हो जाता हूं। दिनभर ऑफिस के काम के बीच में मैं ब्रह्मचर्य ग्रुप पर डिस्कशन जरूर देखता हूं, इससे मन बना रहता है और दिनभर की ऊर्जा बनी रहती है। लंच में हमेशा हेल्दी खाना ही खाता हूं, फास्ट फूड से दूर रहता हूं। लंच के बाद मैं ब्रह्मचर्य ऐप का दूसरा टास्क पूरा करता हूं और फिर 10 मिनट की वॉक जरूर करता हूं, ताकि पाचन ठीक रहे।

    शाम को ब्रह्मचर्य ऐप का तीसरा टास्क पूरा करता हूं। कभी-कभी हल्की वॉक भी कर लेता हूं या फिर सूप पीता हूं, ताकि शरीर में गर्माहट बनी रहे। रात का डिनर हल्का और जल्दी करता हूं, ताकि रात को अच्छी नींद मिल सके। सोने से पहले ब्रह्मचर्य ग्रुप की चैट्स पढ़ता हूं, इससे मन शांत रहता है और दिन का समापन सही तरीके से होता है।

    सर्दी हो या गर्मी, यह रूटीन मुझे हमेशा फिट और फोकस्ड रखता है। अगर आप भी इसे अपनाएं, तो आपकी सेहत और काम दोनों बेहतर हो सकते हैं।

    अब ये कुछ suggestion है अगर अच्छा लगे । और अगर आप कर पाए तो आप जरूर करिए।

    👇👇👇👇

    सर्दी के मौसम में दिनचर्या को मॉडर्न लाइफस्टाइल के हिसाब से इस प्रकार डेवेलप किया जा सकता है। मैं कुछ सुझाव देना चाहता हूं, जो न सिर्फ आपके शरीर और दिमाग को सही रखें, बल्कि आपके काम को भी प्रभावित न करें।

    जल्दी उठें, लेकिन आराम से उठें – सर्दी में आलस्य बढ़ जाता है, लेकिन कोशिश करें कि सुबह जल्दी उठें। इसे थोड़ा हल्का रखें, सीधे बिस्तर से बाहर न कूंदें। गुनगुना पानी पीने से शरीर को ताजगी मिलती है।

    वर्कआउट और स्ट्रेचिंग – सर्दी में ज्यादा मेहनत करने का मन नहीं करता, लेकिन हल्की स्ट्रेचिंग या योगा जरूर करें। यह शरीर को गर्म और एक्टिव बनाए रखता है।

    हइड्रेटेड रहें – सर्दी में लोग पानी कम पीते हैं, लेकिन दिन में कम से कम 2-3 लीटर पानी पीने की आदत डालें। ग्रीन टी, सूप और हर्बल ड्रिंक्स भी फायदेमंद हो सकते हैं।

    स्मार्ट ड्रेसिंग – सर्दी में अपनी बॉडी को गर्म रखने के लिए लेयरिंग करें। ज्यादा गर्म कपड़े पहनने से बचें, ताकि अंदर से पसीना न आए और आप असहज महसूस न करें।

    पौष्टिक और गर्म खाना – फास्ट फूड से जितना दूर रह सकते हैं, उतना अच्छा। हल्का, गरम खाना जैसे खिचड़ी, सूप, स्टीम्ड वेजिटेबल्स या दाल-चावल पर ध्यान दें। यह शरीर को ऊर्जा देता है और ठंड से भी बचाता है।

    ब्रेक्स और शॉर्ट वॉक – लंबे समय तक बैठे रहना शरीर के लिए ठीक नहीं होता। ऑफिस में या घर पर छोटे ब्रेक लें और थोड़ी देर के लिए पैदल चलें। यह आपके दिमाग को ताजगी देगा।

    सोने से पहले आराम – सोने से पहले हल्की किताब पढ़ना, संगीत सुनना या रिलैक्सेशन तकनीकों का पालन करना बेहतर होता है, ताकि नींद अच्छी आए और अगले दिन ताजगी महसूस हो।

    डिजिटल डिटॉक्स – दिनभर मोबाइल या कंप्यूटर से चिपके रहने से आंखों और दिमाग पर दबाव बढ़ता है। रात को सोने से पहले एक घंटा स्क्रीन से दूर रहकर अपनी मानसिक स्थिति को आराम दें।

    इन सुझावों को अपनाकर आप सर्दी के मौसम में भी अपनी दिनचर्या को मॉडर्न लाइफस्टाइल के हि

    साब से मैनेज कर सकते हैं।

    आपका साथी शैलेंद्र विश्वकर्मा 🙏

    See less
    • 1
    • Share
      Share
      • Share on Facebook
      • Share on Twitter
      • Share on LinkedIn
      • Share on WhatsApp
  • 3 Answers
  • 44 Views
Answer
Satyam Kumar
  • 1
Satyam KumarVidyarthi (Scholar)
Asked: January 11, 2025In: चुनौतियाँ और समाधान

समाधान

  • 1

मैं 10 दिन तक ब्रह्मचर्य रहता हूं लेकिन उसके बाद आलस पन जकड़न जैसा होंजता है शरीर मनन विद्रोह करने लगता है इसका क्या करें और क्रोम पे ध्यानजात है पढ़ते वक्त क्या किया जाय

  1. Rohit_kumar
    Rohit_kumar Pundit
    Added an answer on January 13, 2025 at 10:14 am

    रोज व्यायाम करो , करने का मन न करे फिर भी करो। मेरी नजर मै तो ये ही एकमात्र उपाय है जिससे मन को ये समझाया जा सकता है कि , मेहनत करना ब्रह्मचर्य के लिए जरूरी है। अगर 10 दिन व्यायाम करने के बाद भी फिर से तुम्हारा ब्रह्मचर्य टूटा है मतलब , तुम कोई हल्क फूल सा व्यायाम करते होगे। व्यायाम ऐसा होना चाहिए कRead more

    रोज व्यायाम करो , करने का मन न करे फिर भी करो। मेरी नजर मै तो ये ही एकमात्र उपाय है जिससे मन को ये समझाया जा सकता है कि , मेहनत करना ब्रह्मचर्य के लिए जरूरी है।

    अगर 10 दिन व्यायाम करने के बाद भी फिर से तुम्हारा ब्रह्मचर्य टूटा है मतलब , तुम कोई हल्क फूल सा व्यायाम करते होगे।

    व्यायाम ऐसा होना चाहिए कि करने के बाद 2 से 5 मिनिट तक ऐसा लगना चाहिए जैसे अपनी पूरी ताकत व्यायाम मै लगा दिया है , अब सारी मै कोई ताकत नहीं बची है।।

    आप प्रो. राममूर्ति दंड कुंभक के साथ लगाए, समय के साथ सांख्य बढ़ाते जाए।

    और वो chrome वाली समस्य के लिए ,

    मोबाइल मै setting होती है जिससे aap ko lock kiya ja sakta hai password se,,

    आप अपने किसी दोस्त या अपने घर मै किसी से App को lock करवा दे , लेकिन पासवर्ड केवल उन्हें ही पता रहने दे।। आप App का उपयोग ही नहीं कर पाएंगे , प्रॉब्लम solved।

    या फिर एक कागज पे password लिख के उसे एक envelope में पैक कर दो , उसपे लिखो कि जब तुम अपने goal को पा लोगे उसके बाद ये aap open होगा।

    Password छोटा नहीं होना चाहिए , rendom word का होना चाहिए जैसे–

    Jd98Kvw&916cnDKK01r46aG

    See less
    • 2
    • Share
      Share
      • Share on Facebook
      • Share on Twitter
      • Share on LinkedIn
      • Share on WhatsApp
  • 1 Answer
  • 35 Views
Answer
Anonymous
  • 1
Anonymous
Asked: December 13, 2024In: ब्रह्मचर्य का परिचय

ब्रह्मचर्य क्या है और इसका महत्व क्या है?

  • 1

ब्रह्मचर्य क्या है और इसका महत्व क्या है?

BrahmacharyaBrahmacharya Practice
  1. shailendrapedia
    Best Answer
    shailendrapedia Contributor
    Added an answer on December 13, 2024 at 6:30 pm

    ब्रह्मचर्य एक ऐसा जीवन मार्ग है जो शारीरिक, मानसिक और आत्मिक अनुशासन पर आधारित है। यह संस्कृत शब्द "ब्रह्म" (ईश्वर या परम सत्य) और "चर्य" (आचरण या पालन) से बना है। इसका शाब्दिक अर्थ है "ब्रह्म के मार्ग पर चलना"। यह केवल यौन संयम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन के सभी क्षेत्रों में संयम, अनुशासन और धRead more

    ब्रह्मचर्य एक ऐसा जीवन मार्ग है जो शारीरिक, मानसिक और आत्मिक अनुशासन पर आधारित है। यह संस्कृत शब्द “ब्रह्म” (ईश्वर या परम सत्य) और “चर्य” (आचरण या पालन) से बना है। इसका शाब्दिक अर्थ है “ब्रह्म के मार्ग पर चलना”। यह केवल यौन संयम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन के सभी क्षेत्रों में संयम, अनुशासन और ध्यान केंद्रित करने की प्रक्रिया है। ब्रह्मचर्य हमारे शरीर, मन और आत्मा को शुद्ध करता है और हमें उच्चतम सत्य को समझने में मदद करता है।


    ब्रह्मचर्य का अर्थ और परिभाषा

    ब्रह्मचर्य का अर्थ केवल यौन इच्छाओं पर नियंत्रण नहीं है, बल्कि यह इंद्रियों, भावनाओं और मन पर भी संयम स्थापित करने की प्रक्रिया है। इसके माध्यम से व्यक्ति अपनी ऊर्जा का संरक्षण करता है और उसे उच्च आध्यात्मिक उद्देश्यों की ओर मोड़ता है। ब्रह्मचर्य को चार प्रमुख आयामों में समझा जा सकता है:

    1. शारीरिक संयम: शरीर को अनुशासन में रखना, अनावश्यक भोग से बचना।
    2. मानसिक संयम: विचारों को नियंत्रित रखना और नकारात्मक सोच से बचना।
    3. भावनात्मक संयम: क्रोध, लोभ, मोह और ईर्ष्या जैसे भावनाओं पर नियंत्रण।
    4. आध्यात्मिक संयम: जीवन के उच्च उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करना।

    ब्रह्मचर्य का महत्व

    1. ऊर्जा का संरक्षण:
      ब्रह्मचर्य के माध्यम से व्यक्ति अपनी शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को अनावश्यक रूप से व्यर्थ होने से बचा सकता है। आधुनिक विज्ञान भी मानता है कि मानसिक और शारीरिक ऊर्जा का संतुलन बनाए रखना स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक है।
    2. आत्मा की शुद्धि:
      ब्रह्मचर्य आत्मा को शुद्ध करता है और आत्मज्ञान की ओर ले जाता है। यह व्यक्ति को सांसारिक इच्छाओं से ऊपर उठाकर आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाता है।
    3. मानसिक शांति:
      ब्रह्मचर्य के अभ्यास से मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है। विचारों का नियंत्रण व्यक्ति को तनाव और चिंता से बचाता है।
    4. स्वास्थ्य के लिए लाभदायक:
      ब्रह्मचर्य का पालन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। यह हृदय, मस्तिष्क और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है।
    5. ध्यान और योग में सहायक:
      ब्रह्मचर्य योग और ध्यान में गहरी एकाग्रता लाने में मदद करता है। यह ध्यान के माध्यम से आत्मिक उन्नति के लिए आवश्यक है।
    6. आध्यात्मिक उन्नति:
      ब्रह्मचर्य का पालन करने से व्यक्ति अपने जीवन के उच्च उद्देश्य को समझ पाता है। यह आत्मा को ईश्वर से जोड़ने का मार्ग है।

    ब्रह्मचर्य के सिद्धांत

    ब्रह्मचर्य का पालन करने के लिए निम्नलिखित सिद्धांतों का पालन करना आवश्यक है:

    1. विचारों की पवित्रता:
      अपने मन को सकारात्मक और पवित्र विचारों से भरें। अशुद्ध विचार ब्रह्मचर्य के मार्ग में बाधा डालते हैं।
    2. आहार और जीवनशैली:
      सादा और सात्विक भोजन करें। अधिक तली-भुनी और मसालेदार चीज़ों से बचें क्योंकि ये मन और शरीर को उत्तेजित करती हैं।
    3. ध्यान और योग का अभ्यास:
      नियमित ध्यान और योग करने से मन स्थिर होता है और इंद्रियों पर नियंत्रण बनता है।
    4. इंद्रियों का संयम:
      अपनी इंद्रियों को भोग-विलास से दूर रखें। अनावश्यक चीज़ों को देखने, सुनने या सोचने से बचें।
    5. सत्संग और अच्छी संगति:
      अच्छे विचारों और सकारात्मक लोगों के साथ समय बिताने से ब्रह्मचर्य का पालन आसान हो जाता है।

    ब्रह्मचर्य और आधुनिक जीवन

    आज के युग में, जब व्यक्ति हर तरफ से भौतिक और डिजिटल प्रलोभनों से घिरा हुआ है, ब्रह्मचर्य का पालन करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। सोशल मीडिया, फिल्मों और विज्ञापनों के माध्यम से अनावश्यक उत्तेजना उत्पन्न होती है, जो व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक संतुलन को बिगाड़ सकती है।

    आधुनिक जीवन में ब्रह्मचर्य का पालन करने के उपाय:

    1. डिजिटल डिटॉक्स करें और केवल सकारात्मक सामग्री देखें।
    2. मोबाइल और इंटरनेट का उपयोग सीमित करें।
    3. समय का प्रबंधन करें और अपनी दिनचर्या में अनुशासन लाएं।
    4. योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाएं।

    धार्मिक ग्रंथों में ब्रह्मचर्य का उल्लेख

    भगवद गीता:
    भगवद गीता में ब्रह्मचर्य को आत्मसंयम और ईश्वर भक्ति का मार्ग बताया गया है। गीता में कहा गया है कि आत्म-संयमित व्यक्ति ही सच्चे ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है।

    उपनिषद और वेद:
    उपनिषदों और वेदों में ब्रह्मचर्य को विद्यार्थी जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया गया है। प्राचीन गुरुकुल प्रणाली में ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य था।

    महात्मा गांधी का दृष्टिकोण:
    महात्मा गांधी ने ब्रह्मचर्य को जीवन का मूल आधार माना। उनका मानना था कि ब्रह्मचर्य के बिना कोई भी व्यक्ति आत्मिक उन्नति नहीं कर सकता।


    ब्रह्मचर्य पालन में आने वाली चुनौतियाँ

    1. मन का विचलन:
      मन को नियंत्रित करना सबसे बड़ी चुनौती है। विचारों को सकारात्मक बनाए रखना कठिन हो सकता है।
    2. आधुनिक प्रलोभन:
      आज की दुनिया में मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से व्यक्ति अनावश्यक प्रलोभनों का शिकार हो जाता है।
    3. संगति:
      गलत संगति और वातावरण भी ब्रह्मचर्य के मार्ग में बाधा डालते हैं।
    4. धैर्य की कमी:
      ब्रह्मचर्य के पालन के लिए धैर्य और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है, जो कई लोगों में कमी होती है।

    समाधान:

    • ध्यान और योग का अभ्यास करें।
    • आत्म-नियंत्रण और अनुशासन पर ध्यान दें।
    • प्रलोभनों से दूर रहें और अपनी ऊर्जा को रचनात्मक कार्यों में लगाएं।
    See less
    • 3
    • Share
      Share
      • Share on Facebook
      • Share on Twitter
      • Share on LinkedIn
      • Share on WhatsApp
  • 2 Answers
  • 33 Views
Answer
Anonymous
  • 0
Anonymous
Asked: December 20, 2024In: चुनौतियाँ और समाधान

2025 Me Gandi Video Dekhna Kaise Chhode?

  • 0

bad habitsBrahmacharyabrahmacharya challenge
  1. Ranjan
    Best Answer
    Ranjan Acharya ISKCON devotee
    Added an answer on December 21, 2024 at 4:21 am
    This answer was edited.

    गंदी वीडियो देखने की आदत को छोड़ने के लिए आपको अपनी दिनचर्या और आदतों में बदलाव लाना होगा। नीचे दिए गए उपाय आपकी मदद कर सकते हैं: मोबाइल पर नियंत्रण करें मोबाइल पर ज्यादा समय बिताने से अश्लील सामग्री की ओर झुकाव बढ़ता है। अनावश्यक ऐप्स और वेबसाइट्स को ब्लॉक करें। स्क्रीन टाइम सीमित करें और अपने फोनRead more

    गंदी वीडियो देखने की आदत को छोड़ने के लिए आपको अपनी दिनचर्या और आदतों में बदलाव लाना होगा। नीचे दिए गए उपाय आपकी मदद कर सकते हैं:

    मोबाइल पर नियंत्रण करें

    मोबाइल पर ज्यादा समय बिताने से अश्लील सामग्री की ओर झुकाव बढ़ता है।

    • अनावश्यक ऐप्स और वेबसाइट्स को ब्लॉक करें।
    • स्क्रीन टाइम सीमित करें और अपने फोन का उपयोग केवल जरूरी कामों के लिए करें।
    • रात में सोने से पहले मोबाइल का इस्तेमाल पूरी तरह बंद कर दें।

    नाम जप की आदत डालें

    मन को शुद्ध और स्थिर बनाने के लिए भगवान का नाम जप करना बहुत प्रभावी हो सकता है।

    • रोजाना कम से कम 15-20 मिनट हरि नाम या अपने ईष्टदेव का नाम जप करें।
    • इससे आपका मन सकारात्मक और शांत रहेगा, और अनैतिक विचारों से बचा जा सकेगा।

    OTT प्लेटफॉर्म्स डिलीट करें

    अगर आपका मनोरंजन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले प्लेटफॉर्म्स, जैसे Netflix या अन्य OTT ऐप्स, आपको अश्लील सामग्री दिखाने की ओर आकर्षित करते हैं, तो इन्हें तुरंत हटा दें।

    सोशल मीडिया का सीमित उपयोग करें

    • फेसबुक, इंस्टाग्राम, और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का कम से कम इस्तेमाल करें।
    • केवल उन लोगों और पेजों को फॉलो करें जो सकारात्मक और प्रेरणादायक सामग्री साझा करते हैं।
    • अपने सोशल मीडिया फीड को साफ रखें और खुद पर नियंत्रण रखें।

    सही संगति में रहें

    आपकी संगति का सीधा असर आपके विचारों और आदतों पर पड़ता है।

    • उन लोगों का साथ छोड़ें जो हमेशा अश्लील और अनैतिक बातों पर चर्चा करते हैं।
    • सकारात्मक और प्रेरणादायक लोगों के साथ समय बिताएं।

    आत्म-नियंत्रण विकसित करें

    ब्रह्मचर्य का पालन करना तभी संभव है जब आप अपने मन और इच्छाओं पर नियंत्रण रख सकें।

    • छोटे-छोटे कदमों से शुरुआत करें, जैसे दिनभर की आदतों पर ध्यान देना।
    • नियमित अनुशासन अपनाएं और अपनी सोच को सही दिशा में मोड़ें।

    इन सुझावों को अमल में लाने से आप इस आदत को छोड़ सकते हैं। यह प्रक्रिया धैर्य और नियमित प्रयास मांगती है, लेकिन अगर आप ईमानदारी से प्रयास करेंगे, तो सफलता निश्चित है।

    See less
    • 0
    • Share
      Share
      • Share on Facebook
      • Share on Twitter
      • Share on LinkedIn
      • Share on WhatsApp
  • 1 Answer
  • 27 Views
Answer
Anonymous
  • 1
Anonymous
Asked: December 13, 2024In: ब्रह्मचर्य का पालन कैसे करें?

ब्रह्मचर्य का पालन करते समय किन चीजों से बचना चाहिए?

  • 1

ब्रह्मचर्य का पालन करते समय किन चीजों से बचना चाहिए?

  1. shailendrapedia
    Best Answer
    shailendrapedia Contributor
    Added an answer on December 13, 2024 at 7:04 pm

    ब्रह्मचर्य का पालन करते समय किन चीजों से बचना चाहिए? ब्रह्मचर्य का अर्थ केवल यौन संयम तक सीमित नहीं है; यह जीवन के सभी पहलुओं में आत्म-संयम, अनुशासन और मानसिक शुद्धता का प्रतीक है। इसे सही तरीके से अपनाने के लिए उन चीजों और आदतों से बचना जरूरी है जो मन, शरीर और आत्मा को विचलित करती हैं। नीचे विस्तारRead more

    ब्रह्मचर्य का पालन करते समय किन चीजों से बचना चाहिए?

    ब्रह्मचर्य का अर्थ केवल यौन संयम तक सीमित नहीं है; यह जीवन के सभी पहलुओं में आत्म-संयम, अनुशासन और मानसिक शुद्धता का प्रतीक है। इसे सही तरीके से अपनाने के लिए उन चीजों और आदतों से बचना जरूरी है जो मन, शरीर और आत्मा को विचलित करती हैं। नीचे विस्तार से चर्चा की गई है कि ब्रह्मचर्य का पालन करते समय किन चीजों से बचना चाहिए।


    1. असंयमित विचारों से बचाव

    • नकारात्मक विचार:
      नकारात्मक सोच जैसे ईर्ष्या, क्रोध, द्वेष और अहंकार से बचें। ये मानसिक अशांति का कारण बनते हैं और ब्रह्मचर्य के मार्ग में बाधा उत्पन्न करते हैं।
    • यौन विचार:
      यौन विचारों और कल्पनाओं से बचें, क्योंकि ये ऊर्जा का ह्रास करते हैं। मन को शुद्ध और सकारात्मक बनाए रखने के लिए ध्यान और आत्मचिंतन का सहारा लें।

    2. अनुचित संगति और वातावरण से बचाव

    • असंयमी मित्रता:
      ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखें जो असंयमित जीवनशैली का प्रचार करते हों। संगति का हमारे मन और विचारों पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
    • नकारात्मक वातावरण:
      नकारात्मक और अशांत वातावरण जैसे हिंसा, भोग-विलास, या अनुचित कार्यक्रमों से बचें। ऐसे स्थानों पर रहने से मन विचलित हो सकता है।

    3. अपशब्दों और अनुचित भाषा से बचाव

    • भाषा की शुद्धता:
      अश्लील, अपमानजनक या नकारात्मक भाषा का उपयोग न करें। इसका प्रभाव आपके मन और भावनाओं पर पड़ता है।
    • आचरण में संयम:
      न केवल शब्दों बल्कि व्यवहार में भी संयम रखें। विनम्रता और सौम्यता ब्रह्मचर्य का हिस्सा हैं।

    4. अनियमित दिनचर्या से बचाव

    • सोने और जागने का समय:
      देर रात तक जागने और सुबह देर से उठने की आदत से बचें। नियमित दिनचर्या शरीर और मन को संतुलित रखती है।
    • आलस्य और कामचोरी:
      आलस्य और अनुशासनहीनता ब्रह्मचर्य के शत्रु हैं। हमेशा सक्रिय और सतर्क रहने का प्रयास करें।

    5. असंयमित भोजन और पेय पदार्थों से बचाव

    • मसालेदार और तामसिक आहार:
      तामसिक आहार जैसे मांस, मदिरा, मसालेदार और भारी भोजन मन और शरीर में अशांति पैदा कर सकते हैं। सात्विक आहार अपनाएं, जिसमें फल, सब्जियां और हल्का भोजन शामिल हो।
    • अत्यधिक कैफीन और नशे से बचें:
      चाय, कॉफी, शराब और अन्य मादक पदार्थों का सेवन न करें, क्योंकि ये मन को उत्तेजित करते हैं और ब्रह्मचर्य का पालन कठिन बनाते हैं।

    6. मनोरंजन के असंयमित साधनों से बचाव

    • अश्लील सामग्री से दूरी:
      अश्लील वीडियो, किताबें, और अन्य सामग्री से बचें, क्योंकि ये मन को विचलित करती हैं और ब्रह्मचर्य के नियमों का उल्लंघन करती हैं।
    • अनावश्यक सोशल मीडिया:
      सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग और अनावश्यक चैटिंग से बचें। यह समय और ऊर्जा दोनों की बर्बादी करता है।

    7. इंद्रियों के भोग से बचाव

    • दृश्य:
      जो चीजें मन को विचलित कर सकती हैं, जैसे अनैतिक दृश्य, उनसे बचें। ध्यान रखें कि जो आप देखते हैं, उसका गहरा प्रभाव आपके विचारों पर पड़ता है।
    • श्रवण:
      ऐसे गीत और वार्तालाप सुनने से बचें जो कामुकता या नकारात्मकता को बढ़ावा देते हों।
    • स्पर्श:
      अनावश्यक और अनुचित शारीरिक संपर्क से बचें। इंद्रियों को नियंत्रित रखना ब्रह्मचर्य का मूल है।

    8. मानसिक और भावनात्मक अस्थिरता से बचाव

    • अत्यधिक भावुकता:
      अत्यधिक भावुकता, चाहे वह प्रेम, क्रोध, या दुःख हो, मन को कमजोर कर सकती है।
    • अति-संबंध:
      अत्यधिक जुड़ाव और आसक्ति से बचें, चाहे वह परिवार, मित्र, या समाज से हो। यह मन को स्थिर रखने में मदद करता है।

    9. आलस्य और आत्म-अनुशासन की कमी से बचाव

    • आलस्य:
      आलस्य ब्रह्मचर्य के पालन में सबसे बड़ी बाधा है। नियमित व्यायाम और योग करें।
    • अनुशासन की कमी:
      ब्रह्मचर्य का पालन करने के लिए आत्म-अनुशासन जरूरी है। अपने दैनिक जीवन में नियम और अनुशासन का पालन करें।

    10. आत्म-आलोचना और आत्म-संदेह से बचाव

    • आत्म-संदेह:
      यह सोचना कि आप ब्रह्मचर्य का पालन नहीं कर सकते, मन को कमजोर करता है। सकारात्मक सोच बनाए रखें।
    • आत्म-आलोचना:
      गलतियां करने पर खुद को कठोरता से न आंकें। अपनी गलतियों से सीखकर आगे बढ़ें।

    ब्रह्मचर्य पालन के लिए सहायक उपाय

    1. योग और ध्यान का अभ्यास करें:
      यह मन को शांत करता है और आत्म-संयम में मदद करता है।
    2. सकारात्मक संगति:
      अच्छे और अनुशासित लोगों की संगति में रहें।
    3. सात्विक जीवनशैली:
      भोजन, दिनचर्या, और विचारों में सात्विकता अपनाएं।
    4. आत्मचिंतन:
      दिन में कुछ समय आत्मचिंतन और आध्यात्मिक अभ्यास के लिए निकालें।

    निष्कर्ष

    ब्रह्मचर्य का पालन एक साधना है, जिसे सही तरीके से अपनाने के लिए संयम और अनुशासन जरूरी है। यदि आप उपरोक्त चीजों से बचते हैं और सही दृष्टिकोण अपनाते हैं, तो ब्रह्मचर्य का पालन न केवल आपके जीवन को संतुलित और शांत बनाएगा, बल्कि आपको आत्मज्ञान के मार्ग पर भी ले जाएगा।

    See less
    • 0
    • Share
      Share
      • Share on Facebook
      • Share on Twitter
      • Share on LinkedIn
      • Share on WhatsApp
  • 2 Answers
  • 27 Views
Answer
Karan_160
  • 0
Karan_160
Asked: December 21, 2024In: ब्रह्मचर्य का पालन कैसे करें?

Netra ka brahmcharya kaise palan karen?

  • 0

netra ka brahmcharya kaise palan karen ??
  1. Ranjan
    Ranjan Acharya ISKCON devotee
    Added an answer on December 21, 2024 at 11:02 am

    Bg. 2.70 आपूर्यमाणमचलप्रतिष्ठं समुद्रमापः प्रविशन्ति यद्वत् । तद्वत्कामा यं प्रविशन्ति सर्वे स शान्तिमाप्‍नोति न कामकामी ॥ ७० ॥ Translation A person who is not disturbed by the incessant flow of desires – that enter like rivers into the ocean, which is ever being filled but is always still – can aloRead more

    Bg. 2.70

    आपूर्यमाणमचलप्रतिष्ठं
    समुद्रमापः प्रविशन्ति यद्वत् ।
    तद्वत्कामा यं प्रविशन्ति सर्वे
    स शान्तिमाप्‍नोति न कामकामी ॥ ७० ॥
    Translation

    A person who is not disturbed by the incessant flow of desires – that enter like rivers into the ocean, which is ever being filled but is always still – can alone achieve peace, and not the man who strives to satisfy such desires.

    You have to forget that the world will help you. Bahar ki cheezon ko dekh kar bhi andekha karna parega. Koi bahut exciting thing dekh kar.bhi stir Reyna hoga… Duniya to apne hisab se hi chalegi….and overall surrender to Krishna.

    Hare Krishna

    See less
    • 0
    • Share
      Share
      • Share on Facebook
      • Share on Twitter
      • Share on LinkedIn
      • Share on WhatsApp
  • 1 Answer
  • 27 Views
Answer
Vishnu Gupta
  • 1
Vishnu GuptaYogi
Asked: January 11, 2025In: ब्रह्मचर्य और आध्यात्मिकता

अठारह दिन अठारह अध्याय

  • 1

  1. Vishnu Gupta
    Vishnu Gupta Yogi
    Added an answer on January 11, 2025 at 3:15 pm

    अध्याय-1 कुरुक्षेत्र के युद्धस्थल में सैन्य निरीक्षण धृतराष्ट्र ने कहा: हे संजय! धर्मभूमि कुरुक्षेत्र में युद्ध की इच्छा से एकत्र हुए मेरे तथा पांडु के पुत्रों ने क्या किया? संजय ने कहा: हे राजन! पांडुपुत्रों द्वारा सेना की रचना देखकर राजा दुर्योधन अपने गुरु के पास गया और उसने ये शब्द कहे: "हे आचार्Read more

    अध्याय-1 कुरुक्षेत्र के युद्धस्थल में सैन्य निरीक्षण

    धृतराष्ट्र ने कहा: हे संजय! धर्मभूमि कुरुक्षेत्र में युद्ध की इच्छा से एकत्र हुए मेरे तथा पांडु के पुत्रों ने क्या किया?

    संजय ने कहा: हे राजन! पांडुपुत्रों द्वारा सेना की रचना देखकर राजा दुर्योधन अपने गुरु के पास गया और उसने ये शब्द कहे:

    “हे आचार्य! पांडुपुत्रों की विशाल सेना को देखें, जिसे आपके बुद्धिमान शिष्य द्रुपद के पुत्र ने इतने कौशल से व्यवस्थित किया है। इस सेना में भीम तथा अर्जुन के समान युद्ध करने वाले अनेक वीर धनुर्धर हैं। यथा, महारथी युयुधान, विराट तथा द्रुपद। इनके साथ ही धृष्टकेतु, चेकितान, काशिराज, पुरूजित, कुंतीभोज तथा शैव्य जैसे महान शक्तिशाली योद्धा भी हैं।

    पराक्रमी युधामन्यु, अत्यंत शक्तिशाली उत्तमौजा, सुभद्रा का पुत्र तथा द्रौपदी के पुत्र—यह सभी महारथी हैं। किंतु हे ब्राह्मणश्रेष्ठ! आपकी सूचना के लिए मैं अपनी सेना के उन नायकों के विषय में बताना चाहूंगा, जो मेरी सेना को संचालित करने में विशेष रूप से निपुण हैं। मेरी सेना में स्वयं आप, भीष्म, कर्ण, कृपाचार्य, अश्वथामा, विकर्ण तथा सोमदत्त का पुत्र भूरीश्रवा आदि हैं, जो युद्ध में सदैव विजयी रहे हैं।

    और ऐसे अनेक वीर भी हैं, जो मेरे लिए अपना जीवन त्याग करने के लिए उद्यत हैं। वे विविध प्रकार के हथियारों से सुसज्जित हैं और युद्ध विद्या में निपुण हैं। हमारी शक्ति अपरिमेय है और हम सब पितामह द्वारा भली भाँति संरक्षित हैं, जबकि पांडवों की शक्ति भीम द्वारा भली भाँति संरक्षित होकर भी सीमित है।

    अतः सैन्यव्यूह में अपने-अपने मोर्चों पर खड़े रहकर आप सभी भीष्म पितामह को पूरी-पूरी सहायता दें।”

    तब कुरुवंश के वयोवृद्ध, परम प्रतापी एवं वृद्ध पितामह ने सिंह गर्जन की सी ध्वनि करने वाले अपने शंख को उच्च स्वर में बजाया, जिससे दुर्योधन को हर्ष हुआ। तत्पश्चात शंख, नगाड़े, बिगुल, तुरही तथा सिंह सहसा एक साथ बज उठे। वह समवेत स्वर अत्यंत कोलाहलपूर्ण था।

    दूसरी ओर, श्वेत घोड़ों द्वारा खींचे जाने वाले विशाल रथ पर आसीन कृष्ण तथा अर्जुन ने अपने-अपने दिव्य शंख बजाए। भगवान कृष्ण ने अपना पांचजन्य शंख बजाया, अर्जुन ने देवदत्त शंख तथा अति भोजी एवं अति मानवीय कार्य करने वाले भीम ने पौंड्र नामक भयंकर शंख बजाया।

    हे राजन! कुंतीपुत्र राजा युधिष्ठिर ने अपना अनंत विजय नामक शंख बजाया, तथा नकुल और सहदेव ने सुघोष एवं मणिपुष्पक शंख बजाए। महान धनुर्धर काशिराज, परम योद्धा शिखंडी, धृष्टद्युम्न, विराट, अजेय सात्यकि, द्रुपद, द्रौपदी के पुत्र तथा सुभद्रा के महाबाहु पुत्र आदि सब ने अपने-अपने शंख बजाए।

    इन विभिन्न शंखों की ध्वनि कोलाहलपूर्ण बन गई, जो आकाश तथा पृथ्वी को शब्दायमान करती हुई धृतराष्ट्र के पुत्रों के हृदय को विदीर्ण करने लगी। उस समय, हनुमान से अंकित ध्वजा लगे रथ पर आसीन पांडुपुत्र अर्जुन अपना धनुष उठाकर तीर चलाने के लिए उद्यत हुआ।

    हे राजन! धृतराष्ट्र के पुत्रों को व्यूह में खड़ा देखकर अर्जुन ने श्रीकृष्ण से यह वचन कहे:
    “अर्जुन ने कहा: हे अच्युत! कृपा करके मेरा रथ दोनों सेनाओं के बीच ले चलिए, जिससे मैं यहाँ उपस्थित युद्ध की अभिलाषा रखने वालों को और शस्त्रों की इस महान परीक्षा में जिनसे मुझे संघर्ष करना है, उन्हें देख सकूँ। मुझे उन लोगों को देखने दीजिए जो यहाँ पर धृतराष्ट्र के दुर्बुद्धि पुत्र दुर्योधन को प्रसन्न करने की इच्छा से लड़ने के लिए आए हुए हैं।”

    संजय ने कहा: हे भरतवंशी! अर्जुन द्वारा इस प्रकार संबोधित किए जाने पर भगवान कृष्ण ने दोनों दलों के बीच में उस उत्तम रथ को लाकर खड़ा कर दिया। भीष्म, द्रोण तथा विश्वभर के अन्य समस्त राजाओं के सामने भगवान ने कहा:
    “हे पार्थ! यहाँ पर एकत्र सारे कुरुओं को देखो।”

    अर्जुन ने वहाँ पर दोनों पक्षों की सेनाओं के मध्य में अपने चाचा, ताऊ, पितामह, गुरुओं, मामा, भाइयों, पुत्रों, पौत्रों, मित्रों, ससुर और शुभचिंतकों को भी देखा। जब कुंतीपुत्र अर्जुन ने मित्रों तथा संबंधियों की इन विभिन्न श्रेणियों को देखा, तो वह करुणा से अभिभूत हो गया और इस प्रकार बोला:

    “अर्जुन ने कहा: हे कृष्ण! इस प्रकार युद्ध की इच्छा रखने वाले अपने मित्रों तथा संबंधियों को अपने समक्ष उपस्थित देखकर मेरे शरीर के अंग काँप रहे हैं और मेरा मुख सूख रहा है। मेरा सारा शरीर काँप रहा है, मेरे रोंगटे खड़े हो रहे हैं। मेरा धनुष मेरे हाथ से सरक रहा है और मेरी त्वचा जल रही है।

    मैं यहाँ अब और अधिक खड़ा रहने में असमर्थ हूँ। मैं अपने को भूल रहा हूँ और मेरा सिर चकरा रहा है। हे कृष्ण! मुझे तो केवल अमंगल के कारण दिख रहे हैं।

    हे कृष्ण! इस युद्ध में अपने ही स्वजनों का वध करने से न तो मुझे कोई अच्छाई दिखती है और न ही मैं उससे किसी प्रकार की विजय, राज्य या सुख की इच्छा रखता हूँ। हे गोविंद! हमें राज्य, सुख अथवा इस जीवन से क्या लाभ? क्योंकि जिन सारे लोगों के लिए हम उन्हें चाहते हैं, वे ही इस युद्धभूमि में खड़े हैं।

    हे मधुसूदन! जब गुरुजन, पितृगण, पुत्रगण, पितामह, मामा, ससुर, पौत्रगण, साले तथा अन्य सारे संबंधी अपना-अपना धन एवं प्राण देने के लिए तत्पर हैं और मेरे समक्ष खड़े हैं, तो फिर मैं इन सबको क्यों मारना चाहूँगा, भले ही वे मुझे क्यों न मार डालें।

    हे जीवों के पालक! मैं इन सबों से लड़ने को तैयार नहीं, भले ही बदले में मुझे तीनों लोक क्यों न मिलते हों, इस पृथ्वी की तो बात ही छोड़ दें। भला धृतराष्ट्र के पुत्रों को मारकर हमें कौन-सी प्रसन्नता मिलेगी? यदि हम ऐसे आततायियों का वध करते हैं, तो हम पर पाप चढ़ेगा।

    अतः यह उचित नहीं होगा कि हम धृतराष्ट्र के पुत्रों तथा उनके मित्रों का वध करें। हे लक्ष्मीपति कृष्ण! इससे हमें क्या लाभ होगा? और अपने ही कुटुंबियों को मारकर हम किस प्रकार सुखी हो सकते हैं?

    हे जनार्दन! यद्यपि लोभ से अविभूत चित्त वाले ये लोग अपने परिवार को मारने या अपने मित्रों से द्रोह करने में कोई दोष नहीं देखते, किंतु हम लोग जो परिवार के विनष्ट करने में अपराध देख सकते हैं, ऐसे पापकर्मों में क्यों प्रवृत्त हों?

    कुल का नाश होने पर सनातन कुलपरंपरा नष्ट हो जाती है और इस तरह शेष कुल भी अधर्म में प्रवृत्त हो जाता है। हे कृष्ण! जब कुल में अधर्म प्रमुख हो जाता है, तो कुल की स्त्रियाँ दूषित हो जाती हैं और स्त्रीत्व के पतन से, हे वृष्णवंशी! अवांछित संतानें उत्पन्न होती हैं।

    और अवांछित संतानों की वृद्धि से निश्चय ही परिवार के लिए तथा पारिवारिक परंपरा को विनष्ट करने वालों के लिए नारकीय जीवन उत्पन्न होता है। ऐसे पतित कुलों के पुरखे गिर जाते हैं, क्योंकि उन्हें जल तथा पिंडदान देने की क्रियाएँ समाप्त हो जाती हैं।

    जो लोग कुलपरंपरा को विनष्ट करते हैं और इस तरह अवांछित संतानों को जन्म देते हैं, उनके दुष्कर्म से समस्त प्रकार की सामुदायिक योजनाएँ तथा पारिवारिक कल्याण कार्य विनष्ट हो जाते हैं।

    हे प्रजापालक कृष्ण! मैंने गुरु परंपरा से सुना है कि जो लोग कुलधर्म का विनाश करते हैं, वे सदैव नरक में वास करते हैं। ओहो! कितनी आश्चर्य की बात है कि हम सब जघन्य पापकर्म करने के लिए उद्यत हो रहे हैं। राज्य, सुख भोगने की इच्छा से प्रेरित होकर हम अपने ही संबंधियों को मारने पर तुले हैं।

    यदि शस्त्रधारी धृतराष्ट्र के पुत्र मुझे निहत्थे तथा रणभूमि में प्रतिरोध न करने वाले को मारें, तो यह मेरे लिए श्रेयस्कर होगा।”

    संजय ने कहा: युद्धभूमि में इस प्रकार कहकर अर्जुन ने अपना धनुष तथा बाण एक ओर रख दिया और शोक संतप्त चित्त से रथ के आसन पर बैठ गया।

    ।।बोलिये श्री कृष्ण चंद्र भगवान की जय।।

    See less
    • 1
    • Share
      Share
      • Share on Facebook
      • Share on Twitter
      • Share on LinkedIn
      • Share on WhatsApp
  • 1 Answer
  • 26 Views
Answer
Anonymous
  • 0
Anonymous
Asked: January 10, 2025In: स्वास्थ्य और ब्रह्मचर्य (Health and Brahmacharya)

Masterbation 7 saal se kiya h , kya brahmacharya se recovery ho jaaegi total Umar 19

  • 0

Maine 7 saal tak masterbation kiya h pr ab chhodna chahta hu , kya brahmacharya se shi ho jaaunga umr 19

  1. Rohit_kumar
    Rohit_kumar Pundit
    Added an answer on January 10, 2025 at 3:45 pm

    बात कुछ ऐसी है कि , जब तक आप केवल recovery को ध्यान में रखकर ब्रह्मचर्य का पालन करेंगे तब तक आप पूर्ण रूप से इसका लाभ नहीं उठा पाएंगे। कुछ दिन बिताने के बाद आप व्याकुल हो जाएंगे कि , अरे आज इतने दिन हो गए फिर भी मुझे कोई फर्क नहीं दिख रहा।। ज्यादा तर लोग यही मात खा जाते है , आप अपने बाहरी शरीर को देRead more

    बात कुछ ऐसी है कि , जब तक आप केवल recovery को ध्यान में रखकर ब्रह्मचर्य का पालन करेंगे तब तक आप पूर्ण रूप से इसका लाभ नहीं उठा पाएंगे। कुछ दिन बिताने के बाद आप व्याकुल हो जाएंगे कि , अरे आज इतने दिन हो गए फिर भी मुझे कोई फर्क नहीं दिख रहा।।

    ज्यादा तर लोग यही मात खा जाते है , आप अपने बाहरी शरीर को देख के अंदाजा लगाएंगे जो कि सबसे बड़ी भूल है। आपने आज से बहुत समय पहले गलत क्रिया करनी शुरू की थी , आपका शरीर पहले भीतर भीतर से खोखला होने लगा था और अब जाकर आपकी बाहरी अवस्था ऐसी हो गए है जिसने आपको ब्रह्मचर्य के द्वार पर सिर झुकाने को मजबूर कर दिया है।।

    इसीलिए शरीर की मरमत का का कार्य भी पहले अंदरूनी भाग से शुरू होगा ।।

    इसे 3 चरणों में समझ सकते है_

    1) मरम्मत – सबसे ज्यादा समय इसी प्रक्रिया मै लगेगा , नब्ज नारियां ,मांसपेशियां पोषण ग्रहण करेंगी,   ।(120–240 दिन) सबसे मुश्किल समय।

    2) नॉर्मलाइजेशन – आपका स्वास्थ्य एक साधारण व्यक्ति की तरह हो जाएगा।(240_300दिन)

    3) ब्रह्मचारी – आप एक साधारण पुरुष से ज्यादा ताकतवर हो जाएंगे , आप अपने बल को महसूस कर पाएंगे।(365–400 दिन)

    *आपकी शारीरिक स्थिति के अनुसार ये समय अलग अलग हो सकता है।

    सबसे महत्वपूर्ण बात।

    • 1–30 दिन सा समय सबसे कठिन होगा , इसलिए नहीं क्योंकि आपको परिश्रम करना होगा , बल्कि इसलिए क्योंकि – आपको ऐसा लगने लगेगा कि अब तो शरीर की शक्ति वापस आ ही गई है , चलो फिर वही काम दोहराते है जिसने ईश अवस्था में पहुंचाया था।।।

    brahmacharya एक दिनचर्या है , लेकिन कुछ मूर्ख लोग इसे कोई दवाई मानते है , जब स्वास्थ्य बिगड़ेगा तब दवा लेने से आराम मिलेगा😁 ऐसा समझते है , 90 दिन पूरा करने के बाद ये आपकी पहचान बन जाएगा।। लोग आपको इसी से पहचाने लगेंगे ,, कहेंगे कि वो फलाने का लड़का सर्दी गर्मी बरसात हर मौसम में दौड़ और व्यायाम करते देख जाता है। 

    लोग आपकी मिसाल अपने बच्चों को देंगे , अगर आपने ठीक से पालन कर लिए तो।

    जय श्री राम 🙏

    धन्यवाद 🙏

    See less
    • 6
    • Share
      Share
      • Share on Facebook
      • Share on Twitter
      • Share on LinkedIn
      • Share on WhatsApp
  • 1 Answer
  • 25 Views
Answer
Load More Questions

Sidebar

Ask A Question

Stats

  • Questions 53
  • Answers 117
  • Best Answers 18
  • Groups 4
  • Popular
  • Answers
  • Vishnu Gupta

    आप ब्रह्मचर्य रहने के लिए सुबह कौन कौन से योगाभ्यास ...

    • 12 Answers
  • Vishnu Gupta

    ब्रह्मचर्य और अध्यात्म किस प्रकार एक दूसरे से सम्बन्धित हैं?, ...

    • 10 Answers
  • Vishnu Gupta

    ब्रह्मचर्य नो फैप से किस प्रकार अलग है?, क्या नो ...

    • 9 Answers
  • Ranjan Ghosh
    Ranjan Ghosh added an answer Adhyatma aur naam jap ke Bina Brahmacharya sambhar nahin hain...Aaj… April 29, 2025 at 11:59 am
  • Santos kumar
    Santos kumar added an answer Bro bahut hi galat hai isko aasani se khatm kar… February 5, 2025 at 2:41 am
  • JeetBhakat
    JeetBhakat added an answer भागवत गीता के दूसरे अध्याय से हमें ये सीख मिलती… January 14, 2025 at 3:24 pm

Top Members

shailendrapedia

shailendrapedia

  • 0 Questions
  • 311 Points
Contributor
Vishnu Gupta

Vishnu Gupta

  • 11 Questions
  • 225 Points
Yogi
Ranjan

Ranjan

  • 0 Questions
  • 186 Points
Acharya
Rohit_kumar

Rohit_kumar

  • 5 Questions
  • 100 Points
Pundit
Anoop

Anoop

  • 0 Questions
  • 46 Points
Vidyarthi (Scholar)

Trending Tags

bad habits Brahmacharya brahmacharya challenge Brahmacharya Practice brahmcharya hastmaithun marriage life masterbation kaise chode netra ka brahmcharya kaise palan karen ?? question shaillendrapedia social media solution

Explore

  • Home
  • Add group
  • Groups page
  • Communities
  • Questions
    • New Questions
    • Trending Questions
    • Must read Questions
    • Hot Questions
  • Polls
  • Tags
  • Badges
  • Users
  • Help

Footer

Important Pages

  • Home
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Shipping Policy
  • Return/ Refund Policy
  • App Content Copyright
  • About Us

© 2025 brahmacharya.in All Rights Reserved
With Love by shailendrapedia