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Jin logo ko lagta hai ki mai thick se samasya ka hal nahi kr pata , unhe OTTBharat youtube channel pe ABk sir ka session dekhna chaiye.. Patience rakhna padega 1 se 1.30 ghanta..
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Apna anubhaw bataye🧘♂ Copy paste na kare🙏
@rohit_kumar ji ब्रह्मचर्य पालन से मिलने वाली ऊर्जा को सही दिशा देना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह ऊर्जा आपकी पढ़ाई और लक्ष्य हासिल करने में बहुत मदद कर सकती है। सबसे पहले इसे पहचानना और समझना जरूरी है। जब आप अपने मन और शरीर पर नियंत्रण रखते हैं, तो यह ऊर्जा धीरे-धीरे आपके भीतर एक स्थिर शक्ति के रूप मेंRead more
@rohit_kumar ji ब्रह्मचर्य पालन से मिलने वाली ऊर्जा को सही दिशा देना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह ऊर्जा आपकी पढ़ाई और लक्ष्य हासिल करने में बहुत मदद कर सकती है। सबसे पहले इसे पहचानना और समझना जरूरी है। जब आप अपने मन और शरीर पर नियंत्रण रखते हैं, तो यह ऊर्जा धीरे-धीरे आपके भीतर एक स्थिर शक्ति के रूप में जमा होती है। इसे संभालना और सही जगह पर लगाना आपकी सफलता की कुंजी है।
अगर आप पढ़ाई कर रहे हैं, तो सबसे जरूरी है कि रेगुलर पढ़ाई का रूटीन बनाएं और उसे बनाए रखें। बिनाConsistency के कोई भी लक्ष्य हासिल करना मुश्किल है। हर दिन एक निश्चित समय पर पढ़ाई शुरू करें और अपने शेड्यूल में पढ़ाई को सबसे ऊपर रखें। अगर आपका मन पढ़ाई से भटकने लगे, तो तुरंत एक छोटे टॉपिक पर ध्यान केंद्रित करें। यह आपको वापस ट्रैक पर लाएगा।
इसके साथ ही, माता-पिता की सेवा करना न भूलें। उनके आशीर्वाद से आपके जीवन में स्थिरता और शांति बनी रहती है, जो पढ़ाई और अन्य कामों में मदद करती है। उनका सम्मान करें और उनके लिए समय निकालें। यह आपकी मानसिक ऊर्जा को भी बढ़ाता है।
अभी सर्दी का समय है, तो इस मौसम के हिसाब से भी अपनी दिनचर्या बनाना जरूरी है। सुबह गुनगुना पानी पीने की आदत डालें। इससे शरीर अंदर से गर्म रहता है और ऊर्जा बनी रहती है। पढ़ाई के दौरान बीच-बीच में गर्म चाय, ग्रीन टी या सूप लें, ताकि शरीर हाइड्रेटेड और सक्रिय रहे। ठंड में आलस स्वाभाविक है, लेकिन छोटे-छोटे ब्रेक लेकर खुद को एक्टिव रखें।
इसके अलावा, अपने शरीर को गर्म रखने के लिए सही कपड़े पहनें। ज्यादा भारी कपड़े पहनने से भी बचें, क्योंकि वे असहजता पैदा कर सकते हैं। ध्यान और मेडिटेशन करें, ताकि मानसिक शांति बनी रहे और सर्दी के आलस्य को दूर किया जा सके।
डिजिटल विकर्षण (जैसे मोबाइल और सोशल मीडिया) से बचना भी जरूरी है। पढ़ाई के समय मोबाइल को दूर रखें और खुद से यह सवाल करें कि “क्या यह समय बर्बाद करना मेरे लक्ष्य को पाने में मदद करेगा?” इस सवाल का जवाब ही आपको सही दिशा दिखाएगा।
छोटे-छोटे ब्रेक लेना भी जरूरी है। हर घंटे 5-10 मिनट का ब्रेक लें और इस दौरान टहल लें या हल्का व्यायाम करें। यह आपकी ऊर्जा को रिफ्रेश करेगा।
सबसे जरूरी बात, अपनी पढ़ाई को बोझ नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी और अवसर समझें। माता-पिता के प्रति कृतज्ञता और पढ़ाई के प्रति समर्पण से आपकी ब्रह्मचर्य की ऊर्जा सही दिशा में लगेगी और आपके जीवन को सकारात्मक रूप से बदल देगी।
इस विषय में हम सभी विवेकानंद जी से प्रेरणा ले सकते है🙏
ब्रह्मचर्य और ऊर्जा के सही उपयोग का सबसे प्रेरणादायक उदाहरण स्वामी विवेकानंद का है। उन्होंने अपनी युवावस्था में ब्रह्मचर्य का कठोरता से पालन किया और इसे अपने शारीरिक और मानसिक विकास का आधार बनाया। उनके अनुसार, ब्रह्मचर्य के पालन से एक व्यक्ति अपनी सभी शक्तियों को केंद्रित कर सकता है और असाधारण कार्य कर सकता है।
स्वामी विवेकानंद का मानना था कि ब्रह्मचर्य से प्राप्त ऊर्जा को सही दिशा में लगाकर कोई भी अपने जीवन के उद्देश्य को प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा था, “जो युवा ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं, वे किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।” उनकी स्मरण शक्ति, सीखने की क्षमता और अद्भुत आत्मविश्वास का कारण उनका ब्रह्मचर्य और अनुशासित जीवनशैली थी।
उन्होंने इस ऊर्जा को अपने ज्ञान और ध्यान में लगाया। यही कारण है कि उन्होंने भारतीय संस्कृति और वेदांत के ज्ञान को पूरी दुनिया में फैलाया। उनके जीवन से हमें यह सीख मिलती है कि अगर हम अपने मन और शरीर को नियंत्रित करें और अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाएं, तो हम असंभव को भी संभव कर सकते हैं।
Sardi ke mausam ko dhyan nai rakhkar ke practical dincharya bataye jise aasani se follow kiya ja sake.
सर्दी के मौसम में दिनचर्या कुछ इस तरह से रखनी चाहिए, ताकि सेहत भी ठीक रहे और काम भी बेहतर हो। मैं आपको बताता हूं, अपनी दिनचर्या के हिसाब से अगर आप इसे आजमाए तो बढ़िया होगा। मैं सुबह सबसे पहले गुनगुना पानी पीता हूं, जिससे शरीर डिटॉक्स होता है और दिन की शुरुआत अच्छी होती है। फिर ब्रह्मचर्य ऐप का पहलाRead more
सर्दी के मौसम में दिनचर्या कुछ इस तरह से रखनी चाहिए, ताकि सेहत भी ठीक रहे और काम भी बेहतर हो। मैं आपको बताता हूं, अपनी दिनचर्या के हिसाब से अगर आप इसे आजमाए तो बढ़िया होगा।
मैं सुबह सबसे पहले गुनगुना पानी पीता हूं, जिससे शरीर डिटॉक्स होता है और दिन की शुरुआत अच्छी होती है। फिर ब्रह्मचर्य ऐप का पहला टास्क पूरा करता हूं, क्योंकि सुबह का समय मुझे सबसे ज्यादा प्रोडक्टिव लगता है। इसके बाद हल्की स्ट्रेचिंग या योग करता हूं, ताकि शरीर भी चुस्त रहे।
ऑफिस जाने के लिए सुबह 9 बजे तक तैयार हो जाता हूं। दिनभर ऑफिस के काम के बीच में मैं ब्रह्मचर्य ग्रुप पर डिस्कशन जरूर देखता हूं, इससे मन बना रहता है और दिनभर की ऊर्जा बनी रहती है। लंच में हमेशा हेल्दी खाना ही खाता हूं, फास्ट फूड से दूर रहता हूं। लंच के बाद मैं ब्रह्मचर्य ऐप का दूसरा टास्क पूरा करता हूं और फिर 10 मिनट की वॉक जरूर करता हूं, ताकि पाचन ठीक रहे।
शाम को ब्रह्मचर्य ऐप का तीसरा टास्क पूरा करता हूं। कभी-कभी हल्की वॉक भी कर लेता हूं या फिर सूप पीता हूं, ताकि शरीर में गर्माहट बनी रहे। रात का डिनर हल्का और जल्दी करता हूं, ताकि रात को अच्छी नींद मिल सके। सोने से पहले ब्रह्मचर्य ग्रुप की चैट्स पढ़ता हूं, इससे मन शांत रहता है और दिन का समापन सही तरीके से होता है।
सर्दी हो या गर्मी, यह रूटीन मुझे हमेशा फिट और फोकस्ड रखता है। अगर आप भी इसे अपनाएं, तो आपकी सेहत और काम दोनों बेहतर हो सकते हैं।
अब ये कुछ suggestion है अगर अच्छा लगे । और अगर आप कर पाए तो आप जरूर करिए।
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सर्दी के मौसम में दिनचर्या को मॉडर्न लाइफस्टाइल के हिसाब से इस प्रकार डेवेलप किया जा सकता है। मैं कुछ सुझाव देना चाहता हूं, जो न सिर्फ आपके शरीर और दिमाग को सही रखें, बल्कि आपके काम को भी प्रभावित न करें।
जल्दी उठें, लेकिन आराम से उठें – सर्दी में आलस्य बढ़ जाता है, लेकिन कोशिश करें कि सुबह जल्दी उठें। इसे थोड़ा हल्का रखें, सीधे बिस्तर से बाहर न कूंदें। गुनगुना पानी पीने से शरीर को ताजगी मिलती है।
वर्कआउट और स्ट्रेचिंग – सर्दी में ज्यादा मेहनत करने का मन नहीं करता, लेकिन हल्की स्ट्रेचिंग या योगा जरूर करें। यह शरीर को गर्म और एक्टिव बनाए रखता है।
हइड्रेटेड रहें – सर्दी में लोग पानी कम पीते हैं, लेकिन दिन में कम से कम 2-3 लीटर पानी पीने की आदत डालें। ग्रीन टी, सूप और हर्बल ड्रिंक्स भी फायदेमंद हो सकते हैं।
स्मार्ट ड्रेसिंग – सर्दी में अपनी बॉडी को गर्म रखने के लिए लेयरिंग करें। ज्यादा गर्म कपड़े पहनने से बचें, ताकि अंदर से पसीना न आए और आप असहज महसूस न करें।
पौष्टिक और गर्म खाना – फास्ट फूड से जितना दूर रह सकते हैं, उतना अच्छा। हल्का, गरम खाना जैसे खिचड़ी, सूप, स्टीम्ड वेजिटेबल्स या दाल-चावल पर ध्यान दें। यह शरीर को ऊर्जा देता है और ठंड से भी बचाता है।
ब्रेक्स और शॉर्ट वॉक – लंबे समय तक बैठे रहना शरीर के लिए ठीक नहीं होता। ऑफिस में या घर पर छोटे ब्रेक लें और थोड़ी देर के लिए पैदल चलें। यह आपके दिमाग को ताजगी देगा।
सोने से पहले आराम – सोने से पहले हल्की किताब पढ़ना, संगीत सुनना या रिलैक्सेशन तकनीकों का पालन करना बेहतर होता है, ताकि नींद अच्छी आए और अगले दिन ताजगी महसूस हो।
डिजिटल डिटॉक्स – दिनभर मोबाइल या कंप्यूटर से चिपके रहने से आंखों और दिमाग पर दबाव बढ़ता है। रात को सोने से पहले एक घंटा स्क्रीन से दूर रहकर अपनी मानसिक स्थिति को आराम दें।
इन सुझावों को अपनाकर आप सर्दी के मौसम में भी अपनी दिनचर्या को मॉडर्न लाइफस्टाइल के हि
साब से मैनेज कर सकते हैं।
आपका साथी शैलेंद्र विश्वकर्मा 🙏
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श्री राधे, अगर हम अपना अनुभव बताएं, जो हमने जाना है, तो सबसे पहले जब हम ब्रह्मचर्य के लिए थोड़ा सा सजग हुए थे, जब हमको ये एप और कम्युनिटी मिली थी जुलाई में, तब हमने कुछ ब्रह्मचर्य से रिलेटेड पुस्तकों का अध्ययन शुरु किया था, जिसमें एक प्रतीक प्रजापति की बुक थी, और एक थी ब्रह्मचर्य ही जीवन है, लेकिन अगRead more
श्री राधे,
अगर हम अपना अनुभव बताएं, जो हमने जाना है, तो सबसे पहले जब हम ब्रह्मचर्य के लिए थोड़ा सा सजग हुए थे, जब हमको ये एप और कम्युनिटी मिली थी जुलाई में, तब हमने कुछ ब्रह्मचर्य से रिलेटेड पुस्तकों का अध्ययन शुरु किया था, जिसमें एक प्रतीक प्रजापति की बुक थी, और एक थी ब्रह्मचर्य ही जीवन है, लेकिन अगर आपको सही बताएं तो शुरु शुरु में इनमें लिखी बातें आपको हवा हवाई लग सकती हैं।।
इसलिए हमारा तो यही कहना है कि अगर आप शुरुआती फेज में हो, तो ब्रह्मचर्य की पुस्तकें ना पढ़कर आध्यात्मिक पुस्तक पढ़ें। जैसे हमने भी शुरुआत में ये दो ही पढ़ीं थी, लेकिन हमें जमा नहीं, तो हमने श्री ब्रह्म वैवर्त पुराण का अध्ययन शुरु किया, फिर श्री वाल्मीकि रामायण पढ़ी, और फिर श्रीमद भागवत लिखनी शुरु करी, जी हाँ हमने उसे पढ़ा नहीं बल्कि लिखना स्टार्ट किया, क्योंकि पूज्य महाराज जी रोज सुनाते थे और हम उसे रोज टाइप करते थे क्योंकि हम स्वयं को ज्यादा से ज्यादा व्यस्त रखना चाहते थे उस समय।
फिर भागवत जी का प्रभाव हुआ, हमारी अध्यात्म में और रुचि बढ़ने लगी, ब्रह्मचर्य में स्थित रहने लगे, और जब यह स्थिरता आई तब जाकर फिर से ब्रह्मचर्य को समझना शुरु किया, और कार्य निरंतर प्रगति पर है।
अब तो जगह जगह से ब्रह्मचर्य के बारे में और जानने की लालसा बनी रहती है, और जो नई चीज जहाँ से सीखता हूँ वो या तो इस पोर्टल पर जबाव में लिख देता हूँ या फिर pdf बना कर ग्रुप में डाल देता हूँ।
मै जो भी कुछ लिखता हूँ, अपने मन से एक शब्द भी नहीं लिखता हूँ, बस जो कुछ गुरुजनो से, प्रबुद्ध जनों से जाना है, समझा है, लिख देता हूँ।
आशा है आपको इस जबाब से मदद मिली होगी।।
।।राधे राधे।।