अध्याय-3 कर्मयोग अर्जुन ने कहा, “हे जनार्दन, हे केशव! यदि आप बुद्धि को सकाम कर्म से श्रेष्ठ समझते हैं, तो फिर आप मुझे इस घोर युद्ध में क्यों लगाना चाहते हैं? आपके व्यंग्य मिश्रित उपदेशों से मेरी बुद्धि मोहित हो ...
Brahmacharya App: Self-Control, Peace, and Success Latest Articles
अठारह दिन अठारह अध्याय
Vishnu Guptaअध्याय-2 गीता का सार संजय ने कहा – करुणा से व्याप्त, शोकयुक्त, अश्रुपूरित नेत्रों वाले अर्जुन को देखकर मधुसूदन कृष्ण ने यह शब्द कहे। श्री भगवान ने कहा – हे अर्जुन! तुम्हारे मन में यह कल्मष आया कैसे? यह उस ...
अठारह दिन अठारह अध्याय
Vishnu Guptaअध्याय-1 कुरुक्षेत्र के युद्धस्थल में सैन्य निरीक्षण धृतराष्ट्र ने कहा: हे संजय! धर्मभूमि कुरुक्षेत्र में युद्ध की इच्छा से एकत्र हुए मेरे तथा पांडु के पुत्रों ने क्या किया? संजय ने कहा: हे राजन! पांडुपुत्रों द्वारा सेना की रचना देखकर ...